Friday, December 19, 2025
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बनभूलपुरा: सुप्रीम कोर्ट फैसले से पहले सतर्कता, रेलवे अतिक्रमण मामले की कल सुनवाई

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हल्द्वानी स्थित बनभूलपुरा क्षेत्र में आगामी दो दिसंबर को होने वाली सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है। रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण से जुड़े इस बहुचर्चित मामले में सर्वोच्च न्यायालय कल सुनवाई करेगा, और संभव है कि अदालत अपना निर्णय भी सुना दे। मामले की संवेदनशीलता और संभावित स्थिति को देखते हुए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने रविवार को क्षेत्र का दौरा कर व्यवस्थाओं की समीक्षा की।

अधिकारियों ने बताया कि रेलवे ट्रैक से सटे क्षेत्र में वर्षों से रेलवे की भूमि पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हुआ है। रेलवे का कहना है कि बनभूलपुरा में लगभग 29 एकड़ जमीन पर करीब 4365 अतिक्रमणकारी बसे हुए हैं। कई वर्ष पहले रेलवे ने अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन मामला न्यायालय में चला जाने के कारण कार्रवाई रोकनी पड़ी थी।

सुनवाई से एक दिन पहले सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रविवार को बहुउद्देशीय भवन में एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में डीएम ललित मोहन रयाल ऑनलाइन शामिल हुए, जबकि रेलवे, आरपीएफ और अन्य विभागों के अधिकारियों ने भी भाग लिया।

एसएसपी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि कानून व्यवस्था को प्रभावित करने या सरकारी कार्रवाई में बाधा डालने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अवैध हथियार रखने, संसाधन जुटाने या अफवाह फैलाने वाले तत्वों से सख्ती से निपटा जाएगा।

उन्होंने बताया कि पर्याप्त संख्या में फोर्स तैनात की गई है और सुरक्षा उपकरण—जैसे हेलमेट, डंडे, बॉडी प्रोटेक्टर आदि—फोर्स को उपलब्ध करा दिए गए हैं। रेलवे ने भी अपने क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की है और सुनवाई वाले दिन आरपीएफ की विशेष तैनाती रहेगी।

बैठक में एसपी क्राइम डॉ. जगदीश चंद्र, एसपी सिटी मनोज कुमार कत्याल, नगर निगम के अधिकारी, रेलवे इंजीनियरिंग टीमें, आरपीएफ के अधिकारी, वन विभाग और यूपीसीएल के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।

प्रशासन ने रविवार को बनभूलपुरा को चार सेक्टरों में बांटकर व्यापक सत्यापन और चेकिंग अभियान चलाया। एएसपी लालकुआं दीपशिखा के नेतृत्व में हल्द्वानी, रामनगर और नैनीताल सर्किल के अधिकारियों ने इंदिरानगर, बड़ी रोड, छोटी रोड, शनिवार बाजार, ढोलक बस्ती, गफूर बस्ती, रेलवे स्टेशन परिसर और लाइन नंबर 1 से 18 तक सघन जांच की।

इस दौरान पुलिस ने लगभग 350–400 लोगों का सत्यापन किया। सत्यापन न मिलने पर 32 व्यक्तियों पर पुलिस एक्ट के तहत कार्रवाई की गई। यातायात नियमों के उल्लंघन पर 10 वाहन चालकों को चालान किया गया और नशे में वाहन चलाने पर एक वाहन सीज कर दिया गया।

एसएसपी ने बताया कि संवेदनशीलता को देखते हुए यह कार्रवाई एहतियातन की गई है ताकि किसी भी संभावित परिस्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सके।

रविवार को एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने बनभूलपुरा के संभ्रांत लोगों और समुदाय प्रतिनिधियों के साथ शांति कमेटी की बैठक भी आयोजित की। बैठक में उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सभी को सम्मान करना चाहिए और किसी भी तरह के दुष्प्रचार या भ्रामक संदेशों से बचना अनिवार्य है।

उन्होंने सोशल मीडिया पर उकसाने वाली सामग्री पोस्ट या फॉरवर्ड न करने की अपील करते हुए चेतावनी दी कि दुष्प्रचार करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एसएसपी ने कहा कि अराजक तत्वों की पहचान में समुदाय की सामूहिक जिम्मेदारी अहम है और सबको मिलकर शांति बनाए रखनी होगी।

बैठक में मौजूद सामाजिक प्रतिनिधियों और पार्षदों—जैसे मोहम्मद नबी, मौलाना मुफीम कासमी, सलीम सैफी, इमरान खान, तस्लीम अंसारी और धर्मवीर—ने भी फैसले का सम्मान करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने का आश्वासन दिया। बैठक में एसडीएम राहुल शाह, सिटी मजिस्ट्रेट गोपाल सिंह चौहान और सीओ सिटी अमित कुमार सैनी भी उपस्थित रहे।

एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने कहा कि प्रशासन सोशल मीडिया गतिविधियों पर नजर रख रहा है और खुफिया तंत्र को सक्रिय कर दिया गया है। उन्होंने दोहराया कि अदालत के आदेशों के पालन में सभी से सहयोग की अपेक्षा है और शांति व्यवस्था को बिगाड़ने वालों पर किसी भी स्तर पर ढिलाई नहीं बरती जाएगी।

उत्तराखंड की 40 हजार आंगनबाड़ी बहनों को बड़ी सौगात! मानदेय बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार—जल्द मिलेगी खुशखबरी

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देहरादून। उत्तराखंड की 40 हजार से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए बड़ी राहत की खबर है। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग ने मानदेय बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। सूत्रों के अनुसार, मानदेय में 1600 रुपये तक की बढ़ोतरी की संभावना है।

किच्छा में सरकारी भूमि पर ड्रोन से अतिक्रमण चिन्हित:अवैध मस्जिद सील, बिजली कनेक्शन पर FIR के निर्देश

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ऊधम सिंह नगर जिले के किच्छा में जिला विकास प्राधिकरण और पुलिस प्रशासन ने सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया। इस दौरान ग्राम सिरोली में ड्रोन की मदद से अवैध कब्जों को चिन्हित किया गया। कार्रवाई के तहत सरकारी भूमि पर बनी एक अवैध मस्जिद को सील कर दिया गया और उसके बिजली कनेक्शन पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए।

यह अभियान जिला विकास प्राधिकरण के वीसी जयकिशन, एडीएम पंकज उपाध्याय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा और एसडीएम गौरव पाण्डे की मौजूदगी में चलाया गया। अधिकारियों की टीम दल-बल के साथ मौके पर पहुंची और ड्रोन उड़ाकर क्षेत्र के नक्शे का विस्तृत अवलोकन किया।

ड्रोन सर्वेक्षण के दौरान सरकारी भूमि पर किए गए अतिक्रमण को चिन्हित किया गया। अधिकारियों ने अतिक्रमणकारियों को तत्काल भूमि खाली करने का निर्देश दिया। इसी क्रम में, सरकारी भूमि पर अवैध रूप से निर्मित एक मस्जिद के प्रतिनिधियों को बुलाया गया। जब काफी देर तक कोई नहीं आया, तो टीम ने मस्जिद को सील कर दिया।

मस्जिद में लगे अवैध विद्युत कनेक्शन को गंभीरता से लेते हुए विद्युत अधिकारियों को इस संबंध में रिपोर्ट दर्ज करने के निर्देश दिए गए। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नोटिस देने के बाद भी यदि भूमि खाली नहीं की गई, तो प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने की कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

अभियान के दौरान क्षेत्रवासियों में हड़कंप मचा रहा। मौके पर किच्छा और पुलभट्टा थाने की पुलिस टीम के साथ-साथ भारी संख्या में विभागीय कर्मचारी भी मौजूद रहे, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।

उत्तराखंड में 5 और 6 दिसंबर को बारिश का अलर्ट:पहाड़ी इलाकों में पारा गिरा, हरिद्वार और ऊधम सिंह नगर में धुंध

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उत्तराखंड में मौसम करवट लेने वाला है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, राज्य में 5 और 6 दिसंबर को पर्वतीय क्षेत्रों में गर्जन के साथ हल्की बारिश और बर्फबारी होने का पूर्वानुमान भी जारी किया है। शुक्रवार रात से तापमान तेजी से गिर जाएगा और ठंड बढ़ेगी।

प्रदेश में आज यानी एक दिसंबर को पहाड़ी इलाकों में पारा गिरा है, जिससे सुबह और शाम को ठंड महसूस हो रही है। मौसम शुष्क रहने के कारण दिन के समय पर सामान्य से ज्यादा बना हुआ है। लेकिन दो दिन के बाद पारे में और गिरावट आ सकती है।

हरिद्वार और ऊधम सिंह नगर में हल्की धुंध दिखी। इस बीच कई जिलों में सुबह और शाम के समय कोहरा पड़ने की चेतावनी दी गई है। राज्य के मैदानी इलाकों में सुबह के समय उथला कोहरा या कुहासा छाए रहने की संभावना जताई गई है। राजधानी देहरादून में आसमान मुख्यतः साफ रहेगा। यहां का अधिकतम तापमान लगभग 26°C और न्यूनतम तापमान करीब 9°C रहने की संभावना है।

यहां सुबह और शाम को ठंड बढ़ने लगी है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी इसी तरह के शुष्क मौसम के बने रहने की संभावना जताई है।

कुछ दिनों तक मौसम साफ रहेगा

पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में कहीं भी बारिश दर्ज नहीं की गई। प्रमुख मौसम केंद्रों पर दर्ज तापमान रविवार को इस प्रकार रहा- देहरादून का अधिकतम तापमान लगभग 26.4°C और न्यूनतम तापमान करीब 8.3°C रहा, पंतनगर का अधिकतम तापमान लगभग 24.3°C और न्यूनतम तापमान करीब 5°C रहा।

तो वहीं मुक्तेश्वर का अधिकतम तापमान लगभग 23°C और न्यूनतम तापमान करीब 7.8°C रहा। नई टिहरी का अधिकतम तापमान लगभग 20.5°C और न्यूनतम तापमान करीब 6.4°C रहा।

बागेश्वर जिला अस्पताल में गर्भवती महिला की मौत, डॉक्टर ने गर्भपात की दवा खाने की पुष्टि की

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बागेश्वर जिला अस्पताल में बेरीनाग से रेफर होकर आई 33 वर्षीय गर्भवती महिला कविता पाठक की मौत। डॉक्टर ने गर्भपात की दवा से अत्यधिक रक्तस्राव को बताया कारण। पुलिस ने शुरू की जांच।

बागेश्वर। जिला अस्पताल में रविवार सुबह इलाज के दौरान एक गर्भवती महिला की दुःखद मौत हो गई। 33 वर्षीय मृतक महिला कविता पाठक, पत्नी नरेश पाठक, निवासी संगोड़ कोटमन्या, थल की रहने वाली थीं। उन्हें गंभीर हालत में शनिवार देर शाम बेरीनाग अस्पताल से बागेश्वर जिला अस्पताल रेफर किया गया था, जहाँ उन्हें भर्ती कर उपचार शुरू किया गया।

घटना की सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस तुरंत मौके पर पहुँची और मामले की जाँच शुरू कर दी है। महिला का इलाज कर रही डॉक्टर रीमा उपाध्याय ने बताया कि कविता पाठक का गर्भ रुक गया था, जिसके बाद उन्होंने कथित तौर पर गर्भपात की दवा खा ली थी। इस कारण उन्हें अत्यधिक रक्तस्राव (Bleeding) हो रहा था।

डॉक्टर रीमा उपाध्याय ने स्पष्ट किया कि महिला की स्थिति बेहद नाज़ुक थी। टीम ने उन्हें बचाने का हर संभव प्रयास किया, लेकिन अत्यधिक रक्तस्राव के कारण उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ और अंततः उनकी मौत हो गई। इस घटना ने एक बार फिर असुरक्षित गर्भपात के खतरों को उजागर किया है।

जिला अस्पताल प्रबंधन ने तुरंत महिला की मौत की सूचना कोतवाली पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुँचकर शव को अपने कब्ज़े में लिया और आगे की क़ानूनी जाँच शुरू कर दी है। मृतका के पहले से ही दो छोटे बच्चे हैं। इस मामले में पुलिस इस बात की जाँच कर रही है कि महिला ने यह दवा कहाँ से और किसके कहने पर ली थी। अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी तरह के चिकित्सकीय निर्णय, खासकर गर्भपात के लिए, हमेशा योग्य डॉक्टरों की सलाह लें और अस्पताल की सेवाओं का ही उपयोग करें।

मिस्टर उत्तराखंड–2025: 18 फाइनलिस्ट्स की शानदार रैंपवॉक

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सिनमिट कम्युनिकेशंस द्वारा देहरादून के सेंट्रियो मॉल में आयोजित हुआ भव्य आयोजन,  विभिन्न जिलों से प्रतिभाओं ने किया प्रतिभाग

देहरादून। सिनमिट कम्युनिकेशंस की ओर से रविवार को कैंट रोड स्थित सेंट्रियो मॉल के स्काई लाउंज में मिस्टर उत्तराखंड–2025 (मिस्टर देहरादून–2025) का ग्रैंड फिनाले भव्य अंदाज़ में आयोजित किया गया। इस शानदार मंच पर 18 फाइनलिस्ट ने अलग-अलग राउंड में रैंप वॉक करते हुए दर्शकों और जजों का दिल जीत लिया।

इससे पहले हुए ऑडिशन राउंड में प्रदेशभर से सौ से अधिक युवाओं ने हिस्सा लिया था और अपनी-अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। रविवार को आयोजित हुए ग्रैंड फिनाले में प्रतिभागियों ने आत्मविश्वास से भरपूर अंदाज़ में रैंप वॉक कर अपनी स्टाइल, प्रेज़ेंस और ग्रूमिंग का परिचय दिया। विभिन्न डिजाइनर्स की ड्रेसेज पहनकर मॉडल्स ने फैशन और एलीगेंस का अनूठा संगम प्रस्तुत किया।

सिनमिट कम्युनिकेशंस के डायरेक्टर दलीप सिंधी ने बताया कि मिस्टर उत्तराखंड प्रतियोगिता के चौथे सीज़न की शुरुआत ऑडिशन राउंड से ही हो चुकी थी। इस दौरान पौड़ी, टिहरी, चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ सहित लगभग सभी जिलों से युवाओं ने भाग लिया, जो प्रदेश की प्रतिभा को एक बड़े मंच पर लाने का प्रयास है।

डायरेक्टर राजीव मित्तल ने कहा कि जिस तरह हर वर्ष मिस उत्तराखंड का आयोजन सफलतापूर्वक होता है, उसी तरह मिस्टर उत्तराखंड प्रतियोगिता भी निरंतर जारी रहेगी। उत्तराखंड की प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने और उन्हें प्लेटफॉर्म देने के उद्देश्य से इस तरह के आयोजन किए जा रहे हैं।

कार्यक्रम में विभिन्न सब-कॉन्टेस्ट के बाद मिस्टर उत्तराखंड–2025 का ग्रैंड फिनाले आयोजित किया गया। इस आयोजन में प्रायोजक के रूप में शेखर बाय मयंक, सेंट्रियो मॉल, न्यू ईरा फोटो स्टूडियो और इंस्पिरेशन पीआर एंड इवेंट्स का महत्वपूर्ण सहयोग रहा।

जजेज पैनल में इंद्राणी पांधी, एनी सिंह, हिमानी रावत, कशिश गोयल, अनिल शर्मा और रितु बहुगुणा मौजूद रहे। इसके अलावा मिस उत्तराखंड–2025 स्मृति रावत, फर्स्ट रनरअप वैष्णवी लोहानी, सेकेंड रनरअप आंचल फरस्वान के साथ याशिका सिंह, आशी धीमान, भूमि शर्मा, कविता सती और अन्य फाइनलिस्ट भी कार्यक्रम में उपस्थित रहीं।

सीएससी केन्द्रों पर डीएम ने तरेरी नजर; एक और सीएसी सेन्टर पर जिला प्रशासन ने लगाया ताला; किया सील

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जनसेवा केंद्र पर बिना आवेदकों के हस्ताक्षर के पाए गए दस्तावेज; पूछने पर जानकारी नहीं दे पाए सीएससी में कार्यरत स्टॉफ

तहसील परिसर स्थित रमन इन्टरप्राईजेज पर निरीक्षण के दौरान पाई गई अनियमियता

केंद्र में विभिन्न सेवाओं हेतु निर्धारित दर से अधिक शुल्क वसूली; अग्रिम आदेशों तक केंद्र संचालन किया बंद

उप जिलाधिकारी कुमकुम जोशी के नेतृत्व में जिला प्रशासन की कार्रवाई

जिलाधिकारी के निर्देश पर जिले के सीएससी सेंटर में चल रहा है छापेमारी अभियान निरंतर रहेगा जारी; अनियमितता पाए जाने पर लगेगा ताला

देहरादून।, जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देश पर जिला प्रशासन की टीम ने तहसील परिसर अवस्थित रमन एन्टरप्राईजेज, सीएससी सेंटर में औचक निरीक्षण एवं छापेमारी की कार्रवाई की। यह कार्रवाई उपजिलाधिकारी कुमकुम जोशी के नेतृत्व में की गई।
जिला प्रशासन द्वारा अनियमितता पाए जाने पर सीएससी सेंटर को सील करते हुए केंद्र पर ताला जड़ दिया है। निरीक्षण के दौरान केंद्र पर अनियमिताएं पाई गई ।

जनसेवा केंद्र पर विभिन्न योजनाओं के आवेदन अभिलेख पाए गए जिनमें आवेदकों के हस्ताक्षर नही थे। टीम द्वारा अभिलेखों के बारे में पूछे जाने पर सेंटर में मौजूद स्टॉफ जानकारी नहीं दे पाए साथ ही विभिन्न प्रमाण पत्र बनाने हेतु निर्धारित शुल्क से अधिक वसूली करना पाया गया तथा 27 नवम्बर 2025 से दैनिक रजिस्टर अद्यतन नही किए जाने व अन्य कई अनियमितताएं पाई गई। जिस पर जिला प्रशासन द्वारा सेन्टर को सील करते हुए अग्रिम आदेशों तक केंद्र का संचालन बंद कर दिया है। जिलाधिकारी के निर्देश पर जिले के सीएससी सेंटर में छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है सीएससी केन्द्रो पर अनियमितता पाए जाने पर ताला लगेगा।

निरीक्षण के दौरान टीम द्वारा केंद्र में संचालित विभिन्न सेवाओं, अभिलेखों, लेन-देन विवरणों तथा सेवा शुल्क आदि की गहन जांच की गई। जांच में कई अनियमितताएं, नियमों का अनुपालन न होना एवं सेवा प्रदायगी में गंभीर त्रुटियां पाई गईं। केंद्र संचालक द्वारा संतोषजनक उत्तर न दिए जाने एवं अनियमितताओं के प्रमाण मिलने पर प्रशासन ने देवभूमि सीएससी सेंटर को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया।

जिलाधिकारी सविन बंसल ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जन-सेवा से जुड़े किसी भी केंद्र पर अनियमितता, उपभोक्ता शोषण या पारदर्शिता का अभाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि “जनहित सर्वाेपरि है, और सेवाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु प्रशासन निरंतर सघन निरीक्षण अभियान जारी रखेगा।” इस कार्रवाई के दौरान प्रशासनिक टीम के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी भी उपस्थित रहे।

ABVP अधिवेशन कोई साधारण आयोजन नहीं, बल्कि राष्ट्रनिर्माण के पवित्र यज्ञ के प्रति समर्पित ऊर्जावान युवाओं का महासंगम

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को परेड ग्राउण्ड, देहरादून में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद 71 वें राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रो. यशवंत राव केलकर युवा पुरुस्कार से गोरखपुर के श्री श्रीकृष्ण पांडेय को सम्मानित भी किया। उन्होंने कहा कि श्री पांडेय ने ‘बाल भिक्षावृत्ति निर्मूलन’, ‘निस्सहाय मनोरोगियों की सेवा’ तथा ‘कारागार बंदियों के पुनर्वास’ की दिशा में कार्य करते हुए सामाजिक उत्तरदायित्व का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है।

मुख्यमंत्री ने देशभर से आये अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले वे भी विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता के रूप में विद्यार्थियों के बीच सक्रिय रूप से कार्य करते थे। उन अनुभवों ने उन्हें नेतृत्व और संगठन की समझ देने के साथ ही समाज सेवा के प्रति प्रतिबद्धता को भी मजबूत किया। वे मूल्य और आदर्श उनके जीवन की आधारशिला की तरह हैं, उन्हें प्रतिदिन अनुशासन के साथ सेवा पथ पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का यह राष्ट्रीय अधिवेशन कोई साधारण आयोजन नहीं है, बल्कि राष्ट्रनिर्माण के पवित्र यज्ञ के प्रति समर्पित ऊर्जावान युवाओं का महासंगम है।

मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि इस मंच से निकलने वाले विचार और संकल्प राष्ट्र निर्माण की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होंगे और देश के विकास और सामाजिक प्रगति को नई दिशा प्रदान करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि 1949 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का निर्माण हुआ, देश एक नए युग की ओर बढ़ रहा था। ऐसे समय में राष्ट्र निर्माण, समाज सुधार और सांस्कृतिक जागरण के लिए एक संगठित, जागरूक, संस्कारित और राष्ट्रवादी छात्रशक्ति की आवश्यकता थी। यह संगठन 77 वर्षों से व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण का कार्य करता आ रहा है। विद्यार्थी परिषद राष्ट्र के सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक और वैचारिक क्षेत्रों में भी व्यापक परिवर्तन लाने वाली अग्रणी शक्ति बनकर उभरा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की युवा शक्ति हमारे राष्ट्र की सबसे बड़ी पूंजी है, जो अपने परिश्रम, प्रतिभा और संकल्प के बल पर सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत के स्वप्न को साकार करने की क्षमता रखती है। इस ऊर्जा को सही दिशा और मार्गदर्शन से देश पुनः विश्व गुरु के रूप में स्थापित होगा। इस ऊर्जा का सही दिशा में उपयोग करके ही हम एक भारत, श्रेष्ठ भारत के सपने को साकार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में युवा शक्ति को राष्ट्र शक्ति मानकर विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में निरन्तर कार्य किये जा रहा है। आज स्टार्टअप इंडिया, स्किल इंडिया, डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, फिट इंडिया और नई शिक्षा नीति जैसी अनेक योजनाओं के माध्यम से युवाओं को उनकी प्रतिभा और क्षमता के अनुसार अवसर प्रदान किए जा रहे हैं।

इस अवसर पर केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री अजय टम्टा, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष प्रो. रघुराज किशोर तिवारी, महामंत्री डॉ. वीरेन्द्र सिंह सोलंकी एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

ऊधम सिंह नगर में कार ट्रैक्टर ट्रॉली से टकराई:2 की मौत, दो युवक गंभीर घायल; शादी से लौट रहे थे, पौड़ी के रहने वाले

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उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर में काली रंग की कार धान से लदी एक ट्रैक्टर ट्रॉली से टकरा गई। हादसे में दो युवकों की मौत हो गई। जबकि दो साथी गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसा गदरपुर में हुआ। यह घटना तब हुई जब वे लोग उत्तर प्रदेश के बिलासपुर से शादी से लौट रहे थे।

पुलिस के अनुसार, यह हादसा भाखड़ा पुल के पास हुआ। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। मृतकों की पहचान कोटद्वार के माधोपुर की तोमर कॉलोनी निवासी 24 वर्षीय आशीष बिष्ट और कैमरी बिलासपुर, रामपुर (उत्तर प्रदेश) निवासी 27 वर्षीय अतुल बिष्ट के रूप में हुई है। उनके साथी रोहित सिंह और राजेंद्र रावत गंभीर रूप से घायल हो गए।

घायलों का रुद्रपुर में इलाज जारी

आशीष, अतुल, रोहित और राजेंद्र UK06 BJ 7675 नंबर की कार से ग्राम नवाबगंज, बिलासपुर, रामपुर में शादी में शामिल होने गए थे। देर रात करीब चार बजे वे रुद्रपुर की ओर लौट रहे थे, तभी यह हादसा हुआ।हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय लोगों ने पुलिस को जानकारी दी।

थानाध्यक्ष संजय पाठक और पुलिस चौकी इंचार्ज मुकेश मिश्रा अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। घायलों को तत्काल इलाज के लिए रुद्रपुर भेजा गया, जबकि दोनों शवों का पंचनामा भरकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। मृतकों के परिवारों में हादसे की खबर से कोहराम मच गया है।

उत्तराखंड अब देश के सबसे संवेदनशील भूकंपीय जोन में, नया मानचित्र जारी होने के बाद सतर्कता बढ़ाई जाएगी

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देहरादून- भूकंप के खतरे को लेकर उत्तराखंड के लिए बड़ा अपडेट सामने आया है। भारतीय मानक ब्यूरो ने अपनी नई रीति संहिता–2025 के तहत भूकंपीय क्षेत्रीकरण मानचित्र को अपडेट करते हुए राज्य को जोन-6 में शामिल कर दिया है। यह देश का सबसे संवेदनशील भूकंप जोन माना जा रहा है। अब तक राज्य के हिस्सों को जोन-4 और जोन-5 में बांटा गया था, लेकिन नए वर्गीकरण के अनुसार पूरा उत्तराखंड अत्यधिक संवेदनशील श्रेणी में आ गया है।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस बदलाव से राज्य में भविष्य के निर्माण मानकों में बड़ा परिवर्तन होगा। भवनों, सड़कों और बड़े बांधों जैसी संरचनाओं के लिए अधिक मजबूत भूकंपरोधी तकनीक को अनिवार्य करना पड़ेगा।

विशेषज्ञों की राय: सभी पहाड़ी राज्य समान खतरे की श्रेणी में

वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के निदेशक डॉ. विनीत गहलोत ने बताया कि नया भूकंपीय मानचित्र करीब नौ साल बाद जारी किया गया है। वर्ष 2016 में पिछली बार जोनिंग की गई थी। उन्होंने कहा कि “अब सभी हिमालयी राज्यों को समान संवेदनशीलता वाले जोन-6 में शामिल करने का मतलब है कि जम्मू-कश्मीर से लेकर उत्तराखंड तक भूकंप का खतरा समान स्तर का माना जाएगा।”

गहलोत के अनुसार, पहले जोन-5 में आने वाले रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़ और बागेश्वर सबसे अधिक संवेदनशील माने जाते थे, लेकिन अब पूरे राज्य को यह श्रेणी प्राप्त हो गई है। इससे सभी निर्माण परियोजनाओं में एक समान मानक लागू होंगे।

श्रीनगर गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के भूगर्भ विभागाध्यक्ष प्रो. एम.पी.एस. बिष्ट ने कहा कि हिमालय की भू-भौतिक स्थितियां सभी राज्यों में लगभग समान हैं—चट्टानें, प्लेट सीमाएं और भू-आकृतिक संरचनाएं एक जैसी हैं। इसी वजह से जोनिंग को एक श्रेणी में समाहित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय भूतकाल के भूकंपों, उनकी तीव्रता और वैज्ञानिक डेटा के आधार पर लिया गया है।

राज्य में बढ़ेगी चेतावनी प्रणाली की क्षमता

उत्तराखंड भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के मिलन-बिंदु पर स्थित है, जिसके कारण यहां भूकंप की आशंका हमेशा बनी रहती है।
रिकॉर्ड के अनुसार, 1911 से अब तक प्रदेश में 6 से अधिक तीव्रता के 11 बड़े भूकंप दर्ज किए गए हैं। अब सरकार भूकंप चेतावनी प्रणाली को और मजबूत करने की तैयारी में है।

आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन के अनुसार~

राज्य में सेंसर और सायरनों की संख्या बढ़ाई जाएगी,

हाल ही में मॉक ड्रिल आयोजित की गई है,

और जन-जागरूकता कार्यक्रमों को और आगे बढ़ाया जाएगा।

ऐतिहासिक भूकंपों का रिकॉर्ड

28 अगस्त 1916 — उत्तराखंड में सबसे बड़ा भूकंप, तीव्रता 6.96

1975 से 2024 तक

3–4 तीव्रता वाले भूकंप: 320

4–5 तीव्रता वाले: 90

5–6 तीव्रता वाले: 34

6–7 तीव्रता वाले: 3

7 से अधिक तीव्रता वाला कोई भूकंप दर्ज नहीं

पहले जोन-4 और जोन-5 में बंटा था राज्य

पुराने मानचित्र में~

जोन-5 (अति संवेदनशील):
रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़

जोन-4:
उत्तरकाशी, टिहरी, देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल

अब पूरा प्रदेश जोन-6 में शामिल किया जा चुका है।

शहर जिनको पहले भी बताया गया सबसे संवेदनशील 

लोकसभा में 2021 में दिए गए एक जवाब में सरकार ने 38 अत्यधिक संवेदनशील शहरों की सूची जारी की थी, जिनमें उत्तराखंड के—
अल्मोड़ा, नैनीताल, देहरादून और रुड़की प्रमुख रूप से शामिल थे।