Saturday, September 13, 2025
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भारत और न्यूजीलैंड के बीच 37 साल का इंतजार? 1988 के बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ कोई फाइनल नहीं जीत सकी टीम इंडिया

भारत और न्यूजीलैंड के बीच चैंपियंस ट्रॉफी का खिताबी मुकाबला: एक ऐतिहासिक अवसर

भारत और न्यूजीलैंड के बीच इस साल की चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला रविवार को दुबई में खेला जाएगा, और यह मुकाबला भारतीय टीम के लिए एक ऐतिहासिक अवसर बन चुका है। भारतीय टीम के सामने यह चुनौती होगी कि वह 12 साल बाद इस ट्रॉफी को जीते और न्यूजीलैंड के खिलाफ एक लंबा अनचाहा रिकॉर्ड भी तोड़े। 1988 के बाद से भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ किसी भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट फाइनल को नहीं जीता है। 37 साल बाद, अगर भारत यह मुकाबला जीतता है, तो यह एक बड़ी उपलब्धि होगी, और टीम पहली बार किसी आईसीसी टूर्नामेंट में न्यूजीलैंड को हराने में सफल होगी।

न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत का रिकॉर्ड
भारत ने आखिरी बार 1988 में शारजाह कप के फाइनल में न्यूजीलैंड को हराया था। इसके बाद से भारत न्यूजीलैंड के खिलाफ लगातार तीन फाइनल हार चुका है, जिनमें 2000 चैंपियंस ट्रॉफी, 2005 वीडियोकॉन त्रिकोणीय सीरीज और 2021 विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल शामिल हैं। भारत के लिए न्यूजीलैंड हमेशा एक मुश्किल प्रतिद्वंद्वी साबित हुआ है, और आईसीसी टूर्नामेंटों में न्यूजीलैंड का भारत के खिलाफ जीत का रिकॉर्ड 10-6 है। खास बात यह है कि न्यूजीलैंड ने आईसीसी नॉकआउट चरण में भारत के खिलाफ चार में से तीन मुकाबले जीते हैं।

भारत के गेंदबाजी संयोजन पर नजरें
भारत का आत्मविश्वास इस बार बढ़ा हुआ है, क्योंकि उसकी स्पिन चौकड़ी ने दुबई के सपाट पिच पर शानदार प्रदर्शन किया है। वरुण चक्रवर्ती और कुलदीप यादव ने पूरे टूर्नामेंट में विपक्षी बल्लेबाजों को परेशान किया है। इसके अलावा रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल ने भी गेंदबाजी आक्रमण को मजबूती दी है। अगर फाइनल उसी पिच पर खेला जाता है, जहां भारत और पाकिस्तान का मुकाबला हुआ था, तो ये चारों स्पिनर कीवी टीम को सख्त चुनौती दे सकते हैं।

न्यूजीलैंड के लिए भी स्पिनरों से उम्मीद
न्यूजीलैंड की टीम भी भारत के खिलाफ अच्छे प्रदर्शन के लिए अपने स्पिनरों पर निर्भर करेगी। केन विलियमसन और रचिन रवींद्र जैसे खिलाड़ी स्पिन गेंदबाजी को अच्छी तरह खेलते हैं। न्यूजीलैंड के पास भी मिचेल सैंटनर, माइकल ब्रेसवेल और रवींद्र जैसे स्पिनर हैं, जो भारत के खिलाफ सफलता प्राप्त करने के लिए अहम होंगे। पिछले साल टेस्ट सीरीज में न्यूजीलैंड के स्पिनरों ने भारतीय बल्लेबाजों को परेशान किया था, और वे एक बार फिर 2000 के बाद पहली बार आईसीसी वनडे खिताब जीतने के लिए उसी प्रदर्शन को दोहराना चाहेंगे।

विराट और रोहित पर पूरा दारोमदार
चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारत के लिए विराट कोहली और रोहित शर्मा पर बहुत कुछ निर्भर करेगा। कोहली हाल ही में शानदार फॉर्म में हैं और पिछले पांच मैचों में एक शतक और दो अर्धशतक जड़ चुके हैं। वहीं, रोहित शर्मा को क्रीज पर लंबे समय तक टिकने की जरूरत होगी, ताकि वे मध्यक्रम के बल्लेबाजों पर से दबाव कम कर सकें। रोहित के लिए यह फाइनल बहुत महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि वह लंबे समय से भारतीय क्रिकेट के सितारे रहे हैं।

हार्दिक पांड्या का अहम रोल
भारत की सफलता में हार्दिक पांड्या का भी महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। वह ऑलराउंड प्रदर्शन करते हुए टीम के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। पांड्या ने सेमीफाइनल में शानदार प्रदर्शन किया था, और इस बार भी उनसे बड़ी उम्मीदें होंगी।

टीमों का संभावित संयोजन:

भारत: रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, केएल राहुल, हार्दिक पांड्या, अक्षर पटेल, वाशिंगटन सुंदर, कुलदीप यादव, मोहम्मद शमी, अर्शदीप सिंह, हर्षित राणा, ऋषभ पंत, रविंद्र जड़ेजा, वरुण चक्रवर्ती।

न्यूजीलैंड: मिचेल सैंटनर (कप्तान), माइकल ब्रेसवेल, मार्क चैपमैन, डेवोन कॉनवे, लोकी फर्ग्यूसन, मैट हेनरी, टॉम लाथम, डेरिल मिशेल, विल ओ’रूर्के, ग्लेन फिलिप्स, रचिन रवींद्र, नाथन स्मिथ, केन विलियमसन, विल यंग, जैकब डफी।

निष्कर्ष:
भारत और न्यूजीलैंड के बीच होने वाला यह फाइनल मुकाबला एक ऐतिहासिक क्षण बन सकता है। भारत को न्यूजीलैंड के खिलाफ अपनी दुर्गति को खत्म करने और 37 साल पुरानी हार का बदला लेने का शानदार मौका मिलेगा। विराट कोहली और रोहित शर्मा के साथ-साथ पूरी टीम को एकजुट होकर इस जीत के लिए संघर्ष करना होगा, और यदि वे अपने प्रदर्शन को जारी रखते हैं, तो चैंपियंस ट्रॉफी जीतने का सपना पूरा हो सकता है।

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