बीजेपी कई राज्यों में कैबिनेट मंत्रियों को हटाकर नए मंत्रियों की नियुक्ति कर सकती है, ऐसी जानकारी बीजेपी सूत्रों के हवाले से मिल रही है। विवादित मंत्रियों और भ्रष्टाचार की शिकायतों को सही पाए जाने पर ऐसे मंत्रियों को कैबिनेट से हटाया जा सकता है। उत्तराखंड राज्य की चर्चा दिल्ली में तेजी से हो रही है, लेकिन उत्तराखंड बीजेपी का कहना है कि ऐसी कोई जानकारी उनके पास नहीं है।
बिहार में बुधवार को नीतीश कुमार सरकार का कैबिनेट विस्तार हुआ। नीतीश कुमार की कैबिनेट में कुल सात विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली, और ये सभी मंत्री भाजपा कोटे से बनाए गए हैं। इन मंत्रियों में से दो को दरभंगा जिले से जगह मिली है।
उत्तर प्रदेश में भी अगले कुछ दिनों में मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है, जिसमें नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है। वहीं, जिन मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें हैं, उनकी छुट्टी की जा सकती है। यूपी में अगले आठ से दस दिन में मंत्रिमंडल विस्तार होने की संभावना है। महाकुंभ में व्यस्तता के कारण पहले कैबिनेट में बदलाव को रोका गया था, लेकिन अब कई बीजेपी शासित राज्यों के मंत्री भी भ्रष्टाचार की शिकायतों के चलते केंद्र की नजर में आ सकते हैं।
नए मंत्रिमंडल में तीन से चार नए चेहरों को जगह मिल सकती है, जबकि खराब प्रदर्शन और भ्रष्टाचार की शिकायतों के आधार पर दो से तीन मंत्रियों को हटाया जा सकता है। मंत्रिमंडल फेरबदल के दौरान कई मंत्रियों के विभाग भी बदल सकते हैं और 75 पार हो चुके नेताओं को आराम दिया जा सकता है। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने राज्यस्तर से फीडबैक लेने के बाद अपना होमवर्क पूरा कर लिया है, और मंत्रिमंडल में पश्चिमी यूपी की हिस्सेदारी बढ़ाने की योजना है।
मंत्रिमंडल में नए चेहरों को मौका देने का उद्देश्य कार्यकर्ताओं को यह संदेश देना है कि 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं की अनदेखी नहीं होने दी जाएगी।