यह खबर वाकई बहुत दुखद है। प्रभारी अधीक्षण अभियंता मूलचंद गुप्ता का निधन अचानक और अप्रत्याशित रूप से हुआ। हार्टअटैक के कारण उनका निधन, खासतौर पर ऐसे समय में जब वह एक बैठक में शामिल होने पहुंचे थे, यह बहुत ही सदमा देने वाली घटना है। उनके परिवार और सहकर्मियों के लिए यह कठिन समय होगा।
सचिवालय में उनके निधन के बाद जो उपाय किए गए, जैसे उन्हें डिस्पेंसरी में प्राथमिक उपचार देना और तुरंत अस्पताल ले जाना, यह दर्शाता है कि अधिकारियों ने हर संभव प्रयास किया, लेकिन दुर्भाग्यवश उन्हें बचाया नहीं जा सका।आपका विचार है, इस प्रकार की घटनाओं से संबंधित कोई विशेष पहल या सुरक्षा उपाय जो भविष्य में मदद कर सकते हों?