Sunday, December 7, 2025
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया बाल विज्ञान महोत्सव का शुभारंभ

Chief Minister Pushkar Singh Dhami inaugurated the Children’s Science Festival मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया बाल विज्ञान महोत्सव का शुभारंभ

रुद्रप्रयाग में आयोजित चतुर्थ सीमांत पर्वतीय जनपद बाल विज्ञान महोत्सव में 300 छात्र और वैज्ञानिक ले रहे हैं भाग

रुद्रप्रयाग | मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को चतुर्थ सीमांत पर्वतीय जनपद बाल विज्ञान महोत्सव का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उत्तराखंड नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) लागू करने वाला देश का पहला राज्य है, जहां तकनीकी शिक्षा, नवाचार और वैज्ञानिक सोच को प्राथमिकता दी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में युवाओं को भविष्य की तकनीकों से जोड़ने के लिए स्मार्ट क्लास, रोबोटिक्स और इनोवेशन लैब्स की स्थापना की जा रही है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पहली बार कक्षा 12 के व्यावसायिक छात्रों के लिए रोजगार मेले का आयोजन किया गया है, जो राज्य सरकार की युवाओं को हुनर और रोजगार से जोड़ने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

महोत्सव का आयोजन उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (UCOST) के तत्वावधान में 15–16 अक्टूबर को पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय, बणसू, जाखधार, गुप्तकाशी में किया जा रहा है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सीमांत क्षेत्रों में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार को प्रोत्साहित करना है।

इस दो दिवसीय राज्य स्तरीय आयोजन में लगभग 300 स्कूली छात्र-छात्राएं, देशभर के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक, विज्ञान संचारक और प्रदर्शक भाग ले रहे हैं। प्रतियोगिताओं में विज्ञान कविता पाठ (हिंदी व अंग्रेजी), विज्ञान मॉडल निर्माण, प्रश्नोत्तरी और बाल चौपाल जैसी गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। प्रतिभागियों को जूनियर (कक्षा 6–8) और सीनियर (कक्षा 9–12) वर्ग में विभाजित किया गया है।

इस वर्ष महोत्सव की थीम “जलवायु परिवर्तन अनुकूलन रणनीतियाँ एवं आपदा जोखिम प्रबंधन एकीकरण” निर्धारित की गई है। कार्यक्रम का संचालन मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन और यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत के निर्देशन में किया जा रहा है।

गौरतलब है कि इससे पूर्व यह विज्ञान महोत्सव चम्पावत, चमोली और पिथौरागढ़ जिलों में आयोजित किया जा चुका है।

मुख्यमंत्री धामी ने प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा, “सीमांत क्षेत्रों का वैज्ञानिक और तकनीकी विकास, सशक्त उत्तराखंड के निर्माण की दिशा में अहम कदम है।”

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नारायण परगाई – उत्तराखंड के डिजिटल पत्रकारिता के अग्रदूत पूरा नाम: नारायण परगाई जन्म स्थान: देहरादून, उत्तराखंड पेशा: वरिष्ठ पत्रकार, डिजिटल मीडिया विशेषज्ञ, सामाजिक विश्लेषक प्रसिद्धि: उत्तराखंड के पहले डिजिटल न्यूज़ पोर्टल के संस्थापक, सोशल मीडिया पत्रकारिता के जनक परिचय नारायण परगाई उत्तराखंड की पत्रकारिता जगत का एक जाना-पहचाना नाम हैं। देहरादून से आने वाले इस वरिष्ठ पत्रकार ने राज्य में डिजिटल पत्रकारिता की नींव रखने का कार्य किया। वे उन पहले पत्रकारों में शामिल हैं जिन्होंने समाचार को प्रिंट और टीवी की सीमाओं से बाहर निकालकर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया। इस दिशा में उन्होंने उत्तराखंड का पहला डिजिटल न्यूज़ पोर्टल शुरू किया, जिसने राज्य में ऑनलाइन खबरों की परंपरा को जन्म दिया। पत्रकारिता में योगदान नारायण परगाई जी को अक्सर “सोशल मीडिया का जनक” कहा जाता है क्योंकि उन्होंने न केवल सोशल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से समाचारों का प्रसार किया, बल्कि आम जनता को सूचना और संवाद के नए युग से जोड़ा। उनकी रिपोर्टिंग शैली तथ्यपरक, सामाजिक सरोकारों से जुड़ी और तकनीकी दृष्टि से आधुनिक मानी जाती है। उन्होंने समय-समय पर उत्तराखंड के सामाजिक, राजनीतिक और प्रशासनिक मुद्दों पर बेबाक लेखन किया है। उनके सुझाव और विश्लेषण न केवल पत्रकारों बल्कि सरकारी विभागों के लिए भी मार्गदर्शक सिद्ध होते हैं। नवाचार और तकनीकी दृष्टि नारायण परगाई जी नए विचारों और तकनीकी रुझानों को अपनाने के लिए जाने जाते हैं। वे निरंतर डिजिटल मीडिया, सोशल नेटवर्किंग, और नई पत्रकारिता तकनीकों पर कार्य कर रहे हैं। नई जानकारी, जनहितकारी विषयों और शासन-प्रशासन से जुड़ी खबरों को आधुनिक प्रस्तुति देने में उनकी विशेष पहचान है। प्रभाव और प्रेरणा देहरादून और पूरे उत्तराखंड में पत्रकारिता से जुड़े युवा नारायण परगाई को प्रेरणा स्रोत मानते हैं। उनकी कार्यशैली में ईमानदारी, तत्परता और नवीनता का समावेश है। वे मानते हैं कि “समाचार सिर्फ खबर नहीं, समाज को जोड़ने का माध्यम है।” उपलब्धियाँ और सम्मान उत्तराखंड में पहला डिजिटल न्यूज़ पोर्टल शुरू करने वाले पत्रकार सोशल मीडिया आधारित पत्रकारिता को मुख्यधारा में लाने का श्रेय कई समाचार संस्थानों व सामाजिक संगठनों द्वारा पत्रकारिता में नवाचार हेतु सम्मानित राज्य में डिजिटल जागरूकता और पारदर्शिता को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निष्कर्ष नारायण परगाई न सिर्फ एक पत्रकार हैं, बल्कि उत्तराखंड में डिजिटल सोच और मीडिया क्रांति के प्रतीक हैं। उनकी पहल ने यह साबित किया कि सच्ची पत्रकारिता समय के साथ बदल सकती है, लेकिन उसका उद्देश्य हमेशा एक ही रहता है — “सत्य को समाज तक पहुँचाना।”
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