Wednesday, November 5, 2025
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विधानसभा विशेष सत्र में सीएम धामी ने दोहराया अपना संकल्प, सदन में बुधवार को जवाब देगी सरकार

उत्तराखंड विधानसभा विशेष सत्र में सीएम धामी ने सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने का संकल्प दोहराया, विशेष सत्र को चर्चा के लिए एक दिन और बढ़ाया गया

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान आयोजित परिचर्चा में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने राज्य गठन की पृष्ठभूमि से लेकर वर्तमान तक का विस्तृत खाका खींचा. साथ ही सदन के सामने आगामी सालों में उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने का संकल्प दोहराया. वहीं, विशेष सत्र को चर्चा के लिए एक दिन और बढ़ाया गया है. ऐसे में बुधवार सरकार अपना जवाब देगी.

सभी मुख्यमंत्रियों का योगदान सराहा: मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि अटल सरकार के कार्यकाल में राज्य स्थापना के साथ ही केंद्र सरकार की ओर से राज्य को विशेष आर्थिक पैकेज दिया गया. जिसके माध्यम से पूर्व मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी और भगत सिंह कोश्यारी के नेतृत्व में राज्य में जनकल्याणकारी योजनाओं के साथ पर्यटन विकास, औद्योगिक विस्तार और आर्थिक सुधारों का नया दौर शुरू हुआ.

उसके बाद साल 2002 में राज्य के प्रथम विधानसभा चुनाव के बाद नारायण दत्त तिवारी के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार बनी. उनके नेतृत्व में राज्य में प्रशासनिक स्थिरता स्थापित करने, औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करने, शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के विस्तार की दिशा में कई अहम निर्णय लिए गए.

साल 2007 के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी का कार्यकाल सुशासन, पारदर्शिता और उत्तरदायित्व की नीति पर केंद्रित रहा. इसके बाद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक के मुख्यमंत्रित्व काल में भी कई ऐतिहासिक निर्णयों के माध्यम से राज्य का चहुंमुखी विकास सुनिश्चित हुआ.

इसी कड़ी में साल 2012 में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में राज्य की जनता ने कांग्रेस को सत्ता सौंपी. ये कालखंड राज्य के लिए राजनीतिक अस्थिरता, प्राकृतिक आपदाओं और विभिन्न चुनौतियों का दौर रहा. इसी दौरान केंद्र सरकार के सहयोग से केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्य शुरू किए गए, जिन्होंने 2013 की भीषण आपदा के बाद श्रद्धालुओं के विश्वास को पुनर्स्थापित करने में ऐतिहासिक भूमिका निभाई.

जबकि, साल 2017 में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी को प्रचंड बहुमत से जीत हासिल हुई, जिसमें त्रिवेंद्र सिंह रावत को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में सेवा का अवसर मिला. उनके नेतृत्व में राज्य में सुशासन, पारदर्शिता और तकनीक आधारित प्रशासन की दिशा में अनेक अहम सुधार शुरू किए गए.

उनके बाद तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद का दायित्व संभालते हुए अल्प अवधि में ही हरिद्वार कुंभ जैसे विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक आयोजन का कोरोना जैसी महामारी के बीच सफल आयोजन कराया. इस तरह से तमाम मुख्यमंत्रियों का अपना-अपना योगदान रहा.

कठिन चुनौतियों के बीच निभाई जिम्मेदारी: सीएम धामी ने कहा कि जुलाई 2022 में कोरोना महामारी जैसी वैश्विक आपदा के दौर और विधानसभा चुनाव से मात्र 7 महीने पहले उन्हें राज्य के मुख्य सेवक के रूप में दायित्व संभालने का अवसर मिला. उस अल्पावधि में कई चुनौतियां थीं, ऐसे में प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और सहयोग से उन्होंने राज्य में चल रही विभिन्न नीतियों और योजनाओं का सफलतापूर्वक संचालन कर नई दिशा देने का प्रयास किया.

जिसके परिणामस्वरूप साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड की जनता ने राज्य के इतिहास में पहली बार किसी एक दल को दूसरी बार भारी बहुमत से विजयी बनाया. साथ ही दोबारे राज्य की सेवा करने का अवसर दिया. उसके बाद से सरकार राज्य आंदोलनकारियों के सम्मान और उनके सपनों को साकार करने के लिए कृत संकल्पित होकर काम कर रही है.

प्रगति के पथ पर उत्तराखंड: सीएम धामी ने सरकार के कामकाज का विस्तार से विवरण पेश करते हुए कहा कि राज्य में रोजगार एवं स्वरोजगार के साधनों को बढ़ाने के साथ विभिन्न क्षेत्रों में 30 से ज्यादा नई नीतियों को बनाया गया. जिसके बाद समग्र विकास के विजन के साथ राज्य को प्रगति के पथ पर आगे ले जाने का प्रयास किया गया है. इन प्रयासों से नीति आयोग से जारी साल 2023-24 के सतत विकास लक्ष्य इंडेक्स में हमारे प्रदेश को देश में प्रथम स्थान मिला है.

आज प्रदेश की बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से बेहतर है. आज राज्य की अर्थव्यवस्था का आकार 26 गुना बढ़ा है और प्रति व्यक्ति आय में 18 गुना बढ़ोतरी हुई है. राज्य गठन के समय हमारी अर्थव्यवस्था का आकार 14 हजार 501 करोड़ रुपए था, जो 2024-25 में बढ़कर 3 लाख 78 हजार 240 करोड़ रुपये होने जा रहा है. इसी तरह राज्य गठन के समय हमारे राज्य में प्रति व्यक्ति आय सिर्फ 15 हजार 285 रुपए थी, जो अब बढ़कर लगभग 2 लाख 74 हजार 64 रुपए के करीब है.

डबल इंजन सरकार ने गैरसैंण को बनाया ग्रीष्मकालीन राजधानी: उन्होंने कहा डबल इंजन सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने का काम किया. उन्होंने खुद गैरसैंण के सारकोट गांव को गोद लिया है. प्रतिपक्ष के साथियों को वहां जाकर जायजा लेना चाहिए. राज्य सरकार ने साल 2023 में ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट का आयोजन कर 3.56 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश समझौते किए.

किसान कल्याण के लिए समर्पित: सीएम धामी कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के किसानों के उत्थान एवं समृद्धि के लिए संकल्पित होकर लगातार काम कर रही है. एक ओर जहां प्रदेश में किसानों को तीन लाख रुपए तक का ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध कराई जा रही है तो वहीं कृषि उपकरण खरीदने के लिए ‘फार्म मशीनरी बैंक’ योजना के माध्यम से 80 फीसदी तक की सब्सिडी भी दी जा रही है.

तीर्थाटन के साथ पर्यटन पर जोर: उन्होंने कहा कि तीर्थाटन और पर्यटन हमारे राज्य की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण आधार है. इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार राज्य में धार्मिक, साहसिक, ईको-टूरिज्म, वेलनेस टूरिज्म, एग्रो टूरिज्म और फिल्म पर्यटन जैसे विभिन्न क्षेत्रों को विकसित करने की दिशा में लगातार प्रयासरत है.

आज जहां एक ओर केदारखंड और मानसखंड के मंदिरों के सौंदर्यीकरण के लिए विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं तो वहीं ऋषिकेश और हरिद्वार को योग और आध्यात्मिक केंद्रों के रूप में वैश्विक स्तर पर प्रमोट करने के उद्देश्य से ऋषिकेश-हरिद्वार कॉरिडोर पर भी काम किया जा रहा है.

देवभूमि बनी खेल भूमि: सीएम धामी ने कहा कि सरकार देवभूमि को खेल भूमि के रूप में स्थापित करने के लिए भी लगातार प्रयासरत है. इसी साल राज्य में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ. इन खेलों में उत्तराखंड ने 103 पदक जीतकर पहली बार राष्ट्रीय खेलों में 7वां स्थान हासिल कर नया इतिहास रचा.

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि राज्य सरकार मातृशक्ति के कल्याण और सशक्तिकरण के लिए भी संकल्पित होकर काम कर रही है. जिसके अंतर्गत सरकार ने राज्य में सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 फीसदी आरक्षण दिया गया है.

इंफ्रा प्रोजेक्ट में तेजी: उन्होंने कहा कि आज ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना से पहाड़ों तक रेल पहुंचाने का सालों पुराना सपना साकार होने जा रहा है. इसके साथ ही प्रदेश में रोपवे विकास की दिशा में भी उल्लेखनीय काम हो रहे हैं. केंद्र सरकार के सहयोग से गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक, गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक रोपवे परियोजनाओं का निर्माण भी जल्द शुरू होने जा रहा है.

डबल इंजन सरकार की ओर से उड़ान योजना के अंतर्गत प्रदेश में 18 हेलीपोर्ट्स विकसित किए जा रहे हैं, जिनमें से अब तक 12 हेलीपोर्ट्स पर हवाई सेवाएं सफलतापूर्वक शुरू की जा चुकी हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और सुदृढ़ीकरण के लिए प्रयासरत है. प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की दिशा में काम किया जा रहा है.

वहीं, देहरादून, हल्द्वानी और श्रीनगर मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशियलिटी विभाग स्थापित करने के साथ ही हल्द्वानी में राज्य के प्रथम आधुनिक कैंसर संस्थान का निर्माण कार्य भी चल रहा है. हालांकि, अभी हमें स्वास्थ्य क्षेत्र में और अधिक काम करने की आवश्यकता है.

स्पष्ट नीति और पारदर्शी प्रक्रिया: सीएम धामी ने कहा कि वो साफ नीयत, स्पष्ट नीति और पारदर्शी प्रक्रिया के साथ शासन चलाने का संकल्प लेकर काम कर रहे हैं. आज उत्तराखंड में न तो किसी घोटालेबाज को संरक्षण मिलता है, न किसी भ्रष्टाचारी को बख्शा जाता है.

आज भ्रष्टाचारियों पर जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्रवाई करते हुए प्रदेश के इतिहास में पहली बार आईएएस और पीसीएस स्तर के अधिकारियों समेत पिछले चार सालों में भ्रष्टाचार में लिप्त 200 से ज्यादा लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की है.

राज्यहित में लिए दूरगामी निर्णय: उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्यहित में अनेक ऐसे ऐतिहासिक एवं दूरगामी निर्णय लिए हैं, जिनका सकारात्मक प्रभाव आने वाली पीढ़ियों तक महसूस किया जाएगा. सरकार ने देश में सबसे पहले ‘समान नागरिक संहिता कानून’ लागू कर सभी नागरिकों को समान अधिकार और अवसर सुनिश्चित करने का काम किया.

डेमोग्राफी बदलाव रोकने के लिए सरकार ने प्रदेश में जहां एक ओर ‘धर्मांतरण विरोधी कानून’ बनाया. वहीं, लव जिहाद, लैंड जिहाद जैसे कृत्यों को रोकने के लिए भी सख्त कार्रवाई की. प्रदेश में दंगों की राजनीति करने वालों को सबक सिखाने के लिए सख्त दंगारोधी कानून बनाकर दंगों में होने वाले नुकसान की भरपाई भी दंगाइयों से ही करने का काम किया गया.

इसके साथ ही देवभूमि के मूल स्वरूप को पुनर्स्थापित करने के उद्देश्य से राज्य में सख्त भू-कानून लागू करने का ऐतिहासिक फैसला लेने का भी काम किया. सरकार ने राज्य में मदरसा बोर्ड को भी समाप्त करने का निर्णय लिया है. हमारी सरकार रिवर्स माइग्रेशन को लेकर योजनाबद्ध और प्रभावी तरीके से काम कर रही है. कोरोनाकाल के बाद अपने गांव लौटे कई लोगों की सफलता की कहानियां आज पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा बनी हैं.

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