वित्त आयोग की बैठक में कांग्रेस ने उत्तराखंड के लिए विशेष राज्य का दर्जा और आर्थिक पैकेज की मांग की In the Finance Commission meeting, the Congress demanded special state status and an economic package for Uttarakhand.
छठे वित्त आयोग द्वारा आयोजित राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में प्रदेश कांग्रेस ने राज्य की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाने के लिए कई महत्त्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए। कांग्रेस की ओर से प्रदेश उपाध्यक्ष (संगठन) सूर्यकांत धस्माना ने आयोग को एक विस्तृत सुझाव पत्र सौंपते हुए आग्रह किया कि उत्तराखंड को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाए और इसके अनुरूप आर्थिक पैकेज प्रदान किया जाए।
धस्माना ने सुझाव पत्र में उल्लेख किया कि उत्तराखंड राज्य अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे कर चुका है। राज्य के गठन के पहले वर्ष की तुलना में आज राज्य का बजट आकार लगभग 24 गुना बढ़ चुका है, बावजूद इसके राज्य में पलायन एक गंभीर समस्या बनी हुई है।
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड का लगभग 67 प्रतिशत भूभाग वन क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जबकि शेष 33 प्रतिशत भूमि ही कृषि योग्य है, जिसमें भी अधिकांश हिस्सा असिंचित है। राज्य में राष्ट्रीय उद्यान, वन्य जीव अभयारण्य और आरक्षित वन क्षेत्र बड़ी संख्या में होने के कारण विकास कार्यों की संभावनाएं सीमित हैं। इन परिस्थितियों को देखते हुए उन्होंने पर्वतीय राज्यों के लिए अलग लागत संवेदनशीलता गुणांक (Cost Disability Index) निर्धारित करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
प्रदेश कांग्रेस ने यह भी सुझाव दिया कि पर्वतीय क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों, जिला पंचायतों, विकासखंडों, नगरपालिकाओं और नगर पंचायतों को जनसंख्या के मानदंडों में विशेष छूट दी जानी चाहिए, क्योंकि इन क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व बहुत कम है।
राज्य में लगातार बढ़ते पलायन पर चिंता व्यक्त करते हुए कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि एक विशेष पलायन रोधी विकास योजना तैयार कर उसे शीघ्र लागू किया जाए।