वित्त आयोग की बैठक में जनप्रतिनिधियों ने उठाई वित्तीय आवंटन बढ़ाने की मांग In the meeting of the Finance Commission, the public representatives raised the demand to increase financial allocation.
देहरादून, सोमवार – 16वें वित्त आयोग की टीम ने आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया की अध्यक्षता में राज्य के नगर निकायों, त्रिस्तरीय पंचायतों और विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श किया। देहरादून के एक स्थानीय होटल में आयोजित इस बैठक में आयोग की सदस्य श्रीमती एनी जॉर्ज मैथ्यू, मनोज पांडा, सौम्या कांति घोष, सचिव ऋत्विक पांडे, संयुक्त सचिव के.के. मिश्रा और संयुक्त निदेशक सुश्री पी. अमरुथा वर्षिनी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
प्रथम सत्र: नगर निकायों की मांगें – स्वच्छता, पार्किंग, सीवरेज और हेरिटेज विकास पर ज़ोर
पहले सत्र में राज्य के आठ नगर निकाय प्रमुखों ने आयोग के समक्ष अपने सुझाव प्रस्तुत किए। प्रतिनिधियों ने तीर्थाटन और पर्यटन गतिविधियों की विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए स्वच्छता, सीवरेज, पार्किंग और स्थानीय अवसंरचना विकास के लिए अतिरिक्त वित्तीय आवंटन की मांग की।
- मेयर देहरादून सौरभ थपलियाल ने कहा कि देहरादून एक शैक्षणिक और पर्यटन केंद्र होने के नाते अतिरिक्त संसाधनों की मांग करता है।
- रुद्रपुर के मेयर विकास शर्मा ने बताया कि सिडकुल क्षेत्र में प्रतिदिन लगभग 50,000 लोगों की फ्लोटिंग आबादी रहती है, जिससे प्रतिदिन लगभग ढाई लाख टन कचरा उत्पन्न होता है, जिसके निस्तारण हेतु सहायता आवश्यक है।
- अल्मोड़ा के मेयर अजय वर्मा ने शहर को हेरिटेज सिटी के रूप में विकसित करने के लिए सहयोग की मांग की।
- हरिद्वार की मेयर किरण जैसल ने तीर्थाटन के मद्देनज़र अतिरिक्त बजट की आवश्यकता जताई।
- मसूरी पालिका अध्यक्ष मीरा सकलानी ने पार्किंग सुविधाओं के विकास और ग्रीन बोनस पर ज़ोर दिया।
- पौड़ी पालिका अध्यक्ष हिमानी नेगी ने सीवर लाइन निर्माण की मांग रखी।
- बागेश्वर पालिका अध्यक्ष सुरेश खेतवाल ने पहाड़ी क्षेत्रों में अधिक निर्माण लागत का हवाला देते हुए बजट में वृद्धि की मांग की।
- अगस्त्यमुनि के अध्यक्ष राजेंद्र पंचायत गोस्वामी ने पार्किंग सुविधा पर विशेष ध्यान देने की बात कही।
इस सत्र में सचिव नितेश झा एवं नगर आयुक्त देहरादून श्रीमती नमामि बंसल भी उपस्थित रहीं।
द्वितीय सत्र: पंचायत प्रतिनिधियों ने क्षेत्रफल आधारित बजट आवंटन की मांग की
त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों ने बजट आवंटन में क्षेत्रफल को प्रमुख आधार बनाए जाने की वकालत की।
- देहरादून जिला पंचायत की प्रशासक मधु चौहान ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता बजट में वृद्धि का सुझाव दिया।
- पिथौरागढ़ की प्रशासक दीपिका बोरा ने आपदा प्रबंधन के लिए पंचायतों को आकस्मिक बजट देने की आवश्यकता बताई।
- जयहरीखाल ब्लॉक के प्रशासक दीपक भंडारी ने कहा कि कई ग्राम पंचायतों को केवल साढ़े तीन लाख रुपये सालाना ही मिलते हैं, जो अपर्याप्त है।
अन्य वक्ताओं में डॉ. दर्शन सिंह दानू (देवाल), महेन्द्र सिंह राणा (द्वारीखाल), पिंकी देवी (झाझरा) शामिल थे।
सचिव पंचायती राज चंद्रेश कुमार ने बताया कि राज्य की 89% ग्राम पंचायतों की जनसंख्या 500 से कम है, जिन्हें पांच लाख रुपये से कम का वार्षिक अनुदान मिल पाता है। इसलिए, वित्तीय आवंटन बढ़ाना अत्यावश्यक है।
निदेशक पंचायती राज श्रीमती निधि यादव भी बैठक में मौजूद थीं।
तृतीय सत्र: राजनीतिक दलों ने ग्रीन बोनस और विशेष सहायता की रखी मांग
तीसरे सत्र में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने राज्य की विशिष्ट आवश्यकताओं को रेखांकित करते हुए ग्रीन बोनस, कार्बन क्रेडिट, और विशेष वित्तीय सहायता की मांग उठाई।
- भाजपा विधायक विनोद चमोली ने कहा कि राज्य को पलायन रोकने के लिए टेलीमेडिसिन, महिला कुटीर उद्योग और सड़क संपर्क जैसी योजनाओं के लिए विशेष संसाधनों की आवश्यकता है। उन्होंने प्राकृतिक स्रोतों के संरक्षण हेतु जल जीवन मिशन के तहत अतिरिक्त बजट की भी मांग की।
- कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि हिमालय की युवा अवस्था और राज्य की आपदाओं की संवेदनशीलता को देखते हुए राज्य को अतिरिक्त संसाधन दिए जाने चाहिए। उन्होंने राज्य के पर्यावरणीय योगदान के लिए प्रतिपूर्ति की मांग भी की।
- सीपीआई (एम) के राज्य सचिव राजेन्द्र पुरोहित ने मनरेगा की दरें बढ़ाने और आंगनबाड़ी, भोजनमाताओं को सशक्त बनाने की बात रखी।
- आप पार्टी के उपाध्यक्ष विशाल चौधरी ने राज्य के लिए विशेष सहायता की मांग की।
- बसपा के राज्य सचिव मदनलाल भी बैठक में उपस्थित रहे।
इस सत्र में सचिव दिलीप जावलकर, अपर सचिव डॉ. विजय जोगदंडे एवं हिमांशु खुराना भी उपस्थित रहे।