Thursday, January 1, 2026
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सरकारी योजनाओं में सैनिक बनेंगे स्टॉकहोल्डर:नए साल में होगा क्रियान्वित, पूर्व सैनिक मिलन समारोह CM धामी ने घोषणा की

देहरादून के हाथीबड़कला में CM पुष्कर सिंह धामी ने सरकारी योजनाओं और अपनी कमेटियों में सैनिकों को स्टॉकहोल्डर बनाने की घोषणा की। उन्होंने यह बात पूर्व सैनिकों के एक मिलन समारोह में कही। उन्होंने कहा, राज्य की रजत जयंती के अवसर पर कई निर्णय लिए हैं, जल्द ही उन्हें आगे बढ़ाएंगे। ताकि उत्तराखंड भारत का श्रेष्ठ राज्य बने। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर भी निशाना साधा।

कुछ पार्टियां सेना से सबूत मांगती हैं

CM ने कहा, आज हमारे सैनिक इतने पराक्रमी हैं, उनके परिवार अनुशासन से काम करते हैं, इतनी जीवटता से काम करते हैं, अपने बच्चों को छोड़कर सेना युद्ध के मैदान में जाती है। सोचती नहीं, कि आगे क्या होगा। उनके लिए केवल देश पहले होता है। देश की सेना सर्जिकल स्ट्राइक करती है, ऑपरेशन सिंदूर चलाकर दुश्मनों के आंतकवादी अड्‌डो को नेस्तनाबूत करती है, लेकिन कुछ लोग उन पर भी प्रश्न चिह्न खड़ा कर देते हैं, सेना से सबूत मांगते हैं। हमारा विरोध करिए, पार्टी का विरोध करिए कोई बात नहीं, लेकिन सेना और देश का विरोध न करें। ऐसे लोग दूसरे मंचों पर जाकर भारत की कमियां गिनाते हैं। जबकि देश प्रथम होता है, दल और संगठन बाद में होता है।

मुझे सेना के बीच में मिला संस्कार

CM ने कहा, बच्चे को पहला संस्कार माता-पिता देते हैं, लेकिन मुझे वह भी सेना के बीच में मिले। दरअसल, उनके पिता भी सेना में थे। उन्होंने कहा, सेना से अनुशासन से सीखा है। सुबह जल्दी जागना, परेड में जाना इत्यादि। इस दौरान उन्होंने अपने पिता के आखिरी दिनों का स्मरण किया। उन्होंने कहा, पिता के देहांत के एक-दो महीने बाद ही उन्हें CM की जिम्मेदारी मिल गई थी। उन्होंने कहा, वह सेना से संंबंधित हर कार्यक्रम में जाते हैं।

28 शहीद के परिजनों को मिला रोजगार

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा, सैनिक और पूर्व सैनिक देश की शान हैं, जिनके त्याग, बलिदान और अनुशासन के कारण आज भारत सुरक्षित और सशक्त है। उन्होंने कहा, सीमा पर देश की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त होने वाले जवानों के परिजनों को सरकारी नौकरी प्रदान करने का संवेदनशील और ऐतिहासिक निर्णय धामी सरकार ने लिया है। अब तक 28 शहीद सैनिकों के परिजनों को सरकारी सेवा में रोजगार प्रदान किया जा चुका है, जो सरकार की सैनिक परिवारों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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