उत्तराखंड: पौड़ी गढ़वाल जिले में पिछले कई दिनों से दहशत फैलाने वाले गुलदार को आखिरकार मार गिराने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। चार दिन पहले इसी गुलदार के हमले में 42 वर्षीय राजेंद्र नौटियाल की दर्दनाक मौत के बाद ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश है। वन विभाग द्वारा लगातार की जा रही कोशिशें नाकाम रहने के बाद अब इसे मारने का अंतिम निर्णय लिया गया है। राजेंद्र नौटियाल की मौत के बाद से वन विभाग की टीमें लगातार पिंजरा लगाने, ट्रैंकुलाइज करने और ट्रैकिंग जैसे उपाय कर रही थीं, लेकिन गुलदार हर बार चकमा देकर भाग निकलता रहा। क्षेत्र में तैनात दो शूटर पहले से मौजूद थे, वहीं अब दो अनुभवी स्थानीय शिकारी भी जोड़ दिए गए हैं ताकि ऑपरेशन को तेज किया जा सके। पौड़ी में पिछले कुछ महीनों से वन्यजीवों के हमलों में तेजी आई है, जिससे ग्रामीणों का धैर्य जवाब दे चुका है।
कई क्षेत्रों में लोग सड़क पर उतरकर वन विभाग और सरकार के खिलाफ कड़ा विरोध भी जता रहे हैं। लगातार बढ़ते दबाव को देखते हुए खुद सीएम पुष्कर सिंह धामी हालात की निगरानी कर रहे हैं और वन विभाग को हर जरूरी कदम उठाने के निर्देश दे चुके हैं।घटनास्थल वाले इलाके में तनाव का सबसे ज्यादा असर साफ दिखाई देता है। जहां नौटियाल की मौत हुई, वहाँ ग्रामीण दिन-रात दहशत में जीने को मजबूर हैं। वन विभाग का कहना है कि उन्होंने गुलदार को पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास किए, लेकिन बार-बार असफलता के बाद अब लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए गुलदार को मारने का आदेश दिया गया है। स्थानीय लोगों की मांग है कि जंगल सीमा से लगे गांवों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई जाए और ऐसे आदमखोर वन्यजीवों को समय रहते चिन्हित कर कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
आदमखोर घोषित किए गए गुलदार की तलाश में वन विभाग पूरी ताकत झोंक रहा है, लेकिन अब तक विभागीय शिकारी इस खतरनाक गुलदार का कोई सुराग नहीं जुटा पाए हैं। गुलदार को ढूंढने और निस्तारण के लिए विभाग ने दो विभागीय शिकारियों को पहले ही तैनात कर दिया था, इसके बावजूद ऑपरेशन में सफलता नहीं मिली है। वन विभाग की टीम लगातार इलाके में गश्त कर रही है, पगमार्क्स की खोज की जा रही है और हर संभावित स्थान पर नजर रखी जा रही है। लेकिन गुलदार की चपलता और घने जंगल के कारण ऑपरेशन उम्मीद के मुताबिक आगे नहीं बढ़ पा रहा है। इधर, सोमवार को हालात की गंभीरता को देखते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री आर. के. सुधांशु और सचिव मुख्यमंत्री विनय शंकर पांडे स्वयं पौड़ी पहुंचे।
दोनों शीर्ष अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया, ग्रामीणों से मुलाकात की और उनके आक्रोश व मांगों को विस्तार से सुना। ग्रामीणों ने अधिकारियों के समक्ष स्पष्ट कहा कि विभागीय प्रयास नाकाम हो रहे हैं, इसलिए प्राइवेट शूटरों की तैनाती की जाए। ग्रामीणों की मांग को समझते हुए शासन ने तुरंत निर्णय लिया और पौड़ी के अनुभवी व क्षेत्रीय शिकारी जॉय ह्युकिल और राकेश चंद्र बड़थ्वाल को विभागीय अभियान में शामिल करने की अनुमति प्रदान कर दी है। पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ ने गुलदार के निस्तारण के लिए 14 दिनों का समय निर्धारित किया है। इस अवधि में विभागीय और स्थानीय सभी शूटर संयुक्त रूप से खोज अभियान को अंजाम देंगे। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक गुलदार पकड़ा या मारा नहीं जाता, तब तक गांवों में दहशत बनी रहेगी। इसलिए प्रशासन और वन विभाग से उम्मीद है कि संयुक्त प्रयासों से जल्द ही खतरे का अंत होगा।


