Saturday, September 13, 2025
spot_imgspot_img
HomeDesh21 शृंगार कर नागा संन्यासियों ने अमृत स्नान की लगाई डुबकी

21 शृंगार कर नागा संन्यासियों ने अमृत स्नान की लगाई डुबकी

प्रयागराज महाकुंभ 2025 के पहले अमृत स्नान का दृश्य बेहद अद्भुत और श्रद्धा से भरपूर था। पुष्य और पुनर्वसु नक्षत्र में त्रिवेणी के तट पर महाकुंभ की शुरुआत हुई, जहां सबसे पहले नागा साधुओं ने विशेष शृंगार के साथ आदियोगी शिव के स्वरूप में खुद को सजाया।

नागा साधुओं ने अपने शरीर पर भस्म का लेप किया, और फिर चंदन, पांव में चांदी के कड़े, पंचकेश (जटा को पांच बार घुमा कर सिर में लपेटना), रोली का लेप, आंगूठी, फूलों की माला, चिमटा, डमरू, कमंडल, माथे पर तिलक, आंखों में सूरमा, लंगोट, हाथों और पैरों में कड़ा और गले में रुद्राक्ष की माला धारण कर खुद को तैयार किया। इसके बाद, इन साधुओं ने अमृत स्नान के लिए संगम तट की ओर प्रस्थान किया।

नागा साधुओं का शृंगार और उनकी धार्मिक वेशभूषा महाकुंभ के पहले स्नान में श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बनी। इन साधुओं ने नख से शिख तक भभूत लपेटा और जटाजूट की वेणी बनाई। उनकी आंखों में सूरमा, हाथों में चिमटा, और होठों पर सांब सदाशिव का मंत्र था। इसके साथ ही उनके हाथों में डमरू, त्रिशूल और कमंडल थे, और वे अवधूत की धुन में झूमते हुए स्नान स्थल की ओर बढ़ रहे थे।

महाकुम्भ अमृत स्नान अखाड़ों के नागा साधुओं की आस्था डुबकी

यह दृश्य महाकुंभ के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को प्रकट करता है, जहां नागा साधु 21 शृंगार के साथ पहली डुबकी लगाने के लिए संगम तट पहुंचे। यह स्नान न केवल उनके आध्यात्मिक आस्था का प्रतीक था, बल्कि देशभर के श्रद्धालुओं के लिए एक अत्यंत पवित्र और आकर्षक क्षण था।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_imgspot_imgspot_imgspot_img

Most Popular

Recent Comments