Monday, December 15, 2025
spot_imgspot_imgspot_img
HomeUttarakhand Newsदेहरादून में 28–30 नवम्बर को होगा WSDM 2025 व USSTC 2025, वैश्विक...

देहरादून में 28–30 नवम्बर को होगा WSDM 2025 व USSTC 2025, वैश्विक विशेषज्ञों संग आपदा प्रबंधन पर मंथन

आज देहरादून मे आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस मे यूकाॅस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत ने बताया कि उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) द्वारा विश्व आपदा प्रबंधन शिखर सम्मेलन (WSDM 2025) तथा 20वाँ उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सम्मेलन (USSTC 2025) का आयोजन, 28 से 30 नवम्बर 2025 तक ग्राफिक एरा (डीम्ड-टू-बी) विश्वविद्यालय, देहरादून में आयोजित किए जाएंगे। ये आयोजन हिमालयी क्षेत्र की पारिस्थितिक संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए वैश्विक विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं, वैज्ञानिक संस्थानों, नवोन्मेषकों, युवा नेतृत्व, आपदा प्रतिक्रिया एजेंसियों और समुदाय प्रतिनिधियों को एक मंच पर लाकर भारत की वैज्ञानिक प्रणाली और आपदा प्रबंधन को सुदृढ़ करने का महत्वपूर्ण प्रयास करेंगे। रहेंगे।

विश्व आपदा प्रबंधन शिखर सम्मेलन (WSDM 2025) के उद्घाटन सत्र के अध्यक्ष होंगे माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड, श्री पुष्कर सिंह धामी, जिनके नेतृत्व में राज्य में आपदा प्रबंधन की तैयारी, जलवायु परिवर्तन और समुदाय आधारित वैज्ञानिक जागरूकता को बढ़ावा दिया गया है। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि होंगे डॉ. जितेन्द्र सिंह, जो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, भारत सरकार के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं। उनके मार्गदर्शन और भागीदारी से भारत की विज्ञान-आधारित आपदा प्रबंधन और स्पेस-आधारित प्रौद्योगिकी की प्रतिबद्धता उजागर होती है।

दिनांक 30 नवंबर 2015 को होने वाले समापन सत्र के मुख्य अतिथि होंगे माननीय राज्यपाल उत्तराखण्ड, लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह जी, जिनकी गरिमामयी उपस्थिति समापन समारोह को अत्यंत प्रभावशाली और प्रेरणादायी बनाएगी।

प्रो. दुर्गेश पंत ने बताया कि विज्ञान प्रौद्योगिकी सम्मलेन में कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों की शुरुआत की जाएगी, जिनमें उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान, भागीरथ पुरस्कार और उत्तराखण्ड युवा महिला वैज्ञानिक पुरस्कार शामिल हैं। ये पुरस्कार विज्ञान संचार, आपदा प्रबंधन, जलवायु , सामुदायिक सहभागिता और महिला वैज्ञानिक नवाचारों में उत्कृष्ट योगदान और यूकॉस्ट की वैज्ञानिक प्रतिभा संवर्धन एवं जमीनी स्तर पर वैज्ञानिक सहभागिता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

उत्तराखण्ड का प्रथम राज्य-स्तरीय साइंस एंड टेक्नोलॉजी प्रीमियर लीग 2025 भी इसी अवसर पर आयोजित की जाएगी, जिसका उद्देश्य विज्ञान जागरूकता, जलवायु साक्षरता, नवाचार और आपदा तैयारी को राज्य के प्रत्येक गाँव तक पहुँचाना है। इसमें राज्य के सभी 13 जिलों से टीमें वैज्ञानिक क्विज़, नवाचार प्रदर्शनी, आपदा प्रतिक्रिया चुनौतियों और जलवायु समस्या समाधान प्रतियोगिताओं में भाग लेंगी। यह पहल राज्य में बाल वैज्ञानिक और जलवायु प्रहरी तैयार करने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगी।

विश्व आपदा प्रबंधन शिखर सम्मलेन का मुख्य विषय है, “समुदायों के निर्माण हेतु अंतरराष्ट्रीय सहयोग को सुदृढ़ करना”, और यह 5E Framework (Engage, Educate, Enable, Empower, Excel) पर आधारित है। सम्मेलन का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न बढ़ती चुनौतियों जैसे बाढ़, भूस्खलन, वनाग्नि, हीटवेव, बादल फटना और हिमनद झील जोखिम का समाधान करना और भारत तथा हिमालयी क्षेत्र में वैश्विक सहयोग एवं ज्ञान साझा करने का मंच स्थापित करना है। सम्मेलन में छह प्रमुख प्लेनरी/ विचार विमर्श सत्र आयोजित होंगे, जिनमें आपदा प्रबंधन, जल संसाधन एवं ग्लेशियर खतरे, मानवता की सुरक्षा, हिमालय के संरक्षक, बहु-आपदा जोखिम, तथा पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों के माध्यम से जागरूकता शामिल हैं। इसके अलावा बारह विशेष प्रौद्योगिकी सत्र (STS) आयोजित किए जाएंगे, जिनमें नीति, शिक्षा, अंतरराष्ट्रीय साझेदारी, तकनीकी नवाचार, वित्तीय समाधान और हिमालयन कॉरिडोर लचीलापन से जुड़ी पहलें शामिल हैं।

सम्मेलन में 20 से अधिक कार्यशालाएँ, इंटरैक्टिव मंच और विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जैसे शी फॉर स्टेम (SHE for STEM ) ,जैव विविधता और जैव प्रौद्योगिकी, जल गुणवत्ता निगरानी, वरिष्ठ नागरिकों के लिए नवाचार, भीड़ प्रबंधन प्रशिक्षण, युथ लीडरशिप और समुदायों की आवाज़ आदि। साथ ही एक इनोवेशन और प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी का आयोजन भी होगा, जिसमें राज्य एवं केंद्रीय सरकार, स्टार्टअप, वैज्ञानिक संस्थान और नवोन्मेषक भाग लेंगे, जो पूर्व चेतावनी प्रणालियों, स्पेस-आधारित निगरानी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित जलवायु विश्लेषण और सामुदायिक स्तर की आपदा प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करेंगे। NDRF, SDRF, ITBP, BRO, NIM, NCC, NSS और SSB द्वारा व्यावहारिक प्रदर्शन और बचाव प्रशिक्षण भी आयोजित किए जाएंगे।

यह दोनों सम्मलेन उत्तराखण्ड की वैज्ञानिक क्षमता, नवाचार और जलवायु लचीलापन की दिशा में महत्वपूर्ण मील का पत्थर हैं। ये आयोजन राज्य को एक सशक्त, जागरूक और भविष्य के लिए तैयार उत्तराखण्ड बनाने की दिशा में योगदान देंगे, जिसमें मजबूत वैज्ञानिक आधार, सशक्त समुदाय, सशक्त युवा और वैश्विक स्तर पर सहभागिता, आपदा जोखिम न्यूनीकरण रणनीतियाँ सुनिश्चित होंगी।
वहीं उल्लेखनीय है कि दिनांक 28 नवंबर 2025 प्रातः 10 बजे 20 वें उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सम्मेलन 2025 के प्रारंभिक सत्र के मुख्य अतिथि रहेंगे डा. रमेश पोखरियाल “निशंक” पूर्व शिक्षा मंत्री, भारत सरकार व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड व डा. डीके असवाल, सदस्य, नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट आथोरिटी, भारत सरकार मुख्य वक्ता के रूप मे रहेंगे. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यूकाॅस्ट के प्रबंधक जनसम्पर्क अमित पोखरियाल, संयुक्त निदेशक व आयोजन सचिव डा. डीपी उनियाल, आयोजन सचिव, विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन 2025 प्रहलाद अधिकारी व पुनीत सिंह प्रमुख रुप से उपस्थित रहे

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments