देवभूमि में ‘ऑपरेशन कालनेमि’: छद्म भेषधारियों पर चलेगा सरकार का डंडा
देहरादून, 10 जुलाई। उत्तराखंड में सनातन धर्म की आड़ में पाखंड फैलाने वालों और महिलाओं को भ्रमित कर ठगी करने वाले छद्म भेषधारियों पर अब सरकार का शिकंजा कसने वाला है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऐसे तत्वों के विरुद्ध “ऑपरेशन कालनेमि” चलाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की धार्मिक-सांस्कृतिक गरिमा और देवभूमि की पवित्र पहचान को किसी भी कीमत पर आंच नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने अधिकारियों से ऐसे छल-कपट करने वाले भेषधारियों की पहचान कर उनके विरुद्ध कठोर कानूनी कार्यवाही सुनिश्चित करने को कहा है।
कालनेमि की आड़ में चल रहा पाखंड
मुख्यमंत्री ने कहा:
“जिस प्रकार कालनेमि ने रामायण काल में साधु का रूप धारण कर लोगों को भ्रमित किया था, ठीक वैसे ही आज भी कई आधुनिक कालनेमि समाज में सक्रिय हैं। ये लोग सनातन धर्म की पवित्रता को आघात पहुंचा रहे हैं।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि महिलाओं को लक्षित कर ठगी करने वाले, असामाजिक तत्वों, और पाखंड फैलाने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
महिलाओं की सुरक्षा सर्वोपरि
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड में महिलाओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। “देवभूमि में कोई भी महिला असुरक्षित महसूस न करे, इसके लिए सख्त और ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। ऑपरेशन कालनेमि इसी दिशा में एक निर्णायक कदम है।”
मुख्य बिंदु:
- सनातन धर्म की छवि खराब करने वालों के खिलाफ ऑपरेशन कालनेमि
- छद्म वेश में असामाजिक तत्वों की पहचान कर कानूनी कार्यवाही
- महिलाओं को लक्षित कर ठगी करने वालों पर जीरो टॉलरेंस नीति
- धार्मिक पाखंड को बढ़ावा देने वालों पर सख्त रुख
- देवभूमि की सांस्कृतिक गरिमा की रक्षा सरकार की प्राथमिकता
निष्कर्ष:
उत्तराखंड सरकार का यह कदम केवल धार्मिक पाखंड पर प्रहार नहीं है, बल्कि यह सनातन परंपरा की गरिमा और महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में एक स्पष्ट और ठोस संदेश है। ऑपरेशन कालनेमि, आस्था की आड़ में अपराध करने वालों के लिए चेतावनी है – देवभूमि में अब पाखंड के लिए कोई जगह नहीं।