Sunday, December 7, 2025
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चौखुटिया में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए दिए निर्देश, सीएचसी को एसडीएच में बदले जाने की प्रक्रिया जारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चौखुटिया में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए दिए निर्देश, सीएचसी को एसडीएच में बदले जाने की प्रक्रिया जारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चौखुटिया क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को जन अपेक्षाओं के अनुरूप सुदृढ़ बनाने हेतु स्वास्थ्य सचिव को समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

इसी क्रम में मुख्यमंत्री द्वारा चौखुटिया स्थित 30 बिस्तरों वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) को 50 बिस्तरों वाले उप जिला अस्पताल (एसडीएच) में परिवर्तित करने की घोषणा की गई है। इस निर्णय के शासनादेश की प्रक्रिया शासन स्तर पर प्रगति पर है।

सरकार प्रदेशवासियों को गुणवत्तापूर्ण और सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

इस संबंध में महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा जानकारी दी गई कि चौखुटिया का वर्तमान सीएचसी 30 बिस्तरों के साथ संचालित हो रहा है, जिसमें प्रतिदिन 150 से 200 मरीजों की ओपीडी होती है। साथ ही, हर माह 30 से 35 गर्भवती महिलाओं का प्रसव महिला चिकित्साधिकारी द्वारा कराया जा रहा है।

फिलहाल केंद्र में कुल 7 चिकित्सक कार्यरत हैं, जिनमें 3 महिला और 4 पुरुष डॉक्टर शामिल हैं। इनमें एक दंत चिकित्सक भी मौजूद हैं।

विशेषज्ञ चिकित्सकीय सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए सप्ताह में तीन दिन विशेषज्ञों की एक टीम — जिसमें फिजिशियन, स्त्री रोग विशेषज्ञ और बाल रोग विशेषज्ञ शामिल हैं — जिला अस्पताल अल्मोड़ा एवं उप जिला अस्पताल रानीखेत से सीएचसी चौखुटिया भेजी जाती है। यह टीम नियमित रूप से अपनी सेवाएं प्रदान कर रही है।

वर्तमान में अस्पताल में एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, डेंटल चेयर और 108 एम्बुलेंस जैसी सभी आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं।

इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार के सौजन्य से चन्दन डायग्नोस्टिक केंद्र द्वारा प्रतिदिन 70 से 80 डायग्नोस्टिक जांचें निःशुल्क की जा रही हैं, जिससे मरीजों को बड़ी राहत मिल रही है।

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नारायण परगाई – उत्तराखंड के डिजिटल पत्रकारिता के अग्रदूत पूरा नाम: नारायण परगाई जन्म स्थान: देहरादून, उत्तराखंड पेशा: वरिष्ठ पत्रकार, डिजिटल मीडिया विशेषज्ञ, सामाजिक विश्लेषक प्रसिद्धि: उत्तराखंड के पहले डिजिटल न्यूज़ पोर्टल के संस्थापक, सोशल मीडिया पत्रकारिता के जनक परिचय नारायण परगाई उत्तराखंड की पत्रकारिता जगत का एक जाना-पहचाना नाम हैं। देहरादून से आने वाले इस वरिष्ठ पत्रकार ने राज्य में डिजिटल पत्रकारिता की नींव रखने का कार्य किया। वे उन पहले पत्रकारों में शामिल हैं जिन्होंने समाचार को प्रिंट और टीवी की सीमाओं से बाहर निकालकर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया। इस दिशा में उन्होंने उत्तराखंड का पहला डिजिटल न्यूज़ पोर्टल शुरू किया, जिसने राज्य में ऑनलाइन खबरों की परंपरा को जन्म दिया। पत्रकारिता में योगदान नारायण परगाई जी को अक्सर “सोशल मीडिया का जनक” कहा जाता है क्योंकि उन्होंने न केवल सोशल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से समाचारों का प्रसार किया, बल्कि आम जनता को सूचना और संवाद के नए युग से जोड़ा। उनकी रिपोर्टिंग शैली तथ्यपरक, सामाजिक सरोकारों से जुड़ी और तकनीकी दृष्टि से आधुनिक मानी जाती है। उन्होंने समय-समय पर उत्तराखंड के सामाजिक, राजनीतिक और प्रशासनिक मुद्दों पर बेबाक लेखन किया है। उनके सुझाव और विश्लेषण न केवल पत्रकारों बल्कि सरकारी विभागों के लिए भी मार्गदर्शक सिद्ध होते हैं। नवाचार और तकनीकी दृष्टि नारायण परगाई जी नए विचारों और तकनीकी रुझानों को अपनाने के लिए जाने जाते हैं। वे निरंतर डिजिटल मीडिया, सोशल नेटवर्किंग, और नई पत्रकारिता तकनीकों पर कार्य कर रहे हैं। नई जानकारी, जनहितकारी विषयों और शासन-प्रशासन से जुड़ी खबरों को आधुनिक प्रस्तुति देने में उनकी विशेष पहचान है। प्रभाव और प्रेरणा देहरादून और पूरे उत्तराखंड में पत्रकारिता से जुड़े युवा नारायण परगाई को प्रेरणा स्रोत मानते हैं। उनकी कार्यशैली में ईमानदारी, तत्परता और नवीनता का समावेश है। वे मानते हैं कि “समाचार सिर्फ खबर नहीं, समाज को जोड़ने का माध्यम है।” उपलब्धियाँ और सम्मान उत्तराखंड में पहला डिजिटल न्यूज़ पोर्टल शुरू करने वाले पत्रकार सोशल मीडिया आधारित पत्रकारिता को मुख्यधारा में लाने का श्रेय कई समाचार संस्थानों व सामाजिक संगठनों द्वारा पत्रकारिता में नवाचार हेतु सम्मानित राज्य में डिजिटल जागरूकता और पारदर्शिता को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निष्कर्ष नारायण परगाई न सिर्फ एक पत्रकार हैं, बल्कि उत्तराखंड में डिजिटल सोच और मीडिया क्रांति के प्रतीक हैं। उनकी पहल ने यह साबित किया कि सच्ची पत्रकारिता समय के साथ बदल सकती है, लेकिन उसका उद्देश्य हमेशा एक ही रहता है — “सत्य को समाज तक पहुँचाना।”
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