मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशन में जिला प्रशासन ने विलुप्ति के कगार पर पहुँच चुकी दून बासमती धान को पुनर्जीवित करने का बड़ा अभियान चलाया है। इस पहल के तहत सहसपुर और विकास नगर के किसानों ने दून बासमती की खेती को फिर से बढ़ावा दिया और इसे नए स्वरूप में बाजार तक पहुँचाने में ग्राम उत्थान व कृषि विभाग का पूरा सहयोग मिला।
जिला प्रशासन द्वारा किसानों और महिला स्वयं सहायता समूहों को तकनीकी प्रशिक्षण, क्लाइमेट-फ्रेंडली खेती के तरीके और मार्केट तक पहुँच उपलब्ध कराई गई। इस पहल में 200 से अधिक कुंतल दून बासमती खरीदी गई, जिससे किसानों के खातों में 13 लाख रुपये से अधिक का भुगतान हुआ।
महिला शक्ति ने इस पुनर्जीवन अभियान में अहम भूमिका निभाई है। 200 से अधिक महिला समूहों ने खेती से लेकर प्रसंस्करण और पैकेजिंग तक हर स्तर पर सक्रिय भागीदारी दी, जिससे न केवल दून बासमती की उपज और गुणवत्ता बेहतर हुई, बल्कि महिलाओं की आय और रोजगार के नए अवसर भी बने। हिलान्स और हाउस ऑफ हिमालय के माध्यम से अब दून बासमती को ब्रांड के रूप में स्थापित किया जा रहा है।
जिला परियोजना प्रबंधक रीप कैलाश भट्ट ने बताया कि इस पहल से किसानों को उनकी फसल का 65 रुपए प्रति किलो मूल्य सुनिश्चित हुआ और उन्हें उचित मुनाफा मिला। मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने कहा कि परियोजना का उद्देश्य दून बासमती को परंपरागत तरीके से पुनर्जीवित करना और इसे सर्टिफाइड ब्रांड बनाना है।
किसानों और महिला समूह ने कहा कि दून बासमती अब विलुप्त नहीं होगी और इसकी सुगंध और गुणवत्ता के कारण यह पुनः देहरादून की पहचान बनेगी।


