Sunday, December 7, 2025
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प्रदेशभर में घटिया और प्रतिबंधित कफ सिरप पर बड़ी कार्रवाई, अब तक 370 से अधिक सैंपल लिए गए

प्रदेशभर में घटिया और प्रतिबंधित कफ सिरप पर बड़ी कार्रवाई, अब तक 370 से अधिक सैंपल लिए गए

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देश पर राज्य में घटिया व प्रतिबंधित दवाओं के खिलाफ सघन अभियान जारी है। औषधि विभाग ने अब तक प्रदेशभर से 370 से अधिक औषधीय सैंपल जांच के लिए संकलित किए हैं।

राज्यभर में चल रहे इस औचक निरीक्षण अभियान की निगरानी खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार के आदेश पर की जा रही है। अपर आयुक्त एवं ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी के नेतृत्व में जिलों की औषधि निरीक्षक टीमें लगातार फील्ड में सक्रिय हैं।

तीन प्रमुख जिलों में छापेमारी

🔹 रामनगर (नैनीताल):
14 अक्टूबर को खताड़ी क्षेत्र में औचक निरीक्षण के दौरान एक मेडिकल स्टोर को गंभीर अनियमितताओं के चलते तत्काल बंद किया गया। दो अन्य स्टोरों को चेतावनी दी गई, जबकि दो स्टोर बंद पाए गए। एक क्लीनिक से पांच दवाओं के सैंपल भी लिए गए।

🔹 देहरादून:
दून मेडिकल कॉलेज के पास मेडिकल स्टोर्स में छापेमारी कर बच्चों की खांसी-जुकाम की प्रतिबंधित दवाएं जब्त की गईं। साथ ही सेलाकुई स्थित औषधि निर्माण इकाइयों का निरीक्षण कर चार सैंपल जांच के लिए लिए गए।

🔹 रुड़की (हरिद्वार):
गुप्त सूचना के आधार पर बिना लाइसेंस एक प्रतिष्ठान में छापा मारकर राजस्थान व मध्यप्रदेश सरकार की सप्लाई की गई 12 प्रकार की सरकारी एलोपैथिक दवाएं जब्त की गईं। दवाएं फार्म 17–17ए के अंतर्गत सील कर ली गई हैं। कार्रवाई Drugs and Cosmetics Act, 1940 के तहत की जाएगी।


सरकार की स्पष्ट चेतावनी: बच्चों की दवा को लेकर कोई समझौता नहीं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। खासकर दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्रतिबंधित कफ सिरप न देने के निर्देश जारी किए गए हैं।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा, “कार्रवाई सतत जारी रहेगी। बच्चों की सेहत को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार और अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने भी अभियान को लगातार और कठोर बनाए रखने की बात कही है।


सरकार का संदेश स्पष्ट:

“जनस्वास्थ्य और खासकर बच्चों की सेहत के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। अनधिकृत बिक्री, भंडारण या घटिया दवाओं पर कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।”

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नारायण परगाई – उत्तराखंड के डिजिटल पत्रकारिता के अग्रदूत पूरा नाम: नारायण परगाई जन्म स्थान: देहरादून, उत्तराखंड पेशा: वरिष्ठ पत्रकार, डिजिटल मीडिया विशेषज्ञ, सामाजिक विश्लेषक प्रसिद्धि: उत्तराखंड के पहले डिजिटल न्यूज़ पोर्टल के संस्थापक, सोशल मीडिया पत्रकारिता के जनक परिचय नारायण परगाई उत्तराखंड की पत्रकारिता जगत का एक जाना-पहचाना नाम हैं। देहरादून से आने वाले इस वरिष्ठ पत्रकार ने राज्य में डिजिटल पत्रकारिता की नींव रखने का कार्य किया। वे उन पहले पत्रकारों में शामिल हैं जिन्होंने समाचार को प्रिंट और टीवी की सीमाओं से बाहर निकालकर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया। इस दिशा में उन्होंने उत्तराखंड का पहला डिजिटल न्यूज़ पोर्टल शुरू किया, जिसने राज्य में ऑनलाइन खबरों की परंपरा को जन्म दिया। पत्रकारिता में योगदान नारायण परगाई जी को अक्सर “सोशल मीडिया का जनक” कहा जाता है क्योंकि उन्होंने न केवल सोशल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से समाचारों का प्रसार किया, बल्कि आम जनता को सूचना और संवाद के नए युग से जोड़ा। उनकी रिपोर्टिंग शैली तथ्यपरक, सामाजिक सरोकारों से जुड़ी और तकनीकी दृष्टि से आधुनिक मानी जाती है। उन्होंने समय-समय पर उत्तराखंड के सामाजिक, राजनीतिक और प्रशासनिक मुद्दों पर बेबाक लेखन किया है। उनके सुझाव और विश्लेषण न केवल पत्रकारों बल्कि सरकारी विभागों के लिए भी मार्गदर्शक सिद्ध होते हैं। नवाचार और तकनीकी दृष्टि नारायण परगाई जी नए विचारों और तकनीकी रुझानों को अपनाने के लिए जाने जाते हैं। वे निरंतर डिजिटल मीडिया, सोशल नेटवर्किंग, और नई पत्रकारिता तकनीकों पर कार्य कर रहे हैं। नई जानकारी, जनहितकारी विषयों और शासन-प्रशासन से जुड़ी खबरों को आधुनिक प्रस्तुति देने में उनकी विशेष पहचान है। प्रभाव और प्रेरणा देहरादून और पूरे उत्तराखंड में पत्रकारिता से जुड़े युवा नारायण परगाई को प्रेरणा स्रोत मानते हैं। उनकी कार्यशैली में ईमानदारी, तत्परता और नवीनता का समावेश है। वे मानते हैं कि “समाचार सिर्फ खबर नहीं, समाज को जोड़ने का माध्यम है।” उपलब्धियाँ और सम्मान उत्तराखंड में पहला डिजिटल न्यूज़ पोर्टल शुरू करने वाले पत्रकार सोशल मीडिया आधारित पत्रकारिता को मुख्यधारा में लाने का श्रेय कई समाचार संस्थानों व सामाजिक संगठनों द्वारा पत्रकारिता में नवाचार हेतु सम्मानित राज्य में डिजिटल जागरूकता और पारदर्शिता को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निष्कर्ष नारायण परगाई न सिर्फ एक पत्रकार हैं, बल्कि उत्तराखंड में डिजिटल सोच और मीडिया क्रांति के प्रतीक हैं। उनकी पहल ने यह साबित किया कि सच्ची पत्रकारिता समय के साथ बदल सकती है, लेकिन उसका उद्देश्य हमेशा एक ही रहता है — “सत्य को समाज तक पहुँचाना।”
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