शुक्रवार को भारत-चीन सीमा पर स्थित चमोली जिले के माणा क्षेत्र में हुए भारी हिमस्खलन में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए बचाव अभियान सुबह से जारी है। आज प्रदेश के कई जिलों में बारिश के आसार हैं, और चमोली में हिमस्खलन का खतरा भी बरकरार है। बचाव कार्य अब भी जारी है। सड़कें अवरुद्ध होने के कारण कुल छह हेलिकॉप्टरों को लोगों को निकालने के लिए तैनात किया गया है।
लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव, पीआरओ डिफेंस देहरादून के अनुसार, अब तक 47 में से 23 मजदूरों को जोशीमठ पहुंचाया जा चुका है। दुर्भाग्यवश, एक घायल व्यक्ति की मौत हो गई है और एक अन्य की स्थिति गंभीर है। घायलों को प्राथमिकता के आधार पर निकाला जा रहा है।
बीआरओ के कर्मियों को माणा में हिमस्खलन से बचाकर हवाई मार्ग से जोशीमठ लाया जा रहा है। अब तक 55 फंसे कर्मियों में से 47 को बचा लिया गया है।
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने चमोली में हुए हिमस्खलन पर कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार वहां के श्रमिकों को बचाने के लिए उत्तराखंड सरकार के साथ लगातार संपर्क में है। हम ईश्वर से उनकी सुरक्षित वापसी की प्रार्थना करते हैं और श्रमिकों के परिजनों से भी संपर्क बनाए रखे हैं।
भा.ज.पा. के राष्ट्रीय महासचिव और उत्तराखंड पार्टी प्रभारी दुष्यंत गौतम ने कहा कि बचाव अभियान निरंतर चल रहा है। लोगों की जान बचाना हमारी प्राथमिकता है और सीएम धामी के नेतृत्व में बचाव दल और राज्य सरकार पूरी तरह से सक्रिय हैं।
आइटीबीपी के जवान माणा में रेस्क्यू कार्य में लगे हैं। चार घायलों को एम्स में लाए जाने की संभावना है, जिसके लिए एम्स को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चार घंटे के भीतर दूसरी बार आपदा परिचालन केंद्र का दौरा किया। चमोली में हिमस्खलन और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं। मुख्यमंत्री लगातार अपडेट ले रहे हैं और कहा कि हम प्रभावित परिवारों के साथ खड़े हैं।
मुख्यमंत्री जोशीमठ आर्मी हेलीपेड पहुंचे, जहां उन्होंने घायलों का हाल जाना। माना में हुए हिमस्खलन के रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान जीओसी इन सी सेंट्रल कमांड, ले. जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता और अन्य अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचने वाले हैं।
एक और घायल मजदूर को ज्योर्तिमठ लाया गया है। अब आठ मजदूरों की तलाश जारी है, और सुबह से 10 मजदूरों को जवानों ने रेस्क्यू कर लिया है। अब तक कुल 47 मजदूरों को बचा लिया गया है।
चमोली के माणा में हिमस्खलन के बाद एसडीआरएफ मुख्यालय ने अलर्ट जारी किया और तीन हाई एल्टीट्यूट रेस्क्यू टीमों को जौलीग्रांट, सहस्रधारा और गोचर में तैनात किया। मौसम साफ होते ही, टीमों ने रेस्क्यू उपकरणों के साथ हेलिकॉप्टर से उड़ान भरी। इन टीमों में बर्फ में रेस्क्यू के लिए जरूरी उपकरण भी शामिल किए गए हैं।
पुलिस महानिदेशक रिधिम अग्रवाल ने कहा कि हाई एल्टीट्यूट रेस्क्यू के लिए तीन टीमों को तैनात किया गया है और वे घटनास्थल पर रवाना हो चुकी हैं।
माणा में फंसे मजदूरों को बचाने का अभियान जारी है, और उम्मीद जताई जा रही है कि बाकी मजदूरों को भी सुरक्षित बाहर निकाला जाएगा। घटनास्थल से प्राप्त जानकारी के अनुसार, फंसे मजदूर एक कंटेनर में हैं, जो पूरी तरह से बर्फ से ढक चुका है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली के माणा क्षेत्र के लिए देहरादून से प्रस्थान किया। गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे भी उनके साथ थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएम धामी से फोन पर बात की और माणा में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने प्रदेश में हो रही बारिश और हिमपात की स्थिति पर भी जानकारी ली और केंद्र सरकार से हर प्रकार की सहायता का आश्वासन दिया।
यदि मौसम अनुकूल रहता है, तो मुख्यमंत्री धामी शनिवार को घटनास्थल पर जाकर स्थिति का जायजा ले सकते हैं। उन्होंने रेस्क्यू के लिए वायुसेना और यूकाडा के हेलिकॉप्टरों को भी शामिल करने के निर्देश दिए हैं।
उत्तराखंड के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में शुक्रवार को भारी हिमस्खलन हुआ, जिसमें 55 मजदूर बर्फ में दब गए। शुक्रवार शाम तक 33 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया था, लेकिन 22 मजदूरों का कुछ पता नहीं चल पाया था। मौसम खराब होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन रोकना पड़ा था, लेकिन शनिवार को फिर से अभियान शुरू किया गया है।