- 13 मई: पहला बड़ा मंगल – हनुमान जी की भक्ति का पर्व
हर साल ज्येष्ठ माह के मंगलवार को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाने वाला बड़ा मंगल, इस बार 13 मई को पहली बार मनाया जा रहा है। इसे बुढ़वा मंगल भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन विशेष रूप से हनुमान जी के वृद्ध स्वरूप की पूजा की जाती है।
बड़ा मंगल क्यों मनाया जाता है? – ऐतिहासिक कथा
इस पर्व की शुरुआत एक ऐतिहासिक घटना से मानी जाती है, जिसका संबंध लखनऊ से है। कहा जाता है कि अवध के नवाब वाजिद अली शाह का बेटा लंबे समय से बीमार था। जब इलाज से कोई लाभ नहीं हुआ, तो किसी ने नवाब और उनकी बेगम को अलीगंज के पुराने हनुमान मंदिर में मंगलवार को प्रार्थना करने की सलाह दी।
नवाब और बेगम ने पूरी श्रद्धा से भगवान हनुमान से दुआ मांगी। कुछ ही दिनों में उनके बेटे की तबीयत में चमत्कारिक रूप से सुधार होने लगा। इस आस्था से प्रभावित होकर नवाब ने मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया और हर ज्येष्ठ मंगलवार को भंडारे और सेवा की परंपरा शुरू की। तभी से लखनऊ में बड़ा मंगल विशेष रूप से मनाया जाने लगा।
पौराणिक मान्यताएं – हनुमान जी की लीला
बड़े मंगल से जुड़ी कई धार्मिक कथाएं भी प्रसिद्ध हैं:
राम-हनुमान मिलन की कथा
मान्यता है कि ज्येष्ठ के एक मंगलवार को ही भगवान श्रीराम और हनुमान जी का प्रथम मिलन हुआ था। यह मिलन धर्म, सेवा और भक्ति की मिसाल बन गया।
भीम का घमंड तोड़ने वाली कथा (महाभारत काल)
द्वापर युग में, जब पांडव वनवास में थे, भीम गंधमादन पर्वत से पुष्प लाने निकले। रास्ते में उन्हें एक वृद्ध वानर मिले (जो वास्तव में हनुमान जी थे)। वानर की पूंछ रास्ते में थी और भीम ने उसे हटाने को कहा। जब भीम खुद उसे हिलाने लगे, तो पूरी ताकत लगाने के बावजूद पूंछ नहीं हिला सके।
तब वानर रूपी हनुमान जी ने अपना वास्तविक रूप दिखाया और भीम का अहंकार तोड़ा। इस घटना ने यह सिखाया कि शक्ति के साथ विनम्रता भी जरूरी है।
बड़ा मंगल पर ध्यान रखने योग्य बातें
लाल, भगवा या पीले वस्त्र पहनें – ये रंग शुभ माने जाते हैं।
काले और सफेद कपड़ों से परहेज करें।
सात्विक भोजन करें। मांस, शराब, लहसुन और प्याज जैसे तामसिक भोजन से दूर रहें।
ब्रह्मचर्य और संयमित आचरण अपनाएं।
किसी से कठोर भाषा न बोलें, सभी से मधुरता और विनम्रता से व्यवहार करें।
मन में शुद्ध भावना बनाए रखें – यही सच्ची पूजा है।
बड़ा मंगल केवल एक पर्व नहीं, बल्कि सेवा, आस्था और विनम्रता का उत्सव है। इस दिन भगवान हनुमान के प्रति समर्पण दिखाते हुए, हम भी अपने जीवन में धैर्य, श्रद्धा और सेवा की भावना को अपनाएं। - ॐ नमो भगवते हनुमते नम:
- ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकायं हुं फट्
- ॐ नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा
ज्येष्ठ माह का पहला बड़ा मंगल पूजा विधि, नियम और मंत्र
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