लक्सर के परवेज आलम को बिजनौर के शाहबुद्दीन और लईक ने मास्को में नौकरी लगाने का झांसा दिया, फर्जी हवाई टिकट भेजा
लक्सर: हरिद्वार जिले में विदेश भेजने के नाम पर एक युवक के साथ ठगी का मामला सामने आया है. युवक से 2.47 लाख रुपए हड़प लिए गए. बिजनौर निवासी आरोपी दो सगे भाइयों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने बिजनौर निवासी दो सगे भाइयों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.
विदेश भेजने के नाम पर युवक से ठगी: लक्सर के नस्तरपुर उर्फ नसीरपुर गांव निवासी परवेज आलम ने बताया कि बीते साल नवंबर में उसकी मुलाकात आरोपित शाहबुद्दीन और लईक निवासीगण ग्राम भागीजोत थाना अफजलगढ़ जिला बिजनौर उत्तर प्रदेश से हुई थी. आरोपितों ने उसे कहा कि उनकी जान पहचान कई जगह है. वह उसकी रूस की एक कंपनी में नौकरी लगवा देंगे.
मास्को भेजने के नाम पर ठगे 2.47 लाख रुपए: इसके लिए उन्होंने 2 लाख से अधिक का खर्च आने की बात कही. परवेज के अनुसार, आरोपितों पर भरोसा करते हुए उसने उन्हें 2.47 लाख रुपये दे दिए. इसके बाद उन्होंने उसे 2 जुलाई को मॉस्को का वीजा और हवाई जहाज का टिकट दिया. 6 जुलाई को उसे दिल्ली से मॉस्को जाना था. उसका पासपोर्ट और कंपनी की नौकरी के कागज उन्होंने उसे एयरपोर्ट पर ही देने को कहा.
फर्जी निकला रूस जाने का टिकट: 6 जुलाई को वह एयरपोर्ट पहुंच गया. उसने फोन करके आरोपितों से पासपोर्ट और नौकरी के कागजात मांगे तो आरोपितों ने उससे 30 हजार की मांग करते हुए कहा कि रकम देने पर ही वह उसे पासपोर्ट और कागजात देंगे. इस पर उसे संदेह हुआ तो उसने अपना टिकट एयरपोर्ट पर दिखाया, जहां उसका टिकट फर्जी निकला. उसने आरोपितों को फोन किया तो उन्होंने उसे गाली गलौज करते हुए फोन बंद कर दिया. इसके बाद से ठगी का पता चला. मामले में पुलिस को शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर उसे कोर्ट की शरण लेनी पड़ी.
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा: कोतवाली प्रभारी राजीव रौथाण ने बताया कि-
कोर्ट के आदेश पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. मामले की जांच की जा रही है. जांच उपरांत अग्रिम कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
-राजीव रौथाण, कोतवाली प्रभारी-
पहले भी हो चुकी हैं नौकरी के नाम पर ठगी: गौरतलब है कि साइबर ठगी और विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़े के कई मामले उत्तराखंड में सामने आ चुके हैं. पुलिस लोगों को लगातार सावधान रहने को लेकर चेतावनी भी जारी कर रही है. इसके बावजूद लोग साइबर ठगों और नौकरी के नाम पर ठगने वालों के चंगुल में फंस रहे हैं.



