विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ा प्रश्नकाल गैरसैण में चल रहे उत्तराखंड विधानसभा सत्र विपक्ष ने नैनीताल प्रकरण को लेकर जमकर हंगामा किया, जिसके चलते प्रश्नकाल नहीं हो सका। नेता सदन पुष्कर सिंह धामी जब सदन को संबोधित कर रहे थे, उस समय विपक्ष ने सरकार की बात सुने बिना विरोध शुरू कर दिया। यह विरोध देर रात तक जारी रहा।
विपक्ष ने जिला अधिकारी और एसएसपी को हटाने की मांग को लेकर आक्रोश जताया, जबकि सरकार ने बेतालघाट प्रकरण में पहले ही दो पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई कर दी थी। इसके बावजूद विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ और प्रदर्शन तेज करता रहा।
हद तो तब हो गई जब विपक्ष ने सदन में बिस्तर तक बिछा लिए और रात भर वहीं रुका। सदन की कार्यवाही से जुड़े दस्तावेजों को फाड़ने और टेबल पलटने जैसी घटनाएं भी सामने आईं, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। इस तरह के व्यवहार से राज्य की छवि राष्ट्रीय स्तर पर बिहार जैसे राज्यों से तुलना के रूप में की जा रही है, जिसे लेकर आम जनता और जानकार वर्ग में चिंता जताई जा रही है।
गैरसैण जैसे संवेदनशील और प्रतीकात्मक स्थल पर विपक्ष का ऐसा आचरण न केवल लोकतांत्रिक मूल्यों के विरुद्ध है, बल्कि इससे आम जनता से जुड़े मुद्दे सत्र के पहले दो दिनों में पूरी तरह से हाशिए पर चले गए।
जनता को उम्मीद थी कि उनके चुने हुए प्रतिनिधि गंभीरता से राज्य के मुद्दे उठाएंगे, लेकिन हंगामे और प्रदर्शन ने लोकतंत्र के इस मंच की गरिमा को ठेस पहुंचाई है।