दिल्ली के रामलीला मैदान में 14 दिसंबर को होने वाली कांग्रेस की ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ रैली को लेकर उत्तराखंड में राजनीतिक तापमान चढ़ गया है। रैली को सफल बनाने के लिए प्रदेश कांग्रेस ने व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं।
पार्टी न सिर्फ जिला-महानगर स्तर पर बैठकों का दौर चला रही है, बल्कि संगठन को मजबूती से मैदान में उतारने के लिए बड़े नेताओं को पहले ही जिम्मेदारियां भी सौंप चुकी है।
प्रतिमा सिंह बोलीं- उत्तराखंड से पहुंचेंगे 20-22 हजार कार्यकर्ता
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता प्रतिमा सिंह ने बताया कि दिल्ली में होने वाली यह रैली बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि वोट एक मौलिक अधिकार है और भाजपा ने पिछले चुनावों में सिर्फ वोट चोरी का काम किया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड कांग्रेस इस रैली को लेकर बेहद उत्साहित है और प्रदेश स्तर पर तैयारियां जोरों पर हैं।
प्रतिमा सिंह ने दावा किया कि प्रदेश से लगभग 20 से 22 हजार कार्यकर्ताओं के इस रैली में शामिल होने की संभावना है। सभी जिलों में पर्यवेक्षकों की नियुक्ति हो चुकी है और बैठकों का दौर लगातार जारी है। जल्द ही पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। 2027 के विधानसभा चुनावों को देखते हुए यह रैली उत्तराखंड के लिए बेहद अहम है।
बता दें कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल की अध्यक्षता में एक प्रदेश स्तरीय संचालन समिति गठित की गई है, जिसमें नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्या, पूर्व सीएम हरीश रावत, प्रदेश चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष प्रीतम सिंह, सीडब्ल्यूसी सदस्य करन माहरा, प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष हरक सिंह रावत और राष्ट्रीय सचिव काजी निजामुद्दीन जैसे बड़े चेहरे शामिल हैं।
समिति का काम रैली के लिए समन्वय, तैयारियों की निगरानी और अंतिम रिपोर्टिंग सुनिश्चित करना है।
भीड़ जुटाने के लिए जिले में पहले ही बनाए गए पर्यवेक्षक
रैली में ज्यादातर भीड़ जुटाने के लिए कांग्रेस ने प्रदेशभर में वरिष्ठ नेताओं और विधायकों को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। उत्तरकाशी के पुरोला से बिहारी लाल, रुद्रप्रयाग से प्रदीप थपलियाल, टिहरी से विधायक विक्रम सिंह नेगी, चमोली से पूर्व जिला अध्यक्ष मुकेश नेगी, कोटद्वार से रघुवीर सिंह बिष्ट, महानगर कोटद्वार से पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी, देवप्रयाग से पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी और हरिद्वार जिले से विधायक रवि बहादुर और अनुपमा रावत को विशेष जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।
कांग्रेस का पूरा फोकस रैली में भारी भीड़ दिखाकर केंद्र सरकार पर राजनीतिक दबाव बनाने पर है। बसों की व्यवस्था, बूथ स्तर तक कार्यकर्ताओं से संपर्क, जिलों में लगातार समीक्षा बैठकों और बड़े नेताओं के फील्ड दौरे इन सभी के जरिए पार्टी दिल्ली में शक्ति प्रदर्शन की तैयारियों में जुटी है।
14 दिसंबर को रामलीला मैदान में होने वाली इस रैली को कांग्रेस आगामी चुनावी रणनीति का बड़ा लॉन्च प्वाइंट मान रही है। ऐसे में उत्तराखंड कांग्रेस के लिए भी यह मौका अपनी ताकत दिखाने का है और संगठन अब पूरी क्षमता के साथ दिल्ली की ओर रुख करने की तैयारी कर रहा है।


