सूबे में सरकारी और निजी संपत्तियों पर लंबे समय से अवैध अतिक्रमण के मामले सामने आते रहे हैं. जिसके बाद सरकार लगातार एक्शन में है.
देहरादून: उत्तराखंड की सौहार्दभाव को ठेस पहुंचाने वालों और अवैध धर्मांतरण, अतिक्रमण पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फिर कड़ा संदेश दिया है. सीएम धामी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा कि उत्तराखंड में अवैध धर्मांतरण, अतिक्रमण और दंगा फैलाने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जा रही है. उत्तराखंड में 9,000 एकड़ से अधिक सरकारी भूमि ‘लैंड जिहादियों’ से वापस ली गई है और 250 अवैध मदरसों को सील किया जा चुका है.
सरकार कर रही सख्त कार्रवाई: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा कि “जिस प्रकार दीपावली में दीपों की ज्योति अंधकार को समाप्त करती है, उसी प्रकार हमारी सरकार देवभूमि उत्तराखंड में सुशासन का दीप प्रज्वलित कर जिहादी और नक्सली सोच को समाप्त करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है. प्रदेश में अवैध धर्मांतरण, अतिक्रमण और दंगा फैलाने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जा रही है”
सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति: गौर हो कि उत्तराखंड में धामी सरकार का रूख सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे और अतिक्रमण समेत अवैध धार्मिक निर्माणों के खिलाफ सख्त रहा है. साथ ही यूपी की तर्ज पर धामी सरकार भी लगातार कार्रवाई करती आ रही है. यहां तक कि उत्तराखंड सरकार ने लैंड जिहाद जैसे मामलों पर जीरो टॉलरेंस की नीति स्पष्ट की है. जिसके बाद पूर्व में प्रदेश भर में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई.
250 अवैध मदरसों को किया सील: उत्तराखंड में सीएम धामी का ताबड़तोड़ एक्शन भी सियासी गलयारों में चर्चा का विषय बना रहा. रुड़की में भाजपा के नए कार्यालय के उद्घाटन के मौके पर सीएम धामी ने कहा किसीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड में 9,000 एकड़ से अधिक सरकारी भूमि ‘लैंड जिहादियों’ से वापस ली गई है. 250 अवैध मदरसों को सील किया जा चुका है और 500 से अधिक अवैध ढांचों को ध्वस्तीकरण किया जा चुका है. उन्होंने आगे कहा कि अभी भी सरकार का एक्शन जारी है. इस पर काम अभी भी जारी है.
मदरसा बोर्ड को समाप्त करने का फैसला: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पूरे प्रदेश में ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत “सनातन हिंदू धर्म को बदनाम करने वाले छद्मवेशियों” के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी है. जो अपनी असली पहचान छिपाकर हिंदू संतों का ढोंग रचकर लोगों को ठगते हैं.उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने “हाल ही में अल्पसंख्यक शिक्षा अधिनियम बनाकर राज्य में मदरसा बोर्ड को समाप्त करने का भी फैसला किया है.