महाकुंभ 2025 के दौरान फिरोज खान की यात्रा और उनके परिवार के संग संगम में डुबकी लगाने की कहानी एक महत्वपूर्ण संदेश देती है। पौष पूर्णिमा के दिन, जब महाकुंभ की आध्यात्मिक ताकत ने पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया, फिरोज खान ने अपनी पत्नी काव्या और उनके डॉगी मैक्स के साथ संगम पहुंचकर पुण्य की डुबकी लगाई। फिरोज खान, जो मुंबई में एक निजी बैंक में काम करते हैं, ने संतों और धर्माचार्यों की चेतावनी के बावजूद महाकुंभ में भाग लिया और गंगाजल से आचमन करने के बाद त्रिवेणी में डुबकी लगाई।
इसके पहले, फिरोज और काव्या ने हरिद्वार के महाकुंभ में भी हर की पैड़ी पर डुबकी लगाई थी। यह कदम तब और भी महत्वपूर्ण बन गया जब अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने मुसलमानों को महाकुंभ में प्रवेश करने से मना किया था। फिरोज ने अपने धर्म और पत्नी के प्रति अपनी आस्था का पालन करते हुए, अपने परिवार के साथ महाकुंभ में हिस्सा लिया, और इस यात्रा ने एकता, भाईचारे और धार्मिक सहिष्णुता का संदेश दिया।

फिरोज खान और काव्या सिंह राजपूत का रिश्ते में हमेशा से एक साझा समझ रही है, जिसमें दोनों ने अपने-अपने धर्म को सम्मानित करने का निर्णय लिया। काव्या ने गंगा स्नान की परंपरा को बनाए रखा, और इस बार महाकुंभ में डुबकी लगाने के लिए उन्होंने अपने पति से जिद की, जिसे फिरोज ने आखिरकार स्वीकार किया।
फिरोज ने अपने दोस्त मैक्स के साथ संगम की यात्रा की, और जब वे संगम पहुंचे, तो फिरोज ने काव्या का हाथ थामकर पुण्य की डुबकी लगाई। इसके बाद उन्होंने अपने प्यारे डॉगी मैक्स को भी गंगा जल से पवित्र किया। फिरोज ने इस अवसर पर सही धारणा के साथ महाकुंभ में आने वाले मुसलमानों का स्वागत करते हुए, उन लोगों को चेतावनी दी जो धर्म को नष्ट करने की कोशिश करते हैं।
श्रीमहंत रवींद्र पुरी, अध्यक्ष-अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भी मुसलमानों के स्वागत का संदेश दिया और कहा कि सभी मुसलमानों का महाकुंभ में स्वागत है, बशर्ते वे सही और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ आएं।