Sunday, December 7, 2025
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लोगों की भावनाओं के अनुरूप होगा निर्माण कार्य – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

लोगों की भावनाओं के अनुरूप होगा निर्माण कार्य – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

शारदा कॉरिडोर बनेगा श्रद्धा, संस्कृति और समृद्धि का केंद्र

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा के लोहियाहेड स्थित कैंप कार्यालय में “शारदा कॉरिडोर विकास परियोजना” की विस्तृत समीक्षा बैठक की। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि परियोजना से संबंधित सभी कार्य जनता की अपेक्षाओं और स्थानीय आस्था के अनुरूप किए जाएं।

उन्होंने बताया कि शारदा कॉरिडोर विकास परियोजना का उद्देश्य लगभग 200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का समग्र विकास करना है, ताकि यह क्षेत्र धार्मिक, सांस्कृतिक, पर्यटन और पर्यावरणीय दृष्टि से सशक्त और आकर्षक बन सके।

मुख्यमंत्री ने परियोजना के अंतर्गत प्रस्तावित 38 प्रमुख कार्यों की प्रगति की समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी कार्य समयबद्ध, गुणवत्तापूर्ण और पारदर्शिता के साथ पूर्ण किए जाएं। इन कार्यों में शारदा घाट का पुनर्विकास, सिटी ड्रेनेज प्लान-1, रणकोची माता मंदिर का पुनरुद्धार, बनबसा में हेलीपोर्ट का निर्माण, चूका से चल्थी तक माउंटेन बाइक ट्रेल, बनबसा में अंतरराष्ट्रीय सीमा बाजार, श्रद्धा पथ नदी तट का सौंदर्यीकरण, शारदा रिवरफ्रंट के लिए मास्टर प्लान तथा एयरो स्पोर्ट्स सुविधाओं का विकास शामिल है।

मुख्यमंत्री ने भूमि अधिग्रहण और हस्तांतरण कार्यों को प्राथमिकता से शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी निर्माण कार्य निर्धारित समय सीमा में पूरे हों और पर्यावरण संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि डिजाइन और ढांचा स्थानीय संस्कृति एवं स्थापत्य शैली के अनुरूप तैयार किए जाएं।

मुख्यमंत्री ने कार्यदायी संस्थाओं को क्षेत्र में स्थानीय कार्यालय स्थापित करने के निर्देश दिए ताकि कार्यों की गति तेज हो और अनावश्यक विलंब न हो।

श्री धामी ने बताया कि भविष्य में लोहाघाट स्थित विवेकानंद सर्किट तथा माँ वाराही धाम को “स्पिरिचुअल ज़ोन” के रूप में विकसित किया जाएगा। साथ ही क्षेत्र को डेस्टिनेशन वेडिंग हब के रूप में विकसित करने और सेना, पुलिस व अर्द्धसैनिक बलों के वीर शहीदों के सम्मान में ‘शौर्य स्थल’ निर्माण के निर्देश भी दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य टनकपुर की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान को सहेजते हुए, पर्यटन, पर्यावरण और श्रद्धालुओं के अनुभव को बेहतर बनाना है। यह परियोजना स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित करेगी और जीवन स्तर में सुधार लाएगी।

उन्होंने बताया कि परियोजना में लगभग ₹3300 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है और निर्माण कार्य तीव्र गति से शुरू किए जा रहे हैं। यह परियोजना टनकपुर शहर को नई पहचान देने में मील का पत्थर सिद्ध होगी।

बैठक में जिलाधिकारी चम्पावत श्री मनीष कुमार, जिलाधिकारी उधम सिंह नगर श्री नितिन सिंह भदौरिया, अपर जिलाधिकारी चम्पावत श्री कृष्णा नाथ गोस्वामी, मुख्य विकास अधिकारी डॉ. जी.एस. खाती सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।

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नारायण परगाई – उत्तराखंड के डिजिटल पत्रकारिता के अग्रदूत पूरा नाम: नारायण परगाई जन्म स्थान: देहरादून, उत्तराखंड पेशा: वरिष्ठ पत्रकार, डिजिटल मीडिया विशेषज्ञ, सामाजिक विश्लेषक प्रसिद्धि: उत्तराखंड के पहले डिजिटल न्यूज़ पोर्टल के संस्थापक, सोशल मीडिया पत्रकारिता के जनक परिचय नारायण परगाई उत्तराखंड की पत्रकारिता जगत का एक जाना-पहचाना नाम हैं। देहरादून से आने वाले इस वरिष्ठ पत्रकार ने राज्य में डिजिटल पत्रकारिता की नींव रखने का कार्य किया। वे उन पहले पत्रकारों में शामिल हैं जिन्होंने समाचार को प्रिंट और टीवी की सीमाओं से बाहर निकालकर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया। इस दिशा में उन्होंने उत्तराखंड का पहला डिजिटल न्यूज़ पोर्टल शुरू किया, जिसने राज्य में ऑनलाइन खबरों की परंपरा को जन्म दिया। पत्रकारिता में योगदान नारायण परगाई जी को अक्सर “सोशल मीडिया का जनक” कहा जाता है क्योंकि उन्होंने न केवल सोशल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से समाचारों का प्रसार किया, बल्कि आम जनता को सूचना और संवाद के नए युग से जोड़ा। उनकी रिपोर्टिंग शैली तथ्यपरक, सामाजिक सरोकारों से जुड़ी और तकनीकी दृष्टि से आधुनिक मानी जाती है। उन्होंने समय-समय पर उत्तराखंड के सामाजिक, राजनीतिक और प्रशासनिक मुद्दों पर बेबाक लेखन किया है। उनके सुझाव और विश्लेषण न केवल पत्रकारों बल्कि सरकारी विभागों के लिए भी मार्गदर्शक सिद्ध होते हैं। नवाचार और तकनीकी दृष्टि नारायण परगाई जी नए विचारों और तकनीकी रुझानों को अपनाने के लिए जाने जाते हैं। वे निरंतर डिजिटल मीडिया, सोशल नेटवर्किंग, और नई पत्रकारिता तकनीकों पर कार्य कर रहे हैं। नई जानकारी, जनहितकारी विषयों और शासन-प्रशासन से जुड़ी खबरों को आधुनिक प्रस्तुति देने में उनकी विशेष पहचान है। प्रभाव और प्रेरणा देहरादून और पूरे उत्तराखंड में पत्रकारिता से जुड़े युवा नारायण परगाई को प्रेरणा स्रोत मानते हैं। उनकी कार्यशैली में ईमानदारी, तत्परता और नवीनता का समावेश है। वे मानते हैं कि “समाचार सिर्फ खबर नहीं, समाज को जोड़ने का माध्यम है।” उपलब्धियाँ और सम्मान उत्तराखंड में पहला डिजिटल न्यूज़ पोर्टल शुरू करने वाले पत्रकार सोशल मीडिया आधारित पत्रकारिता को मुख्यधारा में लाने का श्रेय कई समाचार संस्थानों व सामाजिक संगठनों द्वारा पत्रकारिता में नवाचार हेतु सम्मानित राज्य में डिजिटल जागरूकता और पारदर्शिता को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निष्कर्ष नारायण परगाई न सिर्फ एक पत्रकार हैं, बल्कि उत्तराखंड में डिजिटल सोच और मीडिया क्रांति के प्रतीक हैं। उनकी पहल ने यह साबित किया कि सच्ची पत्रकारिता समय के साथ बदल सकती है, लेकिन उसका उद्देश्य हमेशा एक ही रहता है — “सत्य को समाज तक पहुँचाना।”
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