Wednesday, December 17, 2025
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कुंभ में देवभूमि की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन:सीएम धामी बोले- 2027 कुंभ में उत्तराखंड की देवडोलियों की भव्य शोभायात्रा होगी

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि हरिद्वार में वर्ष 2027 में आयोजित होने वाले कुम्भ मेला में उत्तराखंड की देवडोलियों और लोक देवताओं के प्रतीकों और चल विग्रहों के स्नान और शोभा यात्रा की भव्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ मेला हमारी महान धार्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत का महापर्व है। हरिद्वार में आयोजित होने वाले कुम्भ मेले में राज्य की देवडोलियों के दिव्य स्नान एवं भव्य शोभायात्रा के आयोजन के माध्यम से देश-दुनिया से आने वाले श्रद्धालु देवभूमि उत्तराखंड के धार्मिक वैभव और समुद्ध लोक परंपरा के साक्षी बनने का सौभाग्य अर्जित कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री धामी से इस संबंध में मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में श्री देवभूमि लोक संस्कृति विरासतीय शोभा यात्रा समिति के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट कर कुम्भ मेला में देवडोलियों की शोभायात्रा हेतु आवश्यक व्यवस्थाएं किए जाने का आग्रह किया था। प्रतिनिधिमंडल में समिति के कार्यकारी अध्यक्ष हर्षमणी व्यास सहित अन्य पदाधिकारी सम्मिलित थे।

मुख्यमंत्री धामी 7 दिसंबर को करेंगे अल्मोड़ा का दौरा:विजयपुर और धनखल में विभिन्न कार्यक्रमों में लेंगे हिस्सा

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अपर जिलाधिकारी युक्ता मिश्र ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 7 दिसंबर 2025 को अल्मोड़ा जिले का दौरा करेंगे। उनका यह दौरा धनखल क्षेत्र में केंद्रित रहेगा।

निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, मुख्यमंत्री दोपहर 3 बजकर 15 मिनट पर ग्राम विजयपुर तोक धनखल स्थित अस्थायी हेलिपैड पर पहुंचेंगे।

हेलिपैड से वे 3:25 बजे प्रस्थान कर 3:30 बजे ग्राम धनखल, द्वाराहाट पहुंचेंगे। यहां मुख्यमंत्री 3:45 बजे तक ठहरेंगे।

इसके बाद, वे 3:45 बजे धनखल से वापस रवाना होंगे और 4:00 बजे पुनः अस्थायी हेलिपैड विजयपुर तोक धनखल पहुंचकर देहरादून के लिए प्रस्थान करेंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की दूरदर्शी हरित नीति का परिणाम, सिटी फॉरेस्ट पार्क बना देहरादून की नई पहचान

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सैलानियों को भा रहा सिटी फॉरेस्ट पार्क, पर्यटकों ने की एमडीडीए द्वारा दी जा रही सुविधाओं की तारीफ

पार्क की हर दिन बढ़ती जा रही है लोकप्रियता, बड़ी संख्या में प्रतिदिन पहुंच रहें है लोग, पार्क से सहस्त्रधारा क्षेत्र में बढ़ी पर्यटन की संभावनाएँ- बंशीधर तिवारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की दूरदर्शी सोच और हरित-शहरीकरण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का परिणाम सिटी फॉरेस्ट पार्क आज देहरादून की नई जीवनधारा बन चुका है। उद्घाटन के बाद से ही यह पार्क न केवल स्थानीय निवासियों की पहली पसंद बनकर उभरा है, बल्कि राज्य के विभिन्न हिस्सों से आने वाले सैलानियों के लिए भी आकर्षण का प्रमुख केंद्र बन गया है। बच्चों, युवाओं, वरिष्ठ नागरिकों और पर्यटकों से भरपूर इस पार्क ने शहर को एक नई ऊर्जा, नई पहचान और प्रकृति से जुड़ने का स्वच्छ वातावरण प्रदान किया है। एमडीडीए द्वारा विकसित यह पार्क आधुनिक हरित अवसंरचना और प्राकृतिक सौंदर्य का दुर्लभ संगम प्रस्तुत करता है।

सिटी फॉरेस्ट पार्क में लगातार बढ़ रही आवाजाही
आज सुबह उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी सिटी फारेस्ट पार्क के निरीक्षण पर पहुंचे। जहां उन्होंने एमडीडीए द्वारा दी जा रही तमाम सुविधाओं का निरीक्षण किया व पार्क में हो रहे कार्यों को लेकर अधिकारियों से फीड बैक लिया। इस दौरान उन्होंने पार्क भ्रमण के लिए आये लगभग 1 हजार से अधिक स्कूली बच्चों, छात्र-छात्राओं और उनके परिजनों तथा विभिन्न राज्यों से आए पर्यटकों से भी विस्तार से बातचीत की। और पार्क को लेकर फीडबैक लेने के साथ ही एमडीडीए द्वारा दी जा रही सुविधाओं को लेकर भी बातचीत की। इस दौरान सभी ने एक स्वर में एमडीडीए द्वारा विकसित सुविधाओं, स्वच्छता, सुरक्षा और पार्क के प्राकृतिक माहौल की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

मुख्यमंत्री धामी की दूरदृष्टि का साकार रूप
उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने कहा कि सहस्त्रधारा रोड स्थित सिटी फॉरेस्ट पार्क, जो लगभग 12.45 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित किया गया है, देहरादून की नई पहचान बन रहा है। यह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसे आधुनिक हरित विकास, पर्यावरण संरक्षण और शहरी स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि यह पार्क प्रकृति, योग, आयुर्वेद, फिटनेस, बच्चों के खेल, पर्यटन और शांत वातावरण इन सभी का अनूठा मिश्रण है। यहां आते ही शहर का शोर पीछे छूट जाता है और एक प्राकृतिक वन जैसी अनुभूति मिलती है, जो देहरादून जैसे तेजी से विकसित होते शहर के लिए अत्यंत आवश्यक है।

उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने कहा सिटी फॉरेस्ट पार्क के शुभारंभ के बाद से हर दिन बड़ी संख्या में लोग यहाँ पहुंच रहे हैं। स्थानीय परिवारों के साथ-साथ राज्य के अलग-अलग जिलों से आए सैलानी भी यहां की प्राकृतिक सुंदरता और आधुनिक सुविधाओं का अनुभव लेने आ रहे हैं। खास बात यह है कि पार्क बच्चों की पहली पंसद बन चुका है। प्रतिदिन माता-पिता के साथ ही जनपद व अन्य शहरों से भी बड़ी संख्या में स्कूलों के बच्चे और छात्र-छात्रायें यहां एजुकेशन व पर्यावरण टूर के लिए पहुंच रहे हैं। सभी पार्क में एक नए तरह का शिक्षाप्रद वातावरण पाकर बेहद उत्साहित दिखाई देते हैं। प्राकृतिक रास्तों पर टहलना, ट्री हाउस में खेलना और खुले वातावरण में सीखना बच्चों को अत्यंत पसंद आ रहा है।

शिक्षा, मनोरंजन और प्रकृति का संगम
आज पार्क में बच्चों की असाधारण भीड़ रही। स्कूलों से आए छात्र प्राकृतिक पगडंडियों पर घूमे, बांस के बने गज़ेबो में बैठे, ट्री हाउस और बच्चों के भूलभुलैया क्षेत्र (डं्रम) में खूब खेलते दिखे। शिक्षकों ने बताया कि देहरादून में बच्चों के लिए इतना सुरक्षित और विशाल प्राकृतिक ओपन स्पेस मिलना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है।

वन जैसी शांति, शहर जैसी सुविधा
इस पार्क का विकास इस तरह किया गया है कि प्राकृतिक ढलान, पेड़-पौधों का आवरण, मौसमी नाले और मिट्टी की बनावट को यथावत रखा जा सके। इस कारण यहां का हर कोना जंगल जैसा सौम्य और शांत अनुभव प्रदान करता है।

पार्क की मुख्य विशेषताएँ–
1.2 किमी वन-वॉक फिटनेस ट्रेल
3.5 मीटर चौड़ा प्राकृतिक परिधि मार्ग
आधुनिक साइकिल ट्रैक
प्राकृतिक ढलानों में बना डं्रम (बच्चों की भूलभुलैया)
झूला पुल, ध्यान एवं योग स्थल
एक्यूपंक्चर ज़ोन
रंग-बिरंगे फूलों की क्यारियाँ
खुले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों हेतु ओपन एयर थिएटर
आकर्षक ट्री हाउस, बांस गज़ेबो
स्केटिंग रिंक, पठन क्षेत्र, पेबल वॉक, कैफेटेरिया
जैव विविधता को समर्पित वेटलैंड रिस्टोरेशन ज़ोन

इन सुविधाओं के कारण यह पार्क स्वस्थ जीवनशैली, मनोरंजन, शिक्षा और पर्यटन चारों को एक साथ समाहित करता है।

देहरादून का सबसे बड़ा आधुनिक हरित ढांचा
एमडीडीए ने लगभग 40.07 करोड़ रुपये की लागत से इस पार्क को आधुनिक हरित अवसंरचना का उत्कृष्ट मॉडल बनाने का लक्ष्य रखा है। पार्क का प्रवेश द्वार महासू देवता मंदिर की शैली में तैयार किया गया है, जो सांस्कृतिक सौंदर्य को आधुनिकता के साथ जोड़ता है। सुव्यवस्थित पार्किंग, टिकट घर, सूचना केंद्र, स्वच्छ शौचालय, पेयजल फव्वारे, आरामदायक बेंच, मुख्य पथ, जल पौधों वाला एक्वाटिक एरिया, परिदृश्य-आधारित वॉकवे और पूरे क्षेत्र में सफाई के उचित प्रबंध ये सब एमडीडीए की गुणवत्तापूर्ण कार्यप्रणाली को दर्शाते हैं।

सैकड़ो की संख्या में प्रतिदिन पहुंच रहे पर्यटक व स्थानीय लोग
उद्घाटन के बाद से रोजाना बड़ी संख्या में लोग पार्क में सैर, जॉगिंग, योग, फोटोग्राफी और पारिवारिक समय बिताने के लिए आ रहे हैं। बुजुर्गों के लिए सुरक्षित बैठने की व्यवस्था, महिलाओं के लिए फिटनेस ट्रैक और बच्चों के लिए सुरक्षित ओपन-प्ले एरिया इसे परिवारों का सबसे पसंदीदा गंतव्य बना रहा है।

पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा
सिटी फॉरेस्ट पार्क से सहस्त्रधारा क्षेत्र में पर्यटन की संभावनाएँ और बढ़ी हैं। इससे स्थानीय दुकानदारों, कैफे, छोटे व्यवसायों, गाइडों और रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी। एमडीडीए का मानना है कि यह पार्क आने वाले समय में देहरादून की पर्यटन-छवि को नई ऊंचाई देगा।

हरित-पर्यटन पहचान का प्रमुख स्तंभ होगा पार्क – बंशीधर तिवारी
उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने कहा कि बच्चों की भारी उपस्थिति ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह पार्क नई पीढ़ी के लिए अत्यंत उपयोगी और प्रेरणादायक बनेगा। उन्होंने कहा, “यह पार्क बच्चों की मुस्कान, युवाओं की ऊर्जा और परिवारों की खुशी को प्रकृति के बीच जोड़ने वाला एक जीवंत केंद्र बनेगा। आने वाले समय में यह देहरादून का धड़कता दिल और राज्य की हरित-पर्यटन पहचान का प्रमुख स्तंभ होगा।”

पार्क देहरादून की हरित धरोहर है- मोहन सिंह बर्निया
सचिव मोहन सिंह बर्निया ने कहा कि सिटी फॉरेस्ट पार्क केवल एक पार्क नहीं, बल्कि राजधानी का हरित भविष्य है। यहाँ प्रकृति, स्वास्थ्य, योग, आयुर्वेद, बच्चों का खेल, पर्यटन और आधुनिक शहरी सौंदर्य सभी एक साथ मौजूद हैं। आने वाले वर्षों में यह पार्क देहरादून की पहचान और गौरव बनेगा।

DM और सीडीओ ने ‘‘वॉक फॉर डिस्एबिलिटी’’ कार्यक्रम में प्रतिभागकर 300 बौद्धिक दिव्यांगजनों‌ को किया प्रेरित

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डीएम संग अर्ली मॉर्निंग वॉक बढा गई बौद्धिक दिव्यांग जनों का हौसला

बौद्धिक दिव्यांग समाज के अभिन्न अंग; उनके हितो की रक्षा; सुलभ वातावरण मुहैया कराना हमारा परम दायित्वः डीएम

बौद्धिक दिव्यांगजनों को मुख्यधारा में जोड़ना है लक्ष्य; सरकार; प्रशासन निरंतर प्रयासरत्

देहरादून। विश्व दिव्यांग सप्ताह के अवसर पर रफेल होम संस्था द्वारा दिव्यांगजनों के प्रति जागरूकता एवं संवेदनशीलता बढ़ाने हेतु एक जागरूकता ‘‘वॉक फॉर डिस्एबिलिटी’’  का आयोजन किया गया।‘‘वॉक फॉर डिस्एबिलिटी’’ का शुभारंभ जिलाधिकारी  सविन बंसल एवं मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने दून लाइब्रेरी चौक से गुब्बारे उड़ाकर किया। इस आयोजन में लगभग 300 बौद्धिक दिव्यांगजन, बच्चे शामिल हुए।

जिलाधिकारी सविन बसंल  एवं मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने स्वयं बच्चों के साथ ‘‘वॉक फॉर डिस्एबिलिटी’’ में पैदल चलते हुए दिव्यांगजनों को प्रोत्साहित किया। जिलाधिकारी ने बच्चों से संवाद कर उनका उत्साहवर्धन किया तथा समाज में समावेशन और समान अवसर सुनिश्चित किए जाने के प्रति जिला प्रशासन की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

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‘‘वॉक फॉर डिस्एबिलिटी’’ दून लाइब्रेरी चौक से प्रारम्भ होकर विकास भवन चौक, एस्लेहॉल  से होते हुए  पुनः लाइब्रेरी चौक लौटकर सम्पन्न हुई। मार्ग में प्रतिभागियों ने दिव्यांगजन अधिकार, समावेशी शिक्षा, सुलभता (Accessibility) तथा सामाजिक जागरूकता संबंधी संदेशों के साथ समाज को संवेदनशील बनाने का आह्वान किया।जिलाधिकारी ने कहा कि बौद्धिक दिव्यांगजन समाज का अभिन्न हिस्सा हैं और उनके अधिकारों की रक्षा, कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करना तथा उनके लिए सुलभ वातावरण तैयार करना जिला प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। उन्होंने रफेल होम संस्था द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को मुख्यधारा में जोड़ना उद्देश्य है, तथा इस क्षेत्र में जो संस्थाएं कार्य कर रही हैं उनका प्रयास सराहनीय है। मा0 मुख्यमंत्री की भी प्राथमिकता है कि ऐसी आबादी को मुख्यधारा से जोड़ना है।  दिव्यांग जनों का उत्साहवर्धन करने हेतु ब्राइटलैंड स्कूल के लगभग 50 छात्राओं द्वारा स्लोगन के साथ प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के अधिकारी, शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि एवं समाजसेवी संगठनों के सदस्य उपस्थित रहे। ‘‘वॉक फॉर डिस्एबिलिटी’’ के समापन पर प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया गया। कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, मुख्य कार्यकारी अधिकारी रफेल होम प्रियालाल, प्रधानाध्यापक सुरभि, मेघा सहित ब्राइटलैंड स्कूल के शिक्षकों एवं छात्र/छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया ।

रामनगर से सनसनीखेज़ घटना, 78 वर्षीय बुज़ुर्ग की गोली लगने से मौत, फोरेेंसिक टीम पहुंची मौके पर

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रामनगर। ग्राम उमेदपुर में रविवार सुबह एक 78 वर्षीय बुज़ुर्ग की संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से मौत हो गई। मृतक की पहचान रसपाल सिंह पूरेवाल के रूप में हुई है। अचानक हुई इस घटना से पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई और गांव में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

सूचना मिलते ही परिजनों ने पुलिस को घटनाक्रम से अवगत कराया। पुलिस टीम तुरंत मौके पर पहुँची और शव को कब्ज़े में लेकर पंचनामा भरने की कार्रवाई शुरू की।

पुलिस ने घटनास्थल को घेराबंदी कर बारीकी से निरीक्षण किया। आसपास के ग्रामीणों से पूछताछ की जा रही है ताकि घटना का कारण पता लगाया जा सके।प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह हादसा था, आत्मघाती कदम या फिर किसी अन्य कारण से हुई वारदात। पुलिस सभी संभावित पहलुओं पर जांच का दायरा बढ़ा रही है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए फोरेंसिक टीम भी मौके पर पहुँच गई है, जो घटनास्थल से मिले साक्ष्यों की वैज्ञानिक जांच कर रही है।
फिलहाल पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अन्य तकनीकी जांच का इंतज़ार कर रही है, जिसके बाद ही मौत के असली कारणों का खुलासा हो सकेगा।

मुर्शिदाबाद: निलंबित TMC विधायक हुमायूं कबीर आज रखेंगे ‘बाबरी मस्जिद’ की नींव, सुरक्षा कड़ी

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मुर्शिदाबाद (प. बंगाल) में निलंबित TMC विधायक हुमायूं कबीर आज बेलडांगा में प्रस्तावित ‘बाबरी मस्जिद’ की नींव रखेंगे। कार्यक्रम को लेकर जिले में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। कबीर ने कहा कि कोई भी ताकत उन्हें रोक नहीं सकती और हाई कोर्ट के आदेशों का पालन किया जाएगा। सुबह से ही बड़ी संख्या में लोग ईंटें लेकर समारोह स्थल पर जुट रहे हैं। केंद्रीय बलों और स्थानीय पुलिस द्वारा कड़े इंतज़ाम किए गए हैं। विवाद बढ़ने के बाद TMC ने 4 दिसंबर को कबीर को पार्टी से निलंबित कर दिया था।

रामनगर-हल्द्वानी मार्ग पर अब सांभर के साथ सेल्फी नहीं ले पाएंगे लोग, वन विभाग ने किया रेस्क्यू

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रामनगर में रामनगर-हल्द्वानी मार्ग पर लंबे समय से दिख रहे सांभर को रेस्क्यू कर लिया गया है.

रामनगर: लंबे समय से रामनगर-हल्द्वानी मार्ग पर कोसी बैराज के पास लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बने सांभर को आखिरकार वन विभाग ने सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया है. लगातार पर्यटक और राहगीर उसके साथ सड़कों पर सेल्फी ले रहे थे. वहीं कई लोग उसे बिस्कुट जैसे अनुपयुक्त खाद्य पदार्थ भी खिला रहे थे. जिसके बाद वन विभाग ने सांभर को रेस्क्यू करने का विचार बनाया.

इस सांभर हिरण की वजह से रामनगर–हल्द्वानी मार्ग पर कई बार जाम की स्थिति भी बन रही थी. रामनगर वन प्रभाग के रेंज अधिकारी शेखर तिवारी ने बताया कि वन्यजीव और आम जनता की सुरक्षा को देखते हुए डॉ. साकेत बडोला के निर्देश पर रामनगर वन विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कोसी बैराज से सांभर को सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर लिया.

रेस्क्यू के बाद इस सांभर हिरण को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व क्षेत्र में स्थित रेस्क्यू सेंटर भेजा गया, जहां अब उसकी पूरी देखरेख विशेषज्ञों द्वारा की जाएगी. खास बात यह है कि यह रेस्क्यू सेंटर में लाया गया पहला सांभर हिरण है. बता दें कि केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (Central Zoo Authority) ने 23 मार्च 2025 को इस रेस्क्यू सेंटर की क्षमता बढ़ाने की स्वीकृति दी थी. इसके तहत अब यहां 32 बाघ, 48 गुलदार, 5 हाथी, विभिन्न प्रजातियों के हिरणों तथा कुमाऊं क्षेत्र में पहली बार घायल पक्षियों के इलाज की भी अनुमति मिल चुकी है.

उत्तराखंड में फ्लाइट के साथ रेल यात्रियों की भी बढ़ी मुश्किलें, कई ट्रेन कैंसिल, कुछ शॉर्ट टर्मिनेट

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उत्तराखंड के देहरादून हरिद्वार और ऋषिकेश से चलने वाली कई ट्रेनों को कैंसिल और शॉर्ट टर्मिनेट किया गया.

देहरादून: हवाई यात्रा के साथ-साथ उत्तराखंड में ट्रेन मार्ग पर भी असर पड़ा है. देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर जहां दोपहर एक बजे तक चार फ्लाइड कैंसिल हुई है तो वहीं रेलवे ने कुछ ट्रेनों को कैंसिल किया है, जिससे यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है.

रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश के चलने वाले करीब 24 ट्रेन अगले पांच दिनों तक प्रभावित करेंगी. कई ट्रेनों के रद्द किया गया है तो कुछ ट्रेनों शॉर्ट टर्मिनेट.

रेलवे ने पहले ही एक अपील जारी की थी, जिसमें यह बताया गया था कि गढ़वाल की तरफ आने वाली ट्रेनों को कुछ समय के लिए कैंसिल या शॉर्ट टर्मिनेट किया जा सकता है. क्योंकि इस मार्ग पर पड़ने वाले रेलवे पुलों की मरम्मत का काम आज से शुरू होगा.

देहरादून रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार आने वाले पांच दिनों तक 24 ट्रेन है, जिनमें लगभग 58 फेरे होते हैं. वह प्रभावित रहेंगी. देहरादून-अमृतसर लाहोरी एक्सप्रेस 14631/14632 अगले तीन दिनों तक रद्द रहेगी.

इसके साथ ही सहारनपुर पैसेंजर 10 दिसंबर तक पूरी तरह से रद्द रहेगी. इसके अलावा जो ट्रेन देहरादून तक आती है, उन्हें संभावित हरिद्वार, लक्सर या रुड़की में ही रोका जाएगा. वहीं से वह ट्रेन चलेगी. कई यात्री देहरादून से फ्लाइट कैंसिल होने के बाद यदि कुछ यात्री ऋषिकेश, हरिद्वार या देहरादून से ट्रेन पकड़ने की सोच रहे है तो उन्हें भी थोड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.

ये ट्रेनों देरी से चलेगी: देहरादून से दिल्ली जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन भी सात दिसंबर तक करीब एक घंटा देरी से चलेगी. इसके साथ ही दिल्ली से आने वाली अलग-अलग तीन ट्रेन का समय भी बदल गया है. लिंक एक्सप्रेस 8 दिसंबर को देहरादून से देरी से चलेगी. यह देरी लगभग 2 घंटे की हो सकती है. इसी के साथ राप्ती गंगा एक्सप्रेस भी 8 दिसंबर को मुजफ्फरनगर से 3 घंटे देरी से चलेगी. इसके साथ ही कुछ ट्रेन देहरादून नहीं आएगी, जिसमें हावड़ा देहरादून उपासना एक्सप्रेस रविवार और सोमवार को हरिद्वार तक ही आएगी.

इसके साथ ही वंदे भारत एक्सप्रेस जो कि लखनऊ से देहरादून के लिए चलती है, वह भी हरिद्वार तक ही आएगी. दिल्ली-देहरादून शताब्दी एक्सप्रेस भी हरिद्वार तक आएगी. जबकि मसूरी एक्सप्रेस 9 दिसंबर को हरिद्वार तक ही आएगी. इसके साथ ही कोटा से आने वाली नंदा देवी एक्सप्रेस भी 9 ओर 10 दिसंबर को हरिद्वार तक ही आएगी.

गढ़वाल सांसद ने संसद में उठाया वन्यजीव हमलों का मुद्दा

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उत्तराखंड में लगातार बढ़ रहे वन्यजीव हमलों को लेकर गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी ने शुक्रवार को लोकसभा में गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से पहाड़ों में भालू और गुलदार के हमले खतरनाक स्तर तक बढ़ गए हैं और हालात कर्फ्यू जैसे बनते जा रहे हैं।

सांसद बलूनी ने संसद में केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि पिछले तीन हफ्तों में चार लोगों की मौत और 15 से ज्यादा लोगों के घायल होने की घटनाएं साबित करती हैं कि यह अब सामान्य परिस्थिति नहीं है। बच्चों का स्कूल से निकलना, महिलाओं का जंगल जाना और ग्रामीणों का रोजमर्रा का काम करना खतरे से खाली नहीं है।

उन्होंने इस मुद्दे पर वन मंत्री भूपेंद्र यादव से तुरंत कदम उठाने, विशेषज्ञ टीम भेजने और आधुनिक पिंजरों सहित संसाधनों की आपूर्ति बढ़ाने की अपील की। बलूनी ने एक्स पर भी पोस्ट कर इसे “जनसुरक्षा का गंभीर संकट” बताया और कहा कि इसके लिए ठोस रणनीति तुरंत लागू करनी होगी।

लोकसभा में बलूनी ने कही ये 3 बड़ी बातें…

  • गढ़वाल में मैन-एनिमल कॉन्फ्लिक्ट अपने चरम पर: सांसद बलूनी ने कहा माननीय सभापति जी, मैं आपके माध्यम से, सरकार से और हमारे वन मंत्री आदरणीय भूपेंद्र यादव जी भी यहां बैठे हैं उनसे भी आग्रह है कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में और विशेषकर गढ़वाल लोकसभा जो क्षेत्र है उसमें पिछले कई दिनों से मैन एनिमल कॉन्फ्लिक्ट अपने चरम पर है। माननीय सभा पति जी, पिछले तीन हफ्ते के अंदर चार लोगों की मौत हो गई है तेंदुए के हमले के कारण, और पिछले कुछ दिनों में इसमें वृद्धि आई है। 15 से अधिक लोग घायल हुए हैं। पिछले तीन हफ्ते में भालू के हमले अचानक बढ़े हैं। इस मौसम में आमतौर पर भालू के हमले नहीं होते थे वो भी तेजी के साथ हो रहे हैं।
  • स्कूल तक बच्चे नहीं भेज पा रहे, कर्फ्यू जैसे हालात: पहाड़ों पर बच्चों को लोग स्कूल भेजना बंद कर रहे हैं, क्योंकि बच्चों पर तेजी से हमले हो रहे हैं।अंधेरा होते ही पहाड़ों पर कर्फ्यू जैसी हालत हो जा रही है।इतना ज्यादा मैन एनिमल कॉन्फ्लिक्ट बढ़ा है।
  • WII की टीम तुरंत भेजी जाए, आधुनिक पिंजरों की जरूरत: उन्होंने आगे कहा- मेरा वन मंत्री जी से आग्रह है कि इसमें राज्य की मदद करनी चाहिए, संसाधनों की आवश्यकता है बहुत बड़ी मात्रा में।हम लोगों को नए आधुनिक पिंजरों की जरूरत है। मेरा आग्रह है कि वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (WII) की जो टीम है, उसे तुरंत उत्तराखंड भेजना चाहिए, ये जानने के लिए कि आखिर अचानक से इन हमलों में तेजी क्यों आई है, इसकी जांच होनी चाहिए।इसके साथ ही जो लोग अपने परिजनों को खो रहे हैं, उनकी वन विभाग द्वारा या फिर भारत सरकार द्वारा और क्या क्या मदद हो सकती है, उसका ध्यान रखा जाना चाहिए।

हरिद्वार मोर्चरी में लापरवाही: चूहों ने शव कुतरा, परिजनों का हंगामा—जांच व कार्रवाई की मांग तेज

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हरिद्वार। जिला अस्पताल की मोर्चरी में गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। शुक्रवार रात से मोर्चरी में रखे पंजाबी धर्मशाला, ज्वालापुर के मैनेजर लखन शर्मा उर्फ लकी (36) के शव को चूहों द्वारा कुतर दिए जाने की घटना ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

शनिवार सुबह जब परिजन पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी पहुंचे तो उन्होंने देखा कि शव के चेहरे, सिर और एक आंख पर गहरे घाव थे। मोर्चरी के अंदर चूहे दौड़ते नजर आए, जिसके बाद परिजन भड़क उठे और अस्पताल परिसर में हंगामा कर दिया।

जानकारी के अनुसार, लखन शर्मा की शुक्रवार शाम अचानक हृदयगति रुकने से मौत हो गई थी। देर शाम परिजन शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी लाए थे, लेकिन प्रक्रिया अगले दिन सुबह के लिए टाल दी गई। इसी दौरान रात में शव को चूहों ने नुकसान पहुंचा दिया।

घटना की सूचना मिलते ही कांग्रेस नेता भी मौके पर पहुंच गए और मोर्चरी व्यवस्था व स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ नारेबाजी की। परिजनों का आरोप है कि मोर्चरी में सुरक्षा और सफाई की स्थिति बदहाल है, जिसके कारण शव भी सुरक्षित नहीं रह पा रहे।

हंगामे के बावजूद स्वास्थ्य विभाग का कोई जिम्मेदार अधिकारी मौके पर देर तक उपस्थित नहीं हुआ, जिससे परिजनों और कार्यकर्ताओं का आक्रोश और बढ़ गया। सभी ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई और मोर्चरी व्यवस्था की जांच की मांग की है।