Saturday, October 4, 2025
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India-EU: प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और यूरोपीय संघ की साझेदारी की सराहना की, एफटीए पर उम्मीदें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच स्वाभाविक और प्राकृतिक साझेदारी की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस साल के अंत तक भारत और यूरोपीय संघ के बीच एक मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) हो सकता है।

प्रधानमंत्री ने यह बयान हैदराबाद हाउस में यूरोपीय आयोग की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन के साथ बैठक के बाद संयुक्त प्रेस बयान में दिया। उन्होंने कहा, “हमने विभिन्न मुद्दों पर ईमानदार और सार्थक चर्चा की है। हमारी टीमों को पारस्परिक रूप से लाभकारी एफटीए पर काम करने और इसे इस साल के अंत तक पूरा करने का निर्देश दिया है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि भारत और यूरोपीय संघ के बीच दो दशकों से स्वाभाविक और रणनीतिक साझेदारी रही है, जो साझा विश्वास, लोकतांत्रिक मूल्य और समृद्धि की ओर एकजुटता से आगे बढ़ी है। उन्होंने यह भी बताया कि इस साझेदारी को और मजबूत बनाने के लिए कई फैसले लिए गए हैं।

भारत और यूरोपीय संघ के बीच महत्वपूर्ण निर्णय:

प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत और ईयू ने कई क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने के लिए निर्णय लिए हैं, जिनमें व्यापार, प्रौद्योगिकी, निवेश, नवाचार, हरित विकास, सुरक्षा, और कौशल पर सहयोग शामिल हैं। उन्होंने यह भी घोषणा की कि दोनों पक्षों ने ग्रीन हाइड्रोजन फोरम और ऑफशोर विंड एनर्जी बिजनेस समिट आयोजित करने का निर्णय लिया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत और ईयू ने अंतरिक्ष संवाद शुरू करने का निर्णय लिया है और सेमीकंडक्टर, एआई और 6जी में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों ने तकनीकी और नवाचार के क्षेत्र में एक भरोसेमंद और सुरक्षित मूल्य श्रृंखला बनाने पर चर्चा की।

सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ के बीच बढ़ता सहयोग आपसी विश्वास का प्रतीक है। दोनों देश साइबर सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी अभियान और समुद्री सुरक्षा पर सहयोग बढ़ाएंगे।

ईयू प्रमुख वॉन डेर लेयेन का बयान:

संयुक्त प्रेस बयान में यूरोपीय आयोग की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा, “हमारे व्यापार और तकनीकी सहयोग को अगले स्तर पर ले जाने की आवश्यकता है। विकास और आर्थिक सुरक्षा एक साथ चलते हैं, और विश्वसनीय साझेदारों से उत्पाद प्राप्त करके हम निर्भरता से बच सकते हैं और अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत बना सकते हैं।”

उन्होंने यह भी कहा कि भारत और यूरोप दो सबसे बड़े लोकतंत्र हैं और उनकी साझेदारी एक नए रणनीतिक एजेंडा की ओर बढ़ रही है। वॉन डेर लेयेन ने इस साझेदारी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का संकल्प लिया और कहा कि यूरोप पहले ही भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, और अब एफटीए पर काम करने से व्यापार संबंधों को और बढ़ावा मिलेगा।

प्रधानमंत्री मोदी और यूरोपीय आयोग के प्रमुख के बीच यह वार्ता भारत और यूरोपीय संघ के रिश्तों में नए अध्याय की शुरुआत का संकेत है, जिसमें दोनों पक्षों के बीच सहयोग की नई संभावनाओं को बढ़ावा मिलेगा।

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