हर जिले में बनेगा ‘संस्कृत ग्राम’, मुख्यमंत्री धामी भोगपुर से करेंगे योजना की शुरुआत
देहरादून — उत्तराखंड सरकार प्रदेश की द्वितीय राजभाषा और देववाणी संस्कृत के संरक्षण व संवर्धन के लिए एक ऐतिहासिक पहल करने जा रही है। राज्य के हर जिले में एक-एक आदर्श संस्कृत ग्राम विकसित किया गया है, जहां संस्कृत को जनभाषा के रूप में स्थापित करने के लिए समग्र प्रयास किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रविवार को देहरादून के भोगपुर गांव से इस अभिनव योजना का विधिवत शुभारंभ करेंगे। इस मौके पर प्रदेश के सभी जिलों के संस्कृत ग्राम वर्चुअल माध्यम से जुड़े रहेंगे। यह योजना उत्तराखंड संस्कृत अकादमी और केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के संयुक्त सहयोग से संचालित की जा रही है।
संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने जानकारी दी कि संस्कृत सप्ताह के अंतर्गत आयोजित इस कार्यक्रम के माध्यम से सरकार संस्कृत भाषा को फिर से उसकी गरिमा दिलाने और जनजीवन का हिस्सा बनाने के उद्देश्य से काम कर रही है।
संस्कृत होगी संवाद और कामकाज की भाषा
आदर्श संस्कृत ग्रामों में न केवल आपसी बातचीत बल्कि दैनिक कार्यों का संचालन भी संस्कृत भाषा में किया जाएगा। इन गांवों में भारतीय जीवन मूल्यों, सनातन संस्कृति और संस्कारों को आत्मसात करते हुए वेद, पुराण और उपनिषदों का पाठ विशेष अवसरों पर किया जाएगा।
इसके साथ ही ये ग्राम नारी सम्मान, चरित्र निर्माण, नशामुक्ति, सद्भावना और अपराध प्रवृत्तियों पर नियंत्रण जैसे सामाजिक सरोकारों को भी संस्कृत के माध्यम से आगे बढ़ाएंगे।
सरकार का उद्देश्य इन संस्कृत ग्रामों के माध्यम से राज्य की संस्कृति, संस्कार, और ज्ञान-विज्ञान की परंपरा को सशक्त बनाना और वैश्विक मंच पर पुनः प्रतिष्ठित करना है।