देहरादून, 2 सितंबर 2025: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में मंगलवार को सचिवालय में एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। पर्वतमाला परियोजना के अंतर्गत केदारनाथ और हेमकुंड साहिब में रोपवे के विकास को लेकर उत्तराखंड सरकार और नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) के बीच यह एमओयू (MoU) संपन्न हुआ।
समझौते के तहत परियोजना में एनएचएलएमएल की 51% और राज्य सरकार की 49% इक्विटी भागीदारी होगी। साथ ही, राजस्व साझेदारी के अंतर्गत अर्जित 90% राशि को उत्तराखंड राज्य में ही पर्यटन, परिवहन और गतिशीलता से जुड़ी परियोजनाओं में व्यय किया जाएगा।
इस अवसर पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री श्री अजय टम्टा, उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज, और अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
🔹 परियोजनाओं का विवरण:
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पर्वतमाला परियोजना के तहत दो प्रमुख रोपवे परियोजनाओं को स्वीकृति मिली है:
- सोनप्रयाग से केदारनाथ:
- लंबाई: 12.9 किलोमीटर
- लागत: ₹4100 करोड़
- गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब:
- लंबाई: 12.4 किलोमीटर
- लागत: ₹2700 करोड़ से अधिक
इन दोनों परियोजनाओं का उद्देश्य श्रद्धालुओं की यात्रा को सुगम बनाना, पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना और स्थानीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करना है।
🗣️ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा:
“यह समझौता उत्तराखंड की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक मंच पर नई पहचान दिलाएगा। साथ ही यह पर्यटन, रोजगार, पर्यावरण संरक्षण और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में नई संभावनाओं के द्वार खोलेगा।”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में राज्य में रेल, रोड और रोपवे कनेक्टिविटी का अभूतपूर्व विस्तार हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने चारधाम ऑलवेदर रोड, दिल्ली-देहरादून एलिवेटेड रोड, टनकपुर-सितारगंज मार्ग, पौंटा साहिब-देहरादून, और हल्द्वानी बाईपास जैसी अनेक परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि ये कनेक्टिविटी के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला रही हैं।
🗣️ केंद्रीय राज्य मंत्री श्री अजय टम्टा ने कहा:
“यह दिन उत्तराखंड में रोपवे विकास की दिशा में मील का पत्थर है। इन परियोजनाओं से केदारनाथ और हेमकुंड साहिब की यात्रा पहले से कहीं अधिक सुगम हो जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में राज्य हर क्षेत्र में तेज़ी से प्रगति कर रहा है।”
🗣️ पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का वक्तव्य:
“यह समझौता पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही स्थानीय रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा। इन रोपवे परियोजनाओं से दूरस्थ क्षेत्रों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और पर्यटन को स्थायी आधार मिलेगा।”
👥 उपस्थित प्रमुख अधिकारीगण:
इस अवसर पर राज्य और केंद्र सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे, जिनमें प्रमुख रूप से:
- प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु
- सचिव दिलीप जावलकर, धीराज गर्ब्याल, युगल किशोर पंत
- अपर सचिव विनय कुमार (सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय)
- सीईओ, एनएचएलएमएल श्री राजेश मलिक
- वाइस प्रेसिडेंट, एनएचएलएमएल श्री प्रशांत जैन
- अपर सचिव श्री अभिषेक रोहिला, और
- पर्यटन विभाग के अन्य अधिकारी शामिल थे।


