Saturday, September 13, 2025
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दूरस्थ क्षेत्रों की स्वास्थ्य सेवाएं होंगी दुरूस्त: डॉ. धन सिंह रावत, नौ पर्वतीय जिलों में तैनात किये 84 बॉण्डधारी चिकित्सक

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सूबे के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को 84 नये एमबीबीएस चिकित्सक मिल गये हैं। राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर से पास आउट इन बॉडधारी चिकित्सकों को प्रदेश के नौ पर्वतीय जनपदों में तैनाती दे दी गई है। जिसकी सूची मुख्य चिकित्साधिकारियों को सौंप दी गई है ताकि प्राथमिकता के आधार पर इन्हें दूरस्थ चिकित्सा इकाईयों में तैनात किया जा सके।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश के चिकित्सा इकाईयों में स्वास्थ्य सुविधाओं के अपग्रेडेशन के लिये राज्य सरकार लगातार काम कर रही है। साथ ही विशेषज्ञ चिकित्सकों, नर्सिंग अधिकारियों सहित विभिन्न संवर्गों में पैरामेडिकल स्टॉफ की तैनाती से स्वास्थ्य सेवाओं में लगातार सुधार हो रहा है। इसी क्रम में बॉड व्यवस्था के तहत श्रीनगर मेडिकल कॉलेज से पास आउट 84 बॉडधारी चिकित्सकों को नौ पर्वतीय जनपदों में तैनाती दे दी गई है। जिसकी सूची स्वास्थ्य महानिदेशालय स्तर से मुख्य चिकित्साधिकारियों को सौंप दी गई है। इन बॉडधारी चिकित्सकों को संबंधित सीएमओ प्राथमिकता के आधार पर रिक्तियों रिक्त पदों के सापेक्ष चिकित्सालय आवंटित करेंगे।

डॉ. रावत ने बताया कि बॉड व्यवस्था के पौडी व अल्मोड़ा जनपद में 15 चिकित्सकों को तैनाती दी गई है। इसी प्रकार पिथौरागढ़ में 11, बागेश्वर 6, चमोली व रूद्रप्रयाग में 9-9, उत्तरकाशी व टिहरी में 7-7 तथा चम्पावत जनपद में 5 चिकित्सक शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बॉडधारी एमबीबीएस चिकित्सकों की तैनाती प्राथमिकता के आधार पर दुर्गम व पर्वतीय क्षेत्रों के चिकित्सालयों में दी जायेगी, जिसके निर्देश संबंधित मुख्य चिकित्साधिकारियों को दे दिये गये हैं।

सभी बॉण्डधारी चिकित्सकों को 20 दिन के भीतर तैनाती स्थान पर योगदान देना होगा और अपनी योगदान आख्या संबंधित जनपद के सीएमओ को प्रस्तुत करनी होगी। विभागीय मंत्री ने कहा कि संविदा बॉण्डधारी चिकित्सकों की नियुक्ति बॉण्ड व्यवस्था के तहत 05 वर्ष के लिये नियत मानदेय पर की गई है। बॉण्ड के उल्लंघन पर इनके खिलाफ अनुबंध की शर्तों के अनुरूप सख्त कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने बताया कि पर्वतीय क्षेत्रों में चिकित्सकों की तैनाती से स्वास्थ्य सुविधाएं और बेहतर होगी और स्थानीय स्तर पर लोगों को उपचार मिल सकेगा।

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