देहरादून, उत्तराखंड, जिसे देवभूमि के नाम से जाना जाता है, धार्मिक आस्था का केंद्र भी है। यहाँ माँ गंगा की पवित्र धारा बहती है, और चार धाम से लेकर कुमाऊं मंडल में कई ऐसे प्राचीन धार्मिक स्थल हैं जिनका गहरा जुड़ाव राज्य से है। पहले केवल हरिद्वार में ही माँ गंगा की आरती होती थी, लेकिन अब उत्तराखंड सरकार ने रुड़की में भी चैत्र मास के प्रथम नवरात्र पर रविवार को माँ गंगा की आरती का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने लक्ष्मीनारायण घाट पर कन्याओं का पूजन कर उनका आशीर्वाद लिया, और फिर विधिपूर्वक एवं मंत्रोच्चारण के साथ माँ गंगा का पूजन किया गया।
हरिद्वार और ऋषिकेश की तर्ज पर रुड़की में गंगनहर के लक्ष्मीनारायण घाट पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने माँ गंगा की आरती का ऐतिहासिक शुभारंभ किया। इस दौरान रुड़की में पहली बार आयोजित भव्य और दिव्य आरती को देखने के लिए गंगनहर के दोनों घाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। जैसे ही आरती शुरू हुई, ऐसा लगा जैसे हरिद्वार के प्रसिद्ध हरकी पैड़ी से माँ गंगा की धारा रुड़की पहुंची हो। इस दृश्य को देखकर श्रद्धालुओं की आँखों में भावुकता के आँसू छलक पड़े।
रुड़की में चैत्र मास के प्रथम नवरात्र पर माँ गंगा की आरती का शुभारंभ हुआ। मुख्यमंत्री ने लक्ष्मीनारायण घाट पर कन्याओं का पूजन कर आशीर्वाद लिया, फिर विधिपूर्वक आरती की शुरुआत हुई। शाम करीब साढ़े पांच बजे घाट पर बने पांच आरती स्थलों पर पुरोहितों ने बड़े दीपकों को प्रज्ज्वलित किया। इन स्थलों को स्टील के चोकोर घेरे के रूप में तैयार किया गया था, जिनमें से एक स्थान पर मुख्यमंत्री ने खुद आरती का दीपक लिया। जैसे ही शंखनाद के साथ माँ गंगा की आरती शुरू हुई, ऐसा लगा जैसे हरिद्वार से माँ गंगा का आशीर्वाद लेकर वह रुड़की के लक्ष्मीनारायण घाट पर विराजमान हो गईं। मुख्यमंत्री के साथ-साथ दोनों घाटों पर उमड़े श्रद्धालुओं ने मिलकर माँ गंगा की आरती का आयोजन किया।