केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद, ऊखीमठ में उमड़ा श्रद्धा और उत्साह का सागर
रुद्रप्रयाग — भगवान भोलेनाथ के दिव्य धाम श्री केदारनाथ के कपाट आज विधि-विधान और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच शीतकाल के लिए विधिवत बंद कर दिए गए। इस पावन अवसर पर सम्पूर्ण धाम में श्रद्धा, भक्ति और भावनाओं का अनूठा संगम देखने को मिला।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, जिलाधिकारी प्रतीक जैन, पुलिस अधीक्षक अक्षय कोंडे, बीकेटीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय थपलियाल, तीर्थ पुरोहितगण और हजारों श्रद्धालु कपाट बंद होने की इस ऐतिहासिक प्रक्रिया के साक्षी बने।
वैदिक विधि-विधान के साथ संपन्न हुई कपाट बंदी
सुबह चार बजे से ही केदारनाथ धाम में विशेष पूजा-अर्चना और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कपाट बंद करने की प्रक्रिया आरंभ हुई। पूरे क्षेत्र में “हर हर महादेव” के जयकारों से वातावरण गूंज उठा।
कपाट बंद होने के उपरांत बाबा केदारनाथ की डोली पारंपरिक विधि से अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ के लिए रवाना हुई।
डोली यात्रा में उमंग और भक्ति का माहौल
डोली यात्रा के दौरान मार्ग के हर पड़ाव पर श्रद्धालु उमंग और भक्ति भाव से बाबा केदारनाथ के जयकारे लगाते नजर आए। डोली का पहला पड़ाव रामपुर में रहेगा, इसके बाद कल गुप्तकाशी पहुंचेगी।
25 अक्टूबर को यह पवित्र डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ पहुंचेगी, जहां अगले छह महीनों तक भगवान केदारनाथ की पूजा-अर्चना संपन्न होगी।
ऊखीमठ में उत्सव का वातावरण
डोली के स्वागत को लेकर ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में विशेष तैयारियाँ की गई हैं। पूरा क्षेत्र भक्ति और उल्लास से सराबोर है। स्थानीय लोग और श्रद्धालु डोली के आगमन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।