Wednesday, December 17, 2025
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पिंजरे में फंसते–फंसते बचा आदमखोर, शिकार चट कर भागा गुलदार

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धरगड़ा गांव में दहशत कायम, वन विभाग की बड़ी चूक उजागर

चंपावत। चंपावत जिले के लोहाघाट तहसील के बाराकोट ब्लॉक के धरगड़ा गांव में आतंक का पर्याय बने गुलदार ने एक बार फिर वन विभाग को चकमा दे दिया। बुधवार रात पिंजरे में रखा शिकार तो गुलदार चट कर गया, लेकिन पिंजरे का लॉक फेल होने की वजह से वह आसानी से निकलकर जंगल में गायब हो गया। इससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है और वन महकमा शर्मिंदा।

गुलदार ने ग्रामीण को बनाया था शिकार, दहशत में गांव

मंगलवार, 9 नवंबर की सुबह शौच के लिए निकले ग्रामीण देव सिंह अधिकारी को आदमखोर गुलदार ने मौत के घाट उतार दिया था। घटना के बाद पूरे गांव में दहशत फैल गई। सुरक्षा के लिए वन विभाग ने धरगड़ा गांव व आसपास के क्षेत्रों में तीन पिंजरे लगाए थे।

पिंजरे में घुसा गुलदार, खाया शिकार… लेकिन दरवाज़ा नहीं हुआ लॉक

सुबह जब ग्रामीण पिंजरे के पास पहुंचे तो अंदर रखा शिकार गायब था और पिंजरे का दरवाज़ा आधा खुला मिला। इससे साफ हो गया कि गुलदार पिंजरे में घुसा, शिकार खाया और बिना किसी बाधा के बाहर निकल गया।

ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग ने ऐसे पिंजरे लगाए जिनके दरवाजे तक ठीक से बंद नहीं हो पा रहे।
“अगर पिंजरा लॉक हो जाता तो आज गांव इस आतंक से छुटकारा पा लेता,” ग्रामीणों ने नाराज़गी जताते हुए कहा।

वन विभाग की ‘एक कदम दूर’ वाली नाकामी

वन विभाग के लिए यह घटना बेहद शर्मिंदगी भरी साबित हुई। गुलदार को पकड़ने की सफलता बस एक कदम दूर रह गई। पिंजरे का मैकेनिज़्म फेल होने से पूरा प्रयास बेकार गया।

रेंजर राजेश जोशी बोले—‘दुर्भाग्यपूर्ण चूक, जारी हैं प्रयास’

रेंजर काली कुमाऊं राजेश जोशी ने बताया—
“गुलदार पिंजरे के अंदर पहुंच गया था लेकिन तकनीकी वजह से दरवाजा बंद नहीं हो पाया। हम लगातार प्रयास कर रहे हैं कि आदमखोर को जल्द पकड़ा जाए। लोगों से सतर्कता बरतने की अपील है।”

स्कूलों का समय बदला, क्षेत्र में गश्त तेज

आदमखोर गुलदार के खुलेआम घूमने से पूरे इलाके में डर का माहौल है।

स्कूलों के समय में बदलाव किया गया है

वन विभाग लगातार गश्त कर रहा है

पिंजरों की संख्या और निगरानी बढ़ाई गई है

ग्रामीणों ने शासन–प्रशासन से मांग की है कि या तो गुलदार को जल्द पकड़ा जाए या आदमखोर घोषित कर कार्रवाई की जाए।

चमोली में खाई में गिरी कार, हादसे में 2 महिलाओं समेत 3 की दर्दनाक मौत

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चमोली के देवाल में कार के खाई में गिरने से 3 लोगों की मौत हो गई. सभी शादी समारोह से वापस लौट रहे थे.

थराली: चमोली को विकासखंड देवाल के अंतर्गत कोटेड़ा-मोपाटा मोटर मार्ग पर एक कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई. जिसमें सवार दो महिलाओं समेत 3 लोगों की मौत हो गई. जबकि कार सवार दो अन्य व्यक्ति घायल हो गए. घायलों को स्थानीय लोगों की मदद से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, देवाल लाया गया. जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है.

मिली जानकारी के अनुसार, थानाध्यक्ष विनोद चोरिसया ने बताया कि गुरुवार को देवाल के चौड़ गांव से अलग-अलग परिवारों के कुछ महिलाएं और पुरूष मोपाटा गांवों में आयोजित एक शादी समारोह में भाग लेने गए थे. शादी समारोह से वापस अपने गांव चौड़ और कोटेड़ा के लिए तीन महिलाएं समेत 5 लोग बिना चालक के सड़क मार्ग पर खड़े इकोस्पोर्ट वाहन में सवार हो गए. इसी दौरान मोपाटा के रौल नामक तोक में वाहन ढालदार सड़क पर अपने आप चलने लगा और सीधे गहरी खाई में जा गिरा.

हादसे की सूचना मिलते ही मोपाटा गांव के ग्रामीण राहत एवं बचाव कार्य में जुट गए और घायलों को खाई से निकालकर 108 की मदद से उपचार के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र देवाल पहुंचाया. जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद दो घायलों को हायर सेंटर रेफर किया गया है.

इस दर्दनाक हादसे में 38 वर्षीय बसंती देवी पत्नी कुंवर सिंह, 48 वर्षीय मोहिनी देवी पत्नी मान सिंह की घटनास्थल पर ही मौत हो गई. जबकि इस दुर्घटना में घायल भजन सिंह पुत्र बादर सिंह उम्र 48 वर्ष की अस्पताल पहुंचने से पहले ही एंबुलेंस में मौत हो गई. हादसे में 65 वर्षीय खिलाप सिंह पुत्र नारायण सिंह और 19 वर्षीय ज्योति पुत्री गंगा सिंह गड़िया गंभीर रूप से घायल हो गए. ज्योति कोटेड़ा गांव की निवासी है. जबकि अन्य सभी चौड़ गांव के निवासी हैं.

उधर, हादसे की सूचना मिलते ही देवाल ब्लॉक प्रमुख तेजपाल सिंह रावत, ज्येष्ठ प्रमुख दीपक सिंह गड़िया, पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख हरेंद्र कोटड़ी, मोपाटा के ग्राम प्रधान रूप सिंह कुंवर समेत कई अन्य ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचे और राहत बचाव में सहयोग किया. इस दर्दनाक हादसे के बाद से देवाल क्षेत्र में शोक की लहर छाई हुई है

मुख्यमंत्री धामी कल नैनीताल दौरे पर ये रहेगा शेड्यूल

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नैनीताल : जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 12 दिसंबर को एक दिवसीय दौरे पर नैनीताल जनपद पहुंच रहे हैं।

मुख्यमंत्री का कार्यक्रम इस प्रकार रहेगा

12:10 बजे – देहरादून से हेलीकॉप्टर द्वारा सुंदरखाल स्कूल मैदान हेलीपैड पर आगमन।

12:30 बजे – कार द्वारा हिमगिरी स्टेडियम लेटीबूंगा, मुक्तेश्वर पहुंचना।

पार्टी पदाधिकारियों से भेंट

भीमताल विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्यों का लोकार्पण

जनसभा में संबोधन
02:25 बजे – लेटीबूंगा से सुंदरखाल हेलीपैड के लिए प्रस्थान।

02:45 बजे – सुंदरखाल से हेलीकॉप्टर द्वारा सैनिक स्कूल घोड़ाखाल के लिए उड़ान।

02:55 बजे – सैनिक स्कूल घोड़ाखाल पहुंचकर वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में सहभागिता।

मुख्यमंत्री का यह दौरा क्षेत्र के विकास कार्यों और जनसंपर्क गतिविधियों को समर्पित रहेगा।

नर-भक्षी गुलदार ढेर किया गया, सीएम धामी के निर्देशों का त्वरित अनुपालन

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पौड़ी जनपद के गजेल्ड (गजल्ड) गांव में पिछले कुछ समय से आतंक मचा रहे नर-भक्षी गुलदार को आखिरकार ढेर कर दिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के त्वरित, स्पष्ट और सख्त निर्देशों के बाद वन विभाग ने विशेष शिकारियों की टीम तैनात की थी। लगातार निगरानी, ट्रैकिंग और सघन अभियान के बाद टीम ने गुलदार को सफलतापूर्वक मार गिराया।

मुख्यमंत्री धामी ने घटना को गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिए थे कि ग्रामीणों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसी क्रम में वन विभाग, स्थानीय प्रशासन और शिकार विशेषज्ञों ने समन्वित प्रयास करते हुए यह कार्रवाई पूरी की।

सरकार ने आश्वासन दिया है कि प्रभावित क्षेत्र में सतर्कता और गश्त बढ़ाई जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया है कि उनकी सुरक्षा और जीवन की रक्षा के लिए राज्य सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री धामी ने वन विभाग की समीक्षा बैठक में दिए डीएफओ पौड़ी को हटाने के निर्देश

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वन्यजीव प्रभावित क्षेत्रों में स्कूली नौनिहालों को मिलेगी एस्कार्ट की सुविधा- मुख्यमंत्री

गांव के आस पास झाड़ियों को भी साफ करने के निर्देश, सूचना के 30 मिनट के भीतर मौके पर पहुंचे टीम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में वन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि मानव वन्यजीव संघर्ष को खत्म करने के लिए वन विभाग के साथ ही शासन-प्रशासन के स्तर पर भी प्रभावी प्रयास किये जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटना की सूचना मिलने के 30 मिनट के अन्दर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच जाए। इसके लिए संबंधित डीएफओ और रेंजर की जिम्मेदारी तय की जाए। प्रभावितों को आर्थिक सहायता तत्काल उपलब्ध कराई जाए।

मुख्यमंत्री ने पौड़ी में मानव -वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती घटनाओं के दृष्टिगत पौड़ी के डीएफओ को तत्काल प्रभाव से वहां से हटाने के निर्देश दिये हैं।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन क्षेत्रों में जंगली जानवरों का अधिक भय है, ऐसे क्षेत्रों में स्कूली बच्चों को स्कूल तक छोड़ने और घर तक लाने के लिए वन विभाग और जिला प्रशासन द्वारा एस्कॉर्ट की व्यवस्था की जाए। मानव-वन्यजीव संघर्ष में किसी परिवार से कमाने वाले व्यक्ति की मृत्यु होने पर उनके परिवार को आर्थिक परेशानियों का सामना न करना, ऐसी स्थिति से निपटने के लिए वन विभाग प्रभावित परिवार की आजीविका को सहायता देने के लिए दो सप्ताह के अंदर नीति बनाकर प्रस्तुत करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपदों में मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए जिन भी उपकरणों की आवश्यकता है, उन्हें यथाशीघ्र उपलब्ध कराया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी पहली जिम्मेदारी वन्यजीवों से लोगों के जीवन को बचाना है, इसके लिए नई तकनीक के इस्तेमाल पर विशेष ध्यान दिया जाए। जंगली जानवर आबादी क्षेत्रों में न आये, इसके लिए स्थाई समाधान पर विशेष ध्यान दिया जाए। वन्यजीवों की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में कैमरों के माध्यम से निरंतर नजर बनाये रखें। वन कर्मी लगातार निगरानी रखें, साथ ही ग्रामीणों के साथ अपना संवाद मजबूत रखें। मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तियों के आस पास जंगली झाडियों को अभियान चलाकर साफ किया जाए, साथ ही बच्चों और महिलाओं को विशेष तौर पर आस पास वन्य जीवों की मौजूदगी को लेकर जागरुक किया जाए।

बैठक में वन मंत्री सुबोध उनियाल, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, विनय शंकर पांडेय, सी रविशंकर, प्रमुख वन संरक्षक रंजन मिश्रा, अपर सचिव हिमांशु खुराना शामिल हुए।

महाराज ने एम्स पहुंचकर गुलदार के हमले में घायल कंचन देवी का हालचाल जाना

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देहरादून। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री, चौबट्टाखाल विधायक सतपाल महाराज और भाजपा युवा नेता सुयश रावत ने ऋषिकेश एम्स पहुंचकर गुलदार के हमले में गंभीर रूप से घायल विकासखण्ड पोखड़ा के ग्राम देवराड़ी निवासी 36 वर्षीय श्रीमती कंचन देवी पत्नी अर्जुन सिंह का हालचाल जाना। इस दौरान उन्होंने डाक्टरों से बातचीत कर उनकी देखभाल और उचित इलाज करने को भी कहा।

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प्रदेश के कैबिनेट मंत्री एवं चौबट्टाखाल विधायक सतपाल महाराज और भाजपा युवा नेता सुयश रावत ने गुरुवार को ऋषिकेश एम्स पहुंचकर अपने विधानसभा क्षेत्र में गुलदार के हमले में गंभीर रूप से घायल विकासखण्ड पोखड़ा के ग्राम देवराड़ी निवासी 36 वर्षीय श्रीमती कंचन देवी पत्नी अर्जुन सिंह का हालचाल जाना। इस दौरान उन्होंने डाक्टरों से बातचीत कर उनकी देखभाल और उचित इलाज करने को भी कहा। उन्होंने घटना पर चिंता जताते हुए बुधवार को जिलाधिकारी से वार्ता कर गुलदार के हमले में घायल श्रीमती कंचन देवी को तत्काल एयरलिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश में उनका उपचार करने के निर्देश दिए थे जिसके बाद उन्हें इलाज हेतु एयर एंबुलेंस से एम्स लाया गया था।

श्री महाराज ने अपने विधानसभा क्षेत्र चौबट्टाखाल में जंगली जानवरों के हमलों की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताते हुए वन मंत्री सुबोध उनियाल से वार्ता कर लोगों की सुरक्षा के साथ-साथ बढ़ती घटनाओं का अध्ययन कर उनसे सभी तरह के ऐतिहाती कदम उठने का भी अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण जानवरों के स्वभाव में बदलाव आने के कारण वह खुंखार हो गये हैं। इसके अलावा इस बार अत्यधिक बरसात होने के कारण उनके रहने के स्थान पर नमी होने की वजह से वह सर्दियों दीर्घ निद्रा नहीं ले पा रहे हैं। जंगलों में भोजन की कमी भी एक बड़ा कारण माना जा रहा है जिस कारण वह आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों का रुख कर लोगों पर हमला कर रहे हैं।

उन्होंने ग्रामीण से अनुरोध किया है कि वह कहीं भी अकेले ना जाएं और अपनी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें। भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता सुयश रावत भी इस दौरान उनके साथ रहे।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दी पीआरडी की रैतिक परेड को सलामी, जवानों के लिए की कई घोषणाएं

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राजधानी देहरादून में पीआरडी का स्थापना दिवस में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शिरकत की. इस दौरान सीएम धामी ने पीआरडी जवानों को लेकर कई बड़ी घोषणाए की. सीएम धामी ने कहा कि प्रांतीय रक्षक दल के ‘स्थापना दिवस’ पर आयोजित रैतिक परेड की सलामी ली. साथ ही सभी लोगों को PRD के स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी. सीएम धामी ने इस दौरान पीआरडी के लिए एक विशिष्ट प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करने और ड्यूटी के दौरान जवान के हॉस्पिटल में भर्ती होने पर उसे ड्यूटी पर ही माने जाने समेत कई घोषणाएं की.

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पीआरडी जवानों के लिए महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि विभिन्न परीक्षाओं में उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त करने वाले पीआरडी जवानों के बच्चों को छात्रवृत्ति दी जाएगी. वहीं दिवंगत PRD जवानों के आश्रितों को आर्थिक सहायता भी वितरित की. साथ ही मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पीआरडी जवानों के लिए एक विशेष प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की जाएगी. ड्यूटी के दौरान किसी जवान को अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में उसे ड्यूटी पर ही माना जाएगा.

पीआरडी जवानों के उपचार अवधि में अधिकतम 6 माह तक मानदेय प्रदान किया जाएगा. सीएम धामी ने कहा कि पीआरडी जवान यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने, प्रशासन को आवश्यक सहयोग, सुरक्षा व्यवस्था और कई दायित्वों का कुशलता पूर्वक निर्वहन निष्ठा के साथ कर रहे हैं. दंगों के दौरान ड्यूटी के समय पीआरडी जवान की मृत्यु होने पर परिवार को प्रदान की जाने वाली अनुग्रह राशि को 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 2 लाख रुपए किया गया है.

वहीं अति-संवेदनशील ड्यूटी के दौरान पीआरडी जवान की मृत्यु होने पर अनुग्रह राशि 75 हजार रुपए से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपए कर दिया गया है. सीएम धामी ने कहा कि सरकार ने पीआरडी जवानों के कल्याण एवं उनके हितों की रक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं. करीब 10 सालों की सेवा पूरी करने के बाद सेवानिवृत हुए पीआरडी जवानों को 18 लाख रुपए का एकमुश्त सेवा-भत्ता दिया है. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पीआरडी जवानों ने प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं के दौरान तत्पर से कार्य किया है.

जिसमें पीआरडी जवानों का योगदान काफी महत्वपूर्ण रहा है. कहा कि पीआरडी जवानों ने चारधाम यात्रा के समय भी अपने धैर्य, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ श्रद्धालुओं की सुरक्षित यात्रा को सुनिश्चित किया है. जिसके लिए उन्होंने पीआरडी जवानों का आभार व्यक्त किया.

उत्तराखंड में IPS अफसर ने पुलिस ऑफिस में युवक को नंगा कर पीटा, शिकायत लेकर पहुंचा था

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उत्तराखंड में आईपीएस अफसर लोकेश्वर सिंह युवक को नंगा कर पीटने के मामले में दोषी पाए गए हैं। पीड़ित ने उन पर आरोप लगाया था कि वह पुलिस ऑफिस में शिकायत लेकर पहुंचा था। लोकेश्वर अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं।

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में पूर्व एसएसपी लोकेश्वर सिंह पुलिस ऑफिस में युवक के कपड़े उतरवाकर पीटने के आरोप में दोषी पाए गए हैं। उत्तराखंड राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण में उनके खिलाफ ऐक्शन के निर्देश दिए हैं। प्राधिकरण ने पीड़ित लक्ष्मी दत्त जोशी की शिकायत की जांच के बाद पाया कि आईपीएस अफसर ने पीड़ित को अपने ऑफिस में बुलाकर कपड़े उतरवाए और मारपीट की। प्राधिकरण ने शासन (गृह विभाग) से एसपी लोकेश्वर सिंह के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है। लोकेश्वर सिंह हाल में नौकरी से इस्तीफा दे चुके हैं।

मामला फरवरी 2023 का है। पीड़ित लक्ष्मी दत्त जोशी ने मामले में प्रार्थना पत्र दिया था। इसमें आरोप लगाया गया था कि छह फरवरी 2023 को उन्हें पुलिस अधीक्षक कार्यालय पिथौरागढ़ में एसपी लोकेश्वर सिंह और छह अन्य पुलिसकर्मियों ने बुरी तरह पीटा। इससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि एसपी ने उन्हें पूर्व में भी परेशान किया और उनके खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज कराए।

आईपीएस ने आरोपों को निराधार बताया

पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह ने अपने शपथ पत्र में आरोपों को झूठा और निराधार बताया। उन्होंने कहा कि जोशी आपराधिक किस्म के व्यक्ति हैं। उनके खिलाफ जुआ अधिनियम, मारपीट, और गुंडा अधिनियम सहित कई मुकदमे दर्ज हैं। एसपी ने कहा कि जोशी को केवल वाहनों में आग लगाने की घटनाओं के संबंध में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। पूछताछ के बाद उन्हें परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। सिंह ने मारपीट की घटना से साफ इनकार किया। हालांकि, प्राधिकरण ने एसपी के शपथ पत्रों में गंभीर विरोधाभास पाया। एक शपथ पत्र में कहा गया कि जोशी 6 फरवरी 2023 को पुलिस कार्यालय में उपस्थित नहीं थे। अन्य शपथ पत्रों में पूछताछ के लिए बुलाए जाने की पुष्टि की गई।

मेडिकल जांच में चोट की पुष्टि

शिकायतकर्ता ने सात फरवरी 2023 को मेडिकल जांच कराई थी। इसमें डॉक्टर की राय में चोटें हार्ड एंड ब्लंट ऑब्जेक्ट से आना अंकित था। ये चोटें गिरने से भी आ सकती हैं। शिकायतकर्ता ने छह फरवरी 2023 के पुलिस अधीक्षक कार्यालय के वीडियो फुटेज की मांग आरटीआई के तहत की थी। इसे तकनीकी आधार पर उपलब्ध नहीं कराया गया। प्राधिकरण ने अपने निष्कर्ष में पाया कि इस प्रकरण में साक्ष्य से यह स्पष्ट है कि शिकायतकर्ता को छह फरवरी 2023 को पुलिस अधीक्षक कार्यालय बुलाया गया था, जहां उसके साथ मारपीट और अभद्रता की गई।

प्राधिकरण पीठ ने पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह को दोषी मानते हुए उत्तराखंड पुलिस अधिनियम के अनुसार कार्यवाही की सिफारिश की। पीठ में प्राधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एनएस धानिक, सदस्य अजय जोशी, पुष्पक ज्योति, दयाशंकर पांडे, मोहन चंद्र तिवाड़ी शामिल रहे।

वन्य जीव तस्करी पर एसटीएफ को बड़ी कामयाबी:देहरादून के विकासनगर से भालू के पित्त और जंगली जानवरो के पांच नाखून के साथ दो तस्करों की गिरफ्तारी

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उत्तराखंड में बढ़ती वन्य जीव तस्करी की घटनाओं पर एसटीएफ को बड़ी कामयाबी मिली है उत्तराखंड एसटीएफ ने देहरादून के विकास नगर क्षेत्र से दो तस्करों को गिरफ्तार किया है जिनके पास से भालू की एक पित्त और पांच नाखून बरामद किए गए हैं। एसटीएफ ने दोनों तस्करों पर वन्य जीव वाइल्डलाइफ के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है और दोनों से उनके नेटवर्क के सम्बन्ध में पूछताछ की जा रही है।

विकासनगर क्षेत्र से हुईं है दोनों तस्करों की गिरफ़्तारी

उत्तराखंड एसटीएफ को देहरादून के विकास नगर क्षेत्र से वन्य जीव की तस्करी के मामले में सूचना मिली थी जिसके आधार पर एसटीएफ ने एक टीम बनाकर विकास नगर क्षेत्र में तैनात किया जिसने सूचना के आधार पर विकासनगर यमुनोत्री मार्ग से दो मोटरसाइकिल सवार व्यक्तियों को रोक कर उनकी तलाशी जिनमें से एक व्यक्ति के पास से एक भालू की 155 ग्राम वजनी पित्त और दूसरे व्यक्ति के पास से जंगली जानवरों के पांच नाखून बरामद किया जिसके बाद एसटीएफ ने दोनों व्यक्ति को गिरफ्तार करके दोनों पर वन्य जीव वाइल्डलाइफ एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।

दोनों तस्करों के नेटवर्क के बारे में भी चल रही है छानबीन

देहरादून के विकास नगर क्षेत्र से वन्य जीव अंगों की तस्करी कर रहे तस्करों की गिरफ्तारी के बाद अब एसटीएफ दोनों तस्करों के नेटवर्क को भी तलाश रही है जिन्हें यह दोनों तस्कर वन्य जीव अंग की डिलीवरी देने वाले थे। साथ ही एसटीएफ इन दोनों तस्करों के साथ जुड़े अन्य लोगों की भी तलाश कर रही है वन्य जीव तस्करी के अवैध कारोबार में दोनों तस्करों के साथ हैं।

मुख्यमंत्री धामी की पहल से दून बासमती को नई पहचान, किसानों और महिलाओं को लाभ

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशन में जिला प्रशासन ने विलुप्ति के कगार पर पहुँच चुकी दून बासमती धान को पुनर्जीवित करने का बड़ा अभियान चलाया है। इस पहल के तहत सहसपुर और विकास नगर के किसानों ने दून बासमती की खेती को फिर से बढ़ावा दिया और इसे नए स्वरूप में बाजार तक पहुँचाने में ग्राम उत्थान व कृषि विभाग का पूरा सहयोग मिला।

जिला प्रशासन द्वारा किसानों और महिला स्वयं सहायता समूहों को तकनीकी प्रशिक्षण, क्लाइमेट-फ्रेंडली खेती के तरीके और मार्केट तक पहुँच उपलब्ध कराई गई। इस पहल में 200 से अधिक कुंतल दून बासमती खरीदी गई, जिससे किसानों के खातों में 13 लाख रुपये से अधिक का भुगतान हुआ।

महिला शक्ति ने इस पुनर्जीवन अभियान में अहम भूमिका निभाई है। 200 से अधिक महिला समूहों ने खेती से लेकर प्रसंस्करण और पैकेजिंग तक हर स्तर पर सक्रिय भागीदारी दी, जिससे न केवल दून बासमती की उपज और गुणवत्ता बेहतर हुई, बल्कि महिलाओं की आय और रोजगार के नए अवसर भी बने। हिलान्स और हाउस ऑफ हिमालय के माध्यम से अब दून बासमती को ब्रांड के रूप में स्थापित किया जा रहा है।

जिला परियोजना प्रबंधक रीप कैलाश भट्ट ने बताया कि इस पहल से किसानों को उनकी फसल का 65 रुपए प्रति किलो मूल्य सुनिश्चित हुआ और उन्हें उचित मुनाफा मिला। मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने कहा कि परियोजना का उद्देश्य दून बासमती को परंपरागत तरीके से पुनर्जीवित करना और इसे सर्टिफाइड ब्रांड बनाना है।

किसानों और महिला समूह ने कहा कि दून बासमती अब विलुप्त नहीं होगी और इसकी सुगंध और गुणवत्ता के कारण यह पुनः देहरादून की पहचान बनेगी।