उत्तराखंड कैबिनेट बैठक: ‘महक क्रांति नीति’ को मंजूरी समेत 6 अहम प्रस्तावों पर मुहर
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई उत्तराखंड मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य के विकास और प्रशासनिक सुधार से जुड़े 6 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इन निर्णयों में किसानों के लिए बड़ी सौगात लेकर आई ‘महक क्रांति नीति’, कारागार विभाग का पुनर्गठन, शिक्षा, आवास, और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में सुधार जैसे अहम फैसले शामिल हैं।
1. महक क्रांति नीति को मंजूरी – किसानों के लिए खुशखबरी
राज्य में अरोमैटिक (सुगंधित) खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘महक क्रांति नीति’ को स्वीकृति दे दी गई है।
- पहले चरण में 91,000 किसानों को जोड़कर 22,750 हेक्टेयर भूमि पर सुगंधित पौधों की खेती कराई जाएगी।
- सब्सिडी योजना:
- 1 हेक्टेयर तक की खेती पर 80% सब्सिडी
- 1 हेक्टेयर से अधिक पर 50% सब्सिडी
सरकार का मानना है कि इस नीति से किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
2. कारागार विभाग का पुनर्गठन
उत्तराखंड कारागार विभाग के पुनर्गठन को कैबिनेट की मंजूरी मिली।
- कई नए पदों का सृजन किया जाएगा
- 27 पद स्थायी, जबकि अन्य आउटसोर्सिंग से भरे जाएंगे
इससे जेल व्यवस्था अधिक सुदृढ़ और आधुनिक बन सकेगी।
3. ईडब्ल्यूएस आवास निर्माण के लिए अतिरिक्त ₹27 करोड़
रुद्रपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बन रहे 1872 ईडब्ल्यूएस भवनों के निर्माण के लिए अतिरिक्त ₹27 करोड़ की धनराशि मंजूर की गई है।
इससे निर्माण कार्य में तेजी आएगी और आवासहीन गरीबों को लाभ मिलेगा।
4. शिक्षा विभाग में 8 नए पद – दूरदराज के छात्रों को लाभ
दूरदर्शन के माध्यम से प्रसारण के लिए शिक्षा विभाग में 8 नए पदों को स्वीकृति मिली है।
- यह SCERT के तहत संचालित टीवी चैनल के ज़रिए दूरस्थ क्षेत्रों के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करेगा।
5. विशेष शिक्षा में आउटसोर्सिंग से अवसर
राजकीय प्रारंभिक शिक्षा सेवा नियमावली के तहत
- सितंबर 2017 से मार्च 2019 के बीच डिस्टेंस डीएलएड पास युवाओं को आउटसोर्सिंग के माध्यम से विशेष शिक्षा में अवसर मिलेगा।
- साथ ही, टीईटी अनिवार्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की जाएगी।
6. सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में सुधार
दिव्यांगजनों से विवाह करने पर मिलने वाली अनुदान राशि को ₹25,000 से बढ़ाकर ₹50,000 कर दिया गया है।
इस कदम का उद्देश्य समाज में समावेशिता और सकारात्मक सामाजिक सोच को बढ़ावा देना है।
इन सभी निर्णयों को उत्तराखंड सरकार की विकासपरक, समावेशी और लोककल्याणकारी नीति का हिस्सा माना जा रहा है।