हरिद्वार में वैवाहिक संस्था को मजबूत बनाने हेतु चिंतन बैठक सम्पन्न, प्री-वेडिंग काउंसलिंग पर बल
हरिद्वार, हरिद्वार में एक अत्यंत महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य समाज में तेजी से बढ़ रही तलाक की प्रवृत्ति पर गंभीर विमर्श करना और उसके संभावित समाधान तलाशना था। यह बैठक परम पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज के पावन सान्निध्य में सम्पन्न हुई।
बैठक में वक्ताओं ने इस बात पर गहरा विचार व्यक्त किया कि आज विवाह केवल एक सामाजिक अनुबंध नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा है, जिसे समझदारी, सहनशीलता और मूल्य आधारित दृष्टिकोण से निभाया जाना चाहिए। इसी क्रम में ‘प्री-वेडिंग काउंसलिंग’ को आज की आवश्यकता बताया गया, जिससे वैवाहिक जीवन को बेहतर बनाया जा सके।
चार वर्गों पर होगा विशेष फोकस
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि प्री-वेडिंग काउंसलिंग के तहत विशेष रूप से निम्नलिखित चार वर्गों को मार्गदर्शन दिया जाएगा:
- विवाह योग्य युवक एवं युवतियाँ
- कॉलेज में प्रवेश लेने वाले युवा वर्ग
- माता-पिता, विशेषकर अभिभावक वर्ग
- तलाक का अनुभव कर चुके व्यक्ति
लिव-इन रिलेशनशिप पर चिंता
स्वामी अवधेशानंद जी ने कहा कि आजकल लिव-इन रिलेशनशिप की बढ़ती प्रवृत्ति समाज के लिए अत्यंत चिंताजनक संकेत है। यह पारिवारिक मूल्यों और स्थायी रिश्तों की अवधारणा को कमजोर कर रहा है। ऐसे में युवाओं को सांस्कृतिक एवं नैतिक दिशा देने हेतु संस्थागत प्रयासों की आवश्यकता है।
देवभूमि विकास संस्थान की पहल
इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, देवभूमि विकास संस्थान ने घोषणा की है कि वह शीघ्र ही ‘प्री-वेडिंग काउंसलिंग सत्रों की एक श्रृंखला’ आरंभ करेगा। इन सत्रों का उद्देश्य वैवाहिक जीवन को सशक्त करना, युवा पीढ़ी को वैवाहिक जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक करना और सामाजिक संतुलन बनाए रखना होगा।
निष्कर्ष:
हरिद्वार से उठी यह पहल न केवल उत्तराखंड, बल्कि पूरे देश के लिए एक नई वैचारिक दिशा प्रस्तुत करती है – जिसमें विवाह को फिर से सम्मान और संतुलन के साथ जीने का प्रयास किया जाएगा।