Sunday, December 7, 2025
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39 कॉलेजों की 1790 नई नर्सिंग सीट्स को संस्तुति प्रदान

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में नर्सिंग पाठ्यक्रम संचालन हेतु गठित एम्पावर्ड समिति की बैठक आयोजित हुयी। बैठक के दौरान समिति द्वारा विभिन्न मेडिकल एवं नर्सिंग कॉलेजों को नर्सिंग कोर्स संचालन एवं सीट वृद्धि की संस्तुति दी गयी।

मुख्य सचिव ने नर्सिंग कोर्स संचालन हेतु संस्थानों के आवेदनों को विभिन्न स्तरों में छंटनी करने के बजाय इसके लिए सिंगल विंडो सिस्टम तैयार किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इससे संस्थानों को आवेदन करने से लेकर शासन से स्वीकृति की प्रक्रिया में सरलता आएगी। उन्होंने तत्काल इस दिशा में कार्य शुरू किए जाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि संस्थानों द्वारा आवेदन किए जाने से लेकर विभिन्न चरणों की प्रक्रिया की एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी शीघ्र तैयार की जाए।

बैठक के दौरान समिति द्वारा 39 कॉलेजों की 1790 नई नर्सिंग सीट्स को संस्तुति प्रदान की गयी। सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि स्टेट नर्सिंग काउंसिल में वर्ष 2024 तक पंजीकृत नर्सों की कुल संख्या 21541 है। वर्तमान में सरकारी एवं प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों में 9806 लोगों का नर्सिंग प्रशिक्षण चल रहा है।
इस अवसर पर सचिव श्री दिलीप जावलकर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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नारायण परगाई – उत्तराखंड के डिजिटल पत्रकारिता के अग्रदूत पूरा नाम: नारायण परगाई जन्म स्थान: देहरादून, उत्तराखंड पेशा: वरिष्ठ पत्रकार, डिजिटल मीडिया विशेषज्ञ, सामाजिक विश्लेषक प्रसिद्धि: उत्तराखंड के पहले डिजिटल न्यूज़ पोर्टल के संस्थापक, सोशल मीडिया पत्रकारिता के जनक परिचय नारायण परगाई उत्तराखंड की पत्रकारिता जगत का एक जाना-पहचाना नाम हैं। देहरादून से आने वाले इस वरिष्ठ पत्रकार ने राज्य में डिजिटल पत्रकारिता की नींव रखने का कार्य किया। वे उन पहले पत्रकारों में शामिल हैं जिन्होंने समाचार को प्रिंट और टीवी की सीमाओं से बाहर निकालकर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया। इस दिशा में उन्होंने उत्तराखंड का पहला डिजिटल न्यूज़ पोर्टल शुरू किया, जिसने राज्य में ऑनलाइन खबरों की परंपरा को जन्म दिया। पत्रकारिता में योगदान नारायण परगाई जी को अक्सर “सोशल मीडिया का जनक” कहा जाता है क्योंकि उन्होंने न केवल सोशल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से समाचारों का प्रसार किया, बल्कि आम जनता को सूचना और संवाद के नए युग से जोड़ा। उनकी रिपोर्टिंग शैली तथ्यपरक, सामाजिक सरोकारों से जुड़ी और तकनीकी दृष्टि से आधुनिक मानी जाती है। उन्होंने समय-समय पर उत्तराखंड के सामाजिक, राजनीतिक और प्रशासनिक मुद्दों पर बेबाक लेखन किया है। उनके सुझाव और विश्लेषण न केवल पत्रकारों बल्कि सरकारी विभागों के लिए भी मार्गदर्शक सिद्ध होते हैं। नवाचार और तकनीकी दृष्टि नारायण परगाई जी नए विचारों और तकनीकी रुझानों को अपनाने के लिए जाने जाते हैं। वे निरंतर डिजिटल मीडिया, सोशल नेटवर्किंग, और नई पत्रकारिता तकनीकों पर कार्य कर रहे हैं। नई जानकारी, जनहितकारी विषयों और शासन-प्रशासन से जुड़ी खबरों को आधुनिक प्रस्तुति देने में उनकी विशेष पहचान है। प्रभाव और प्रेरणा देहरादून और पूरे उत्तराखंड में पत्रकारिता से जुड़े युवा नारायण परगाई को प्रेरणा स्रोत मानते हैं। उनकी कार्यशैली में ईमानदारी, तत्परता और नवीनता का समावेश है। वे मानते हैं कि “समाचार सिर्फ खबर नहीं, समाज को जोड़ने का माध्यम है।” उपलब्धियाँ और सम्मान उत्तराखंड में पहला डिजिटल न्यूज़ पोर्टल शुरू करने वाले पत्रकार सोशल मीडिया आधारित पत्रकारिता को मुख्यधारा में लाने का श्रेय कई समाचार संस्थानों व सामाजिक संगठनों द्वारा पत्रकारिता में नवाचार हेतु सम्मानित राज्य में डिजिटल जागरूकता और पारदर्शिता को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निष्कर्ष नारायण परगाई न सिर्फ एक पत्रकार हैं, बल्कि उत्तराखंड में डिजिटल सोच और मीडिया क्रांति के प्रतीक हैं। उनकी पहल ने यह साबित किया कि सच्ची पत्रकारिता समय के साथ बदल सकती है, लेकिन उसका उद्देश्य हमेशा एक ही रहता है — “सत्य को समाज तक पहुँचाना।”
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