टनकपुर को मिली ₹36.30 करोड़ की विकास योजनाएं
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया 15 परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास
‘मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव’ में महिलाओं को मिली ‘खुशियों की चाबी’
टनकपुर के छीनीगोठ स्थित क्रीड़ा स्थल पर आयोजित “मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव” कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने टनकपुर को ₹36.30 करोड़ की विकास योजनाओं की सौगात दी। इस अवसर पर उन्होंने 15 महत्वपूर्ण योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया, जिनका उद्देश्य क्षेत्र की आधारभूत सुविधाओं को मज़बूती देना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये योजनाएं शिक्षा, पेयजल, स्वास्थ्य, कानून व्यवस्था, पर्यटन और जनकल्याण जैसे क्षेत्रों में समग्र विकास को गति देंगी।
09 योजनाओं का लोकार्पण – लागत ₹938.33 लाख
मुख्यमंत्री ने निम्नलिखित 9 योजनाओं का लोकार्पण किया:
मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय भवन, टनकपुर (लागत ₹45 लाख) – यह भवन जनसमस्याओं के समाधान का केंद्र बनेगा।
फागपुर के प्राथमिक व जूनियर हाई स्कूलों का स्मार्ट क्लास में रूपांतरण (₹76.40 लाख)
भजनपुर प्राथमिक विद्यालय का पुनर्निर्माण (₹74.50 लाख)
डेविड पेंटर स्कूल, गुदमी में दो कक्षा-कक्षों का निर्माण (₹16 लाख)
भैंसियाखाल एवं बिचाई पेयजल योजनाएं (क्रमशः ₹136.77 लाख व ₹182.61 लाख)
टनकपुर कोतवाली में सिटी कंट्रोल रूम की स्थापना और यातायात उपकरण आपूर्ति (₹239.05 लाख)
पर्यटक आवास गृह, टनकपुर का उच्चीकरण (₹68 लाख)
बनबसा पावर स्टेशन से पाटनी तिराहा तक सड़क मरम्मत (NHPC) (₹100 लाख)
06 योजनाओं का शिलान्यास – लागत ₹2692.56 लाख
मुख्यमंत्री ने जिन योजनाओं की आधारशिला रखी, वे हैं:
टनकपुर महाविद्यालय में परीक्षा हॉल का निर्माण (BRIDCUL) – ₹826.99 लाख
लादीगाड़ और ठुलीगाड़/बाबलीगाड़ पेयजल योजनाएं – कुल ₹1524.57 लाख
खिरद्वारी गांव में बुक्सा व राजी जनजातियों के लिए बहुउद्देशीय भवन – ₹60 लाख
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनबसा में ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट की स्थापना – ₹50 लाख
माँ पूर्णागिरि धाम यात्रियों के लिए शेड निर्माण (चुका, टनकपुर – NHPC) – ₹231 लाख
मुख्यमंत्री ने कहा कि “इन परियोजनाओं से टनकपुर का सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक विकास नई ऊँचाई पर पहुंचेगा और सीमांत क्षेत्र को मजबूती मिलेगी।”
महिलाओं को मिली ‘खुशियों की चाबी’
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने रीप परियोजना के अंतर्गत प्रेरणा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को 5 ई-रिक्शा भेंट किए। उन्होंने स्वयं महिलाओं को ‘खुशियों की चाबी’ सौंपते हुए कहा:
“यह ई-रिक्शा सिर्फ वाहन नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता और सम्मान की नई पहचान है। इससे महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत होंगी और पुरुष प्रधान परिवहन क्षेत्र में अपनी सशक्त मौजूदगी दर्ज कराएंगी।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार महिलाओं को “सहायता प्राप्तकर्ता” नहीं, बल्कि “सशक्त उद्यमी” के रूप में स्थापित करना चाहती है, और इसके लिए हर संभव प्रशिक्षण, तकनीकी और वित्तीय मदद दी जाएगी।
“ये प्रयास ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ महिला शक्ति को नए अवसर और सम्मान से जोड़ने का कार्य करेंगे।”