मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का विधानसभा में विपक्ष के आरोपों का तीखा जवाब और उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे राज्य की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ को दर्शाते हैं। उन्होंने जो जवाब दिया, वह न केवल विपक्ष के आरोपों को नकारता है, बल्कि यह भी बताता है कि उनकी सरकार का फोकस विकास और कार्यों पर है, न कि सिर्फ राजनीति पर।
गैरसैंण के विकास का मुद्दा भी मुख्यमंत्री ने मजबूती से उठाया और इस पर विपक्ष के आरोपों को नकारते हुए बताया कि उन्होंने इस क्षेत्र को राजनीति का नहीं, बल्कि विकास का मुद्दा बनाया है। साथ ही, उन्होंने अन्य मुद्दों जैसे नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण, और दंगा विरोधी कानून की बात भी की, जो उनकी सरकार के कामकाज की दिशा को स्पष्ट करते हैं।

मुख्यमंत्री का भ्रष्टाचार के मामले में तंज भी दिलचस्प था, खासकर विपक्षी नेताओं के खनन और शराब के पट्टे बांटने के आरोपों के संदर्भ में। यह न केवल उनकी सरकार की ईमानदारी को पेश करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि मुख्यमंत्री किसी भी तरह के आरोपों से बचने के बजाय सख्त कदम उठाने के पक्ष में हैं।
जहां तक विपक्ष के आरोपों की बात है, मुख्यमंत्री ने कोविड के दौरान की राजनीति और वैक्सीनेशन से जुड़ी विपक्ष की भूमिका पर भी प्रहार किया। ऐसे बयान यह स्पष्ट करते हैं कि सरकार अपनी कार्यों की रिपोर्ट जनता के सामने रखने का दावा कर रही है और किसी भी प्रकार के आरोपों का जवाब देने के लिए तैयार है।
इन सब बातों के बीच, मुख्यमंत्री का यह कहना कि “हमने जो कहा, उसे किया” और “झूठे सपने नहीं दिखाए” उन मतदाताओं को सीधा संदेश है जो सरकार के कामकाज पर सवाल उठा रहे हैं।