पुष्कर सिंह धामी कैबिनेट फैसलों में ग्रीन से लेकर क्लीन विजन पर चर्चा
देहरादून उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी सरकार कैबिनेट के फैसलों को लेकर चर्चा तेज हो चली है जनता से जुड़े मामलो पर अधिक चर्चा हो रही है वही राजनैतिक फैसलों पर दिल्ली में राजनैतिक पार्टिया चर्चा के केंद्र में पुष्कर सिंह धामी सरकार का आकलन कर रही है चलिए आपको बताते है उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी सरकार कैबिनेट फैसलों पर किस किस विभाग से लेकर राज्य की विजन रूप रेखा के हिसाब से क्या आकलन किया जा सकता है
यहां कुछ महत्वपूर्ण निर्णय हैं जो उत्तराखण्ड राज्य के कैबिनेट द्वारा लिए गए हैं:
ग्रीन फील्ड टाउनशिप के लिए भूमि हस्तांतरण: उधमसिंहनगर जिले की प्राग फार्म की 1354 एकड़ भूमि को ग्रीन फील्ड टाउनशिप के लिए सिडकुल को हस्तांतरित किया गया।
स्टाम्प और निबंधन विभाग का पुनर्गठन: विभागीय ढांचे के पुनर्गठन के लिए 9 नए अधिकारियों और 29 सहयोगी पदों की स्वीकृति दी गई, ताकि तकनीकी दक्षता और त्वरित सेवा सुनिश्चित की जा सके।
ट्राउट प्रोत्साहन योजना: पर्वतीय क्षेत्रों में ट्राउट फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए ₹200 करोड़ की योजना का प्रस्ताव। इसके तहत कार्यरत मत्स्य पालकों को पांच वर्षों तक समर्थन दिया जाएगा।
सतर्कता विभाग में रिवॉल्विंग फंड: भ्रष्टाचार निरोधक सतर्कता विभाग में रिवॉल्विंग फंड के संचालन हेतु नियमावली तैयार की गई, ताकि ट्रैप कार्यवाहियों में परिवादियों को सहयोग दिया जा सके।
स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण योजना: महिला स्वयं सहायता समूहों को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं और कार्यशालाओं के लिए ₹2.30 करोड़ की धनराशि आवंटित की गई।
पाठ्य पुस्तकों में राज्य आंदोलन और लोक संस्कृति का समावेश: कक्षा 6 से 8 तक के पाठ्यक्रम में उत्तराखण्ड के आंदोलन और लोक संस्कृति के विषय को जोड़ा जाएगा।
नई पेंशन योजना: 1 अप्रैल 2025 से उत्तराखण्ड में एकीकृत पेंशन योजना (UPS) लागू की जाएगी।
कारागार विभाग की सेवा नियमावली: उत्तराखण्ड कारागार विभाग के पदों की सेवा नियमावली 2025 को मंजूरी दी गई।
गन्ने की कीमत और कमीशन: चीनी मिलों द्वारा गन्ने के लिए राज्य परामर्शित मूल्य ₹375 प्रति क्विंटल और ₹365 प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया।
मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना: एकल (निराश्रित), परित्यक्ता और विधवा महिलाओं को रोजगार और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए इस योजना को प्रारंभ किया गया।
खनन रॉयल्टी शुल्क में संशोधन: कुमाऊं क्षेत्र की कोसी, गोला और दाबका नदियों में खनन रॉयल्टी शुल्क में संशोधन किया गया, जिससे लागत में कमी आएगी।
ये निर्णय उत्तराखण्ड राज्य में महिला सशक्तिकरण, पर्यावरणीय विकास, राजस्व प्रबंधन, और सामाजिक कल्याण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।