उत्तराखंड में बिजली चोरी एक बड़ा मुद्दा बन चुका है, खासकर उधम सिंह नगर में जहां कई रसूखदार लोग चोरी से बिजली का इस्तेमाल करते हैं, विशेषकर एसी चलाने के लिए। इसके कारण सरकार को हर साल करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है। विभाग ने इन मामलों में कार्रवाई की कोशिश की है, लेकिन पूरी बकाया राशि सरकार को नहीं मिल पा रही। ऊर्जा विभाग को 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराना भी चुनौतीपूर्ण बन गया है, खासकर गर्मियों में जब एसी की अधिक खपत होती है।
इसी संदर्भ में, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक अहम कदम उठाया है। उन्होंने राज्य में स्मार्ट मीटर लगाने की योजना शुरू कर दी है और इसका शुरुआत खुद मंत्री, विधायक और अधिकारियों के घरों से हो रही है। अब तक 24,000 उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। विपक्ष इसका विरोध कर रहा है, लेकिन सरकार इस कदम को लागू करने में पूरी तरह से संजीदा है। मुख्यमंत्री धामी के इस फैसले से बिजली चोरी पर नियंत्रण पाना और राजस्व की स्थिति को सुधारना सरकार के लिए प्राथमिकता बन गया है।
स्मार्ट मीटर का उद्देश्य उपभोक्ताओं के बिलों की सही माप और समय पर भुगतान सुनिश्चित करना है, जिससे बिजली चोरी पर रोक लगाई जा सके और विभाग की राजस्व की स्थिति बेहतर हो।