Saturday, September 13, 2025
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हरिद्वार में गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी पर श्रद्धालुओं की भीड़, गंगा में आस्था की डुबकी, हाईवे पर लगा लंबा जाम

हरिद्वार में गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी पर श्रद्धालुओं की भीड़, गंगा में आस्था की डुबकी, हाईवे पर लगा लंबा जाम

हरिद्वार। गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी जैसे पावन स्नान पर्वों के अवसर पर हरिद्वार में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। धर्मनगरी में पहुंचे हजारों श्रद्धालुओं ने मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाई और पुण्य अर्जित किया। इस दौरान हरिद्वार-देहरादून हाईवे पर लंबा जाम लग गया, जिससे यातायात व्यवस्था प्रभावित रही।

तीन दिन लागू रहेगा ट्रैफिक प्लान

भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने ट्रैफिक कंट्रोल के लिए विशेष योजना लागू की है। बुधवार रात 12 बजे से भारी वाहनों का शहर में प्रवेश रोक दिया गया है। यह यातायात योजना 5, 6 और 7 जून तक प्रभावी रहेगी। तीर्थनगरी में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया है।

गंगा दशहरा पर बना दुर्लभ योग

इस वर्ष गंगा दशहरा पर हस्त नक्षत्र, सिद्धि योग और व्यतिपात योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है, जो इसे और भी अधिक पावन और फलदायी बना रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस शुभ संयोग पर गंगा स्नान, दान और तपस्या करने से व्यक्ति को अनेक गुना पुण्य की प्राप्ति होती है।

मां गंगा का अवतरण: आध्यात्मिक ऐतिहासिक महत्व

गंगा दशहरा वह पावन तिथि है जब राजा भगीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर मां गंगा का स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरण हुआ था। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि, बुधवार, हस्त नक्षत्र और व्यतिपात योग—इन सभी शुभ संयोगों में मां गंगा का अवतरण हुआ था। तभी से यह दिन भारतीय संस्कृति में विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है।


निष्कर्ष

हरिद्वार में गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी पर्व न केवल श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनता है, बल्कि यह भारतीय सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत की जीवंत झलक भी प्रस्तुत करता है। ऐसे आयोजनों में उमड़ती भीड़ यह संदेश देती है कि आधुनिक युग में भी आस्था और परंपरा की शक्ति अक्षुण्ण बनी हुई है।

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