उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मस्जिदों और वक्फ संपत्तियों को लेकर सरकार की नीतियों के बारे में गलत जानकारी फैलाने पर विपक्ष को आड़े हाथों लिया। उन्होंने विपक्ष के इरादों पर सवाल उठाए और पूछा कि वे वक्फ के नाम पर कितनी ज़मीन कब्जाने की योजना बना रहे हैं। क्या विपक्ष ने कभी वक्फ संपत्तियों का उपयोग करके कोई कल्याणकारी काम किया है? मस्जिदों पर कब्जा करके भाजपा को क्या हासिल होगा? विपक्ष जनता को भ्रमित करने की कोशिश कर रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए विपक्ष पर कई आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि क्या विपक्ष ने कभी वक्फ के नाम पर कोई अच्छा कार्य किया है? उन्होंने वक्फ संपत्तियों का अपने स्वार्थ के लिए दुरुपयोग किया है। एक संपत्ति को कई लोगों को बेच दिया गया, जिससे अब विवाद उत्पन्न हो रहे हैं।
मुस्लिम समुदाय के कल्याण के लिए वक्फ बिल की आवश्यकता – सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों को अवैध कब्जे और दुरुपयोग से मुक्त करना है, ताकि उन संपत्तियों का सही तरीके से उपयोग मुस्लिम समुदाय के कल्याण के लिए किया जा सके। सरकार वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने पर जोर दे रही है, ताकि ये संपत्तियां मुस्लिम समुदाय की सेवा के लिए काम आ सकें। उन्होंने वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि यह विधेयक देश और मुस्लिम समुदाय के लाभ के लिए आवश्यक है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जेपीसी ने वक्फ संशोधन को आज की आवश्यकता बताते हुए इसे समयबद्ध तरीके से लागू करने की सिफारिश की है। उनका मानना है कि यह देश और मुसलमानों के हित में होगा। हालांकि, इस संशोधन के लागू होने से उन लोगों को परेशानी हो सकती है, जिन्होंने वक्फ संपत्तियों पर कब्जा किया है या उन पर पैसा लगाया है, जिससे उनका पैसा जोखिम में पड़ सकता है।
वक्फ के नाम पर कई गलत निर्णय – सीएम
मुख्यमंत्री ने वक्फ बोर्ड के भूमि अधिग्रहण के अधिकार पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि वक्फ ने अपनी शक्ति का दुरुपयोग करके सरकारों को ब्लैकमेल किया है और बिना किसी वैध कारण के संपत्तियों और सार्वजनिक भूमि पर कब्जा किया है। ये लोग हमेशा संपत्ति की तलाश करते थे और फिर सरकारों को ब्लैकमेल करते थे। वक्फ के नाम पर कई गलत निर्णय लिए गए हैं, खासकर उस वक्फ के बारे में जो दावा करता है कि यह जमीन उनकी है। उन्होंने सवाल उठाया, “यह कौन सा देश है? आपको यह अधिकार किसने दिया है? क्या आप किसी संपत्ति पर कब्जा करेंगे? क्या आप किसी सार्वजनिक भूमि पर कब्जा करेंगे?” ऐसा नहीं हो सकता है।