Friday, November 21, 2025
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Dehradun: मेडिकल कॉलेजों को मिला बड़ा लाभ, 142 नए प्रोफेसर नियुक्त

देहरादून: उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड ने राजकीय मेडिकल कॉलेजों के अंतर्गत विभिन्न संकायों के 142 असिस्टेंट प्रोफेसर का परीक्षा परिणाम विषयवार घोषित कर दिया है। चयन आयोग की ओर से चयनित इन संकाय सदस्यों को शीघ्र ही प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में प्रथम तैनाती दी जाएगी।

राजकीय मेडिकल कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर की स्थाई नियुक्ति के लिये विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देश पर चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड को असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त 439 पदों पर सीधी भर्ती के लिये अधियाचन भेजा गया था। जिसके क्रम में चयन बोर्ड के द्वारा उक्त पदों पर निर्धारित मानकों के तहत भर्ती प्रक्रिया आयोजित कर चयनित अभ्यर्थियों का अन्तिम परीक्षा परिणाम विषयवार घोषित कर दिया है।

चयन बोर्ड की ओर से दो दर्जन से अधिक संकायों के लिये 142 विशेषज्ञ चिकित्साकों का चयन किया गया है। जिसमें एनेस्थीसिया संकाय में 16 असिस्टेंट प्रोफेसर का चयन हुआ है। इसी प्रकार एनाटॉमी, पीडियाट्रिक्स व बॉयोकैमेस्ट्री में 7-7, ब्लड बैंक, रेडियोथेरेपी व डर्मेटोलॉजी में 3-3, कम्युनिटी मेडिसिन व पैथोलॉजी 12-12, डेंटिस्ट्री 2, इमरजेंसी व फॉरेन्सिक मेडिसिन 1-1, जनरल मेडिसिन, जनरल सर्जरी, रेस्पीरेट्री मेडिसिन व फार्माकोलॉजी 5-5, माइक्रोबॉयोलॉजी व आर्थोपीडिक्स 9-9, ऑब्स्टेट्रीक एंड गायनी 8, ऑप्थैल्मोलॉजी 4 और ओटो-राइनो-लेरिंगोलॉजी, साईकाइट्री व फिजियोलॉजी संकाय में 6-6 असिस्टेंट प्रोफेसर का चयन हुआ है। इन सभी चयनित असिस्टेंट प्रोफेसर को शीघ्र ही प्रदेशभर के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में प्रथम तैनाती दी जायेगी। इनकी नियुक्ति से मेडिकल कॉलेजों में शिक्षण व प्रशिक्षण कार्यों में गुणात्मक वृद्धि होगी,जिसका फायदा मेडिकल छात्र-छात्राओं को मिलेगी। साथ ही सम्बद्ध अस्पतालों में उपचार को आये मरीजों को भी बेहतर इलाज मिल सकेगा।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा ​कि उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड ने राजकीय मेडिकल कॉलेजों के अंतर्गत दो दर्जन से अधिक संकायों में 142 असिस्टेंट प्रोफेसर का चयन परिणाम घोषित कर दिया है। इन चयनित फैकल्टी को शीघ्र ही मेडिकल कॉलेजों में नियुक्ति दी जाएगी। स्थाई फैकल्टी मिलने से मेडिकल कॉलेजों में शिक्षण, प्रशिक्षण एवं शोधात्मक कार्यों में गुणात्मक वृद्धि होगी,जिसका फायदा मेडिकल छात्र-छात्राओं को मिलेगी।

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