देहरादून उत्तराखंड विधानसभा सत्र में एक माननीय आचरण का खुला मखौल उड़ाते नजर आए है। राज्य की सबसे बड़ी जनप्रतिनिधि अदालत में माननीय का आचरण कुछ ऐसा नजर आए जिसको लेकर सत्ता पक्ष के नेता सदन भी काफी नाराज नजर आए।
वाकया उस समय देखने को मिला जब विपक्ष के सदस्य महामहिम के अभिभाषण के समय वेल में आकर हंगामा कर रहे थे, सरकार के बजट भाषण को शालीनता से सुनने के बजाय विपक्ष के एक सदस्य अपने आचरण की सीमा को तोड़ते देखे गए जो सदन में चर्चा का विषय बना रहा। ऐसे आचरण की उम्मीद चुने हुए सदस्य से उनकी जनता ने भी नहीं की होगी।

अपनी विधानसभा के मुद्दों को उठाए जाने के लिए ऐसे प्रतिनिधि कितने सजग है, इसको बानगी सदन में नजर आई। पूरे राज्य की जनता बजट से जहां सरकार से उम्मीद करती नजर आ रही है ऐसे में चुने हुए एक प्रतिनिधि अपने आचरण से पूरी विधानसभा में चर्चा का केंद्र बन गए। सवाल ये उठ रहा है क्या ऐसे चुने हुए प्रतिनिधि जनता की समस्याओं को कैसे सदन में उठाएंगे जिसका आचरण सबसे बड़ी जनप्रतिनिधि अदालत में राज्य की छवि को तार तार करता देखा गया।
नेता सदन ने विपक्ष के सदस्यों के हंगामे पर मीडिया से बात करते हुए कहा सदन में विपक्ष का हंगामा किया जाना साबित करता है, विपक्ष सदन को सुचारू रूप से नहीं चलने देना चाहता बेहतर होता विपक्ष अपनी अपनी बात को प्रमुखता से उठा कर सरकार के सामने अपनी बात रखते, लेकिन हंगामे के कारण सदन में महामहिम के अभिभाषण के समय सदस्यों का हल्ला किया जाना विकास विरोधी है।
सीएम धामी ने कहा राज्य सरकार बजट में हर वर्ग के लिए नई उम्मीद से आगे राज्य को ले जाने की परिकल्पना को साकार करना चाहती है ताकि जनता तक विकास की किरण पहुंच सकें लेकिन विपक्ष सिर्फ हंगामे तक सीमित है जिसको राज्य की जनता देख रही है।