आगामी 2 मई से शुरू होने वाली केदारनाथ यात्रा के दौरान धाम में एक रात में अधिकतम 15,000 श्रद्धालुओं के रात्रि प्रवास की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही पैदल मार्ग के पड़ावों पर भी 2,000 यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था की जाएगी। प्रशासन ने यात्रा की तैयारियों का खाका तैयार कर लिया है और इसे जल्द ही धरातल पर लागू किया जाएगा। इस साल भी गढ़वाल मंडल विकास निगम को यात्रियों के भोजन और रात्रि प्रवास की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
केदारनाथ धाम, जो समुद्रतल से 11,750 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, में पुनर्निर्माण के तहत कई नए भवन बनकर तैयार हो गए हैं, जिनसे प्रशासन को यात्री व्यवस्था में मदद मिलेगी। इसके अलावा, टेंट और अन्य सुविधाओं का भी इंतजाम किया जाएगा ताकि धाम में एक रात में 15,000 श्रद्धालुओं को रात्रि प्रवास की सुविधा मिल सके। प्रशासन का कहना है कि तीर्थपुरोहितों के आवासीय और व्यवसायिक भवनों, साथ ही जीएमवीएन के कॉटेज में भी यात्रियों को ठहराया जाएगा। यहां निजी टेंट की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
इसके अलावा, गौरीकुंड से केदारनाथ तक के पैदल मार्ग के विभिन्न पड़ावों जैसे जंगलचट्टी, भीमबली, छोटी लिनचोली, बड़ी लिनचोली, छानी कैंप, रुद्रा प्वाइंट, और बेस कैंप में भी यात्रियों के रात्रि प्रवास की व्यवस्था की जाएगी। यहां 2,000 यात्रियों को ठहरने की व्यवस्था की जाएगी। प्रशासन का कहना है कि पूरे यात्राकाल में यात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न हो, इसके लिए विशेष ध्यान दिया जाएगा। सभी व्यवस्थाएं और तैयारियां 25 अप्रैल तक सोनप्रयाग से केदारनाथ तक पूरी कर ली जाएंगी।
गौरीकुंड से केदारनाथ तक पैदल मार्ग पर रामबाड़ा से लिनचोली के बीच बर्फ सफाई का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। अब, लोनिवि के मजदूर लिनचोली से छानी कैंप के बीच बर्फ सफाई में जुटे हुए हैं, जहां संवेदनशील स्थानों पर तीन फीट से अधिक बर्फ पड़ी हुई है।
2 मई से शुरू होने वाली केदारनाथ यात्रा के लिए पैदल मार्ग से केदारनाथ तक एक रात में 17,000 यात्रियों के ठहरने का इंतजाम किया जा रहा है। इन दिनों रामबाड़ा से केदारनाथ के बीच बर्फ सफाई का काम जारी है। इन सभी तैयारियों को आगामी 25 अप्रैल तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है – अनिल कुमार शुक्ला, उप जिलाधिकारी ऊखीमठ