हर माह विभिन्न योजना के लाभार्थियों से करेंगे संवाद
देहरादून में “गांव से ग्लोबल तकः होम स्टे संवाद” कार्यक्रम का हुआ आयोजन
प्रदेश भर से आए होम स्टे संचालकों से किया मुख्यमंत्री धामी ने संवाद
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को “मुख्यसेवक संवाद” नाम से एक नई पहल की शुरुआत की है। इस ऐतिहासिक पहल का उद्देश्य सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से सीधे संवाद कर न सिर्फ उनके अनुभवों को समझना, बल्कि योजनाओं के जमीनी क्रियान्वयन की वास्तविक स्थिति को भी जानना है। मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में यह तय किया गया है कि अब प्रत्येक माह मुख्य सेवक सदन में इस तरह का जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जो नीतियों को लोगों की जरूरतों से सीधे जोड़ने का एक सशक्त माध्यम बनेगा।
इसी क्रम में सोमवार को आयोजित हुआ ‘गांव से ग्लोबल तक: होम स्टे संवाद’ कार्यक्रम—एक ऐसा आयोजन, जिसमें प्रदेश के दूरदराज़ गांवों से आए होम स्टे संचालकों ने भाग लिया और अपने अनुभव, चुनौतियां और सुझाव सीधे मुख्यमंत्री के समक्ष रखे। यह संवाद एक सजीव मंच बन गया, जहां सरकार और समाज के बीच की दूरी मिटती दिखी, और हर विचार एक नई नीति की प्रेरणा बनता नजर आया।
मुख्यमंत्री धामी ने पूरी संवेदनशीलता और गंभीरता के साथ होम स्टे संचालकों की बातों को सुना और यह आश्वासन भी दिया कि उनके सुझाव केवल शब्दों तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि आने वाली नीतियों की संरचना का आधार बनेंगे। यह संवाद केवल एक प्रशासनिक औपचारिकता नहीं था, बल्कि उत्तराखंड में जन-सहभागिता आधारित शासन का एक प्रभावशाली उदाहरण था। इस कार्यक्रम ने यह भी स्पष्ट किया कि उत्तराखंड अब पारंपरिक पर्यटन स्थलों तक सीमित नहीं है, बल्कि यहां का हर गांव अपनी सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सौंदर्य के साथ एक संभावनाशील पर्यटन केंद्र बनता जा रहा है।
कार्यक्रम में मौजूद होम स्टे संचालकों ने सरकार की इस दूरदर्शी योजना की खुलकर सराहना की। उनका कहना था कि होम स्टे योजना ने विशेष रूप से पर्वतीय और सीमांत क्षेत्रों में न केवल रोजगार के अवसर पैदा किए हैं, बल्कि स्थानीय समुदायों को सम्मानजनक जीवन जीने की राह भी दिखाई है। यह योजना अब उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों में सामाजिक और आर्थिक बदलाव की धुरी बन चुकी है। मुख्यमंत्री की दृढ़ नीति, सक्रियता और ग्रामीण विकास के प्रति समर्पण को संचालकों ने इस परिवर्तन का असली कारण बताया।
आज उत्तराखंड का होम स्टे मॉडल केवल देश में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान बना रहा है। स्थानीय लोगों के घरों में चलने वाले ये होम स्टे अब वैश्विक पर्यटकों के लिए अनुभव आधारित पर्यटन का नया केंद्र बन चुके हैं। यह परिवर्तन किसी कल्पना का परिणाम नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर ईमानदारी, प्रतिबद्धता और सकारात्मक नेतृत्व से उपजा एक क्रांतिकारी बदलाव है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की दूरदर्शिता और जनसरोकारों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने यह सिद्ध कर दिया है कि अगर नेतृत्व ईमानदार और संवेदनशील हो, तो कोई भी प्रदेश अपनी सीमाओं को लांघकर वैश्विक मानचित्र पर नई ऊंचाइयां छू सकता है। उत्तराखंड आज न केवल पर्यटन का नया चेहरा बन रहा है, बल्कि ग्राम विकास, महिला सशक्तिकरण, युवा रोजगार और सांस्कृतिक संरक्षण के क्षेत्र में भी एक आदर्श राज्य के रूप में उभर रहा है—और इस परिवर्तन की कहानी की शुरुआत हुई है मुख्य सेवक संवाद जैसे दूरदर्शी कदमों से।