रुद्रप्रयाग की महिलाएं बद्री गाय के गोबर से आकर्षक दीये तैयार कर रही हैं. ये स्वदेशी के साथ स्वरोजगार का भी एक अच्छा जरिया है.
रुद्रप्रयाग: दीपावली का पर्व नजदीक आते ही चारों ओर उल्लास, प्रकाश और उत्साह का वातावरण है. इसी क्रम में जनपद रुद्रप्रयाग की महिलाएं अपनी मेहनत और रचनात्मकता से इस पर्व को विशेष बना रही हैं. ब्लॉक जखोली के अंतर्गत जय रुद्रनाथ स्वायत सहकारिता समिति जवाड़ी से जुड़ी हिमाद्री महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाएं बद्री गाय के गोबर से आकर्षक दीपक एवं जड़ी-बूटियों से बनी धूप का निर्माण कर रही हैं.
समूह की अध्यक्ष गुड्डी देवी ने बताया कि उन्होंने अब तक तीन हजार से अधिक पर्यावरण हितैषी दीपक तैयार किए हैं. जिनकी बाज़ार में अच्छी मांग देखी जा रही है. उन्होंने यह भी बताया कि मुनि की रेती में आयोजित सरस आजीविका मेला 2025 में 500 से अधिक दीपक विक्रय किए गए हैं. इस पहल से न केवल घरों को स्वदेशी रोशनी से सजाने का अवसर मिल रहा है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता और आजीविका के नए द्वार भी खुल रहे हैं. इन महिलाओं की ओर से निर्मित गोबर आधारित दीये न केवल पर्यावरण संरक्षण का उदाहरण हैं, बल्कि स्थानीय संसाधनों के उपयोग से आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक सशक्त कदम भी हैं. इस पहल से महिलाओं में आत्मविश्वास और स्वावलंबन की भावना का विस्तार हो रहा है.
मुख्य विकास अधिकारी रुद्रप्रयाग राजेंद्र सिंह रावत ने समूह की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि “स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा निर्मित स्वदेशी दीपक आत्मनिर्भर भारत और महिला सशक्तिकरण का उत्कृष्ट उदाहरण हैं. इस प्रकार के नवाचार न केवल आर्थिक मजबूती प्रदान करते हैं बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन को भी प्रोत्साहित करते हैं. प्रशासन द्वारा ऐसे प्रयासों को आगे भी पूरा सहयोग दिया जाएगा. इस तरह रुद्रप्रयाग की ग्रामीण महिलाएं दीपावली पर न केवल अपने घरों को बल्कि अपने परिश्रम और नवाचार से आत्मनिर्भरता की ज्योति से पूरे जनपद को जगमगा रही हैं.