मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सदैव अपनी व्यस्ततम दिनचर्या के बावजूद जनता के बीच समय निकालकर उनकी समस्याओं को सुनने और समाधान दिलाने को प्राथमिकता देते हैं। इसका जीवंत उदाहरण तब देखने को मिला जब प्रातःकाल ही उनके खटीमा आवास पर बड़ी संख्या में लोग अपनी-अपनी समस्याएँ लेकर पहुँचे।
मुख्यमंत्री ने बड़ी गंभीरता और धैर्य के साथ प्रत्येक व्यक्ति की बात ध्यानपूर्वक सुनी। किसी की समस्या भूमि से जुड़ी थी, किसी की रोजगार से, किसी की पारिवारिक परेशानी से तो किसी की प्रशासनिक स्तर पर अटकी हुई फाइल से। हर समस्या को सुनते हुए उन्होंने तुरंत ही संबंधित अधिकारियों को मौके पर मौजूद रहते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए और यह सुनिश्चित किया कि समाधान शीघ्र और पारदर्शी तरीके से किया जाए।
यह दृश्य अपने आप में दर्शाता है कि मुख्यमंत्री धामी केवल “सत्ता के शीर्ष” पर बैठे नेता नहीं हैं, बल्कि जनता के बीच रहने वाले जननायक हैं। उनका यह व्यवहार जनता के मन में यह विश्वास और मजबूत करता है कि उत्तराखण्ड का नेतृत्व ऐसे व्यक्ति के हाथों में है जो वास्तव में उनकी परेशानियों को अपनी जिम्मेदारी समझते हैं।
धामी की यही संवेदनशीलता और जनता के साथ सीधा संवाद उन्हें अन्य नेताओं से अलग पहचान देती है। जनता का कहना है कि— “हमारे मुख्यमंत्री सचमुच धाकड़ हैं, जो हर समय जनता की आवाज़ सुनने और उसे हल करने के लिए तत्पर रहते हैं।”