प्रदेशभर में घटिया और प्रतिबंधित कफ सिरप पर बड़ी कार्रवाई, अब तक 370 से अधिक सैंपल लिए गए
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देश पर राज्य में घटिया व प्रतिबंधित दवाओं के खिलाफ सघन अभियान जारी है। औषधि विभाग ने अब तक प्रदेशभर से 370 से अधिक औषधीय सैंपल जांच के लिए संकलित किए हैं।
राज्यभर में चल रहे इस औचक निरीक्षण अभियान की निगरानी खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार के आदेश पर की जा रही है। अपर आयुक्त एवं ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी के नेतृत्व में जिलों की औषधि निरीक्षक टीमें लगातार फील्ड में सक्रिय हैं।
तीन प्रमुख जिलों में छापेमारी
🔹 रामनगर (नैनीताल):
14 अक्टूबर को खताड़ी क्षेत्र में औचक निरीक्षण के दौरान एक मेडिकल स्टोर को गंभीर अनियमितताओं के चलते तत्काल बंद किया गया। दो अन्य स्टोरों को चेतावनी दी गई, जबकि दो स्टोर बंद पाए गए। एक क्लीनिक से पांच दवाओं के सैंपल भी लिए गए।
🔹 देहरादून:
दून मेडिकल कॉलेज के पास मेडिकल स्टोर्स में छापेमारी कर बच्चों की खांसी-जुकाम की प्रतिबंधित दवाएं जब्त की गईं। साथ ही सेलाकुई स्थित औषधि निर्माण इकाइयों का निरीक्षण कर चार सैंपल जांच के लिए लिए गए।
🔹 रुड़की (हरिद्वार):
गुप्त सूचना के आधार पर बिना लाइसेंस एक प्रतिष्ठान में छापा मारकर राजस्थान व मध्यप्रदेश सरकार की सप्लाई की गई 12 प्रकार की सरकारी एलोपैथिक दवाएं जब्त की गईं। दवाएं फार्म 17–17ए के अंतर्गत सील कर ली गई हैं। कार्रवाई Drugs and Cosmetics Act, 1940 के तहत की जाएगी।
सरकार की स्पष्ट चेतावनी: बच्चों की दवा को लेकर कोई समझौता नहीं
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। खासकर दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्रतिबंधित कफ सिरप न देने के निर्देश जारी किए गए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा, “कार्रवाई सतत जारी रहेगी। बच्चों की सेहत को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार और अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने भी अभियान को लगातार और कठोर बनाए रखने की बात कही है।
सरकार का संदेश स्पष्ट:
“जनस्वास्थ्य और खासकर बच्चों की सेहत के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। अनधिकृत बिक्री, भंडारण या घटिया दवाओं पर कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।”