राजभवन में सात से नौ मार्च तक आयोजित होने वाले तीन दिवसीय वसंतोत्सव का आयोजन इस बार भी खास होने जा रहा है। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने इस अवसर पर वसंतोत्सव के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
वसंतोत्सव के इस साल के आयोजन में विशेष आकर्षण जटामांसी पर आधारित एक पोस्टल कवर होगा, जिसे राज्य के पुष्पों की विशेष पहचान के रूप में चुना गया है। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड में पुष्प उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं, जो न सिर्फ राज्य के लिए वरदान साबित हो सकती हैं, बल्कि इसे वैश्विक स्तर पर भी पहचान दिला सकती हैं।
यह आयोजन उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों, हस्तशिल्प, और कुटीर उद्योगों को प्रमोट करने का एक बड़ा मंच प्रदान करता है, जहां स्थानीय कारीगरों, किसानों, महिला समूहों और युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि वे आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें।
राज्यपाल ने यह भी बताया कि उत्तराखंड की जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियां पुष्प उत्पादन के लिए अत्यंत अनुकूल हैं, और यहां पाए जाने वाले दुर्लभ एवं औषधीय गुणों वाले फूल वैश्विक बाजार में एक खास पहचान बना सकते हैं। इस आयोजन के माध्यम से उत्तराखंड को ‘पुष्प प्रदेश’ के रूप में विकसित करने और पुष्प पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं।
यह आयोजन न सिर्फ प्रदेश की सांस्कृतिक, आर्थिक और पर्यावरणीय पहचान को मजबूती देगा, बल्कि उत्तराखंड को ग्रीन टूरिज्म हब के रूप में भी पहचान दिला सकता है।
इस मौके पर राज्यपाल के साथ कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे, जिनमें रविनाथ रामन, स्वाति एस भदौरिया, मनुज गोयल, दीप्ति सिंह, डॉ. नितिन उपाध्याय, और डॉ. रतन कुमार शामिल थे।