Sunday, December 7, 2025
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भाजपा युवा मोर्चा में कुमाऊं-गढ़वाल बैलेंस का फार्मूला, विपुल मैंदोली बने प्रदेश अध्यक्ष

भाजपा युवा मोर्चा में कुमाऊं-गढ़वाल बैलेंस का फार्मूला, विपुल मैंदोली बने प्रदेश अध्यक्ष

भाजपा युवा मोर्चा की प्रदेश इकाई में नेतृत्व परिवर्तन के साथ ही संगठन ने कुमाऊं-गढ़वाल के बीच संतुलन साधने की स्पष्ट कोशिश की है। ऋषिकेश निवासी विपुल मैंदोली को युवा मोर्चा का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वे लंबे समय से युवा मोर्चा से जुड़े हुए हैं और संगठन में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। माना जा रहा है कि विपुल मैंदोली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के करीबी माने जाते हैं।

इस पद को लेकर पिछले कई महीनों से चर्चाएं जारी थीं, और कई वरिष्ठ नेताओं की नजरें भी इस अहम जिम्मेदारी पर थीं। लेकिन तमाम दावेदारों को पीछे छोड़ते हुए आखिरकार पार्टी नेतृत्व ने मैंदोली के नाम पर मुहर लगाई।

युवा वर्ग को साधने की रणनीति

साल 2027 में प्रस्तावित उत्तराखंड विधानसभा चुनावों को देखते हुए भाजपा ने युवा मोर्चा के माध्यम से युवा वर्ग को साधने की रणनीति बनाई है। यही वजह है कि संगठन के इस बदलाव को राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

नई टीम में कुछ नए चेहरों को भी शामिल किए जाने की संभावना है, जिससे संगठन में नई ऊर्जा का संचार हो सके।

MULYAM RAWAT 2

महामंत्री पदों पर भी संतुलन

भाजपा ने दो प्रदेश महामंत्रियों की भी घोषणा की है:

  • दीपेंद्र कोश्यारी, नैनीताल निवासी और पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के भतीजे
  • मुलायम सिंह रावत, टिहरी निवासी

दीपेंद्र कोश्यारी की यह सक्रिय राजनीति में नई पारी मानी जा रही है। लंबे समय से उनके किसी पद पर नियुक्त होने की चर्चा थी, लेकिन अब युवा मोर्चा के महामंत्री के रूप में उन्हें जिम्मेदारी दी गई है। वहीं, मुलायम सिंह रावत भी संगठन में लंबे समय से सक्रिय रहे हैं और उन्हें टिहरी गढ़वाल से संगठनात्मक संतुलन साधने के लिए अहम भूमिका सौंपी गई है।

DIPENDRA KOSHYARI

दिल्ली दरबार से संतुलन की मुहर

सूत्रों के अनुसार, भाजपा नेतृत्व युवा मोर्चा का अध्यक्ष पद कुमाऊं मंडल को देने की योजना में था, लेकिन जिन दो नामों पर सहमति नहीं बन पाई, उनके स्थान पर नया नाम तलाशा गया और अंततः विपुल मैंदोली पर सहमति बनी।

पूर्व युवा मोर्चा अध्यक्ष शंशाक रावत, जो बच्ची सिंह रावत के बेटे हैं, के कार्यकाल को लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया रही। उनके प्रदर्शन को लेकर दिल्ली नेतृत्व पूरी तरह संतुष्ट नहीं था, यही कारण रहा कि उन्हें दोबारा मौका नहीं दिया गया।

फिलहाल, दोनों महामंत्री — दीपेंद्र कोश्यारी (कुमाऊं) और मुलायम सिंह रावत (गढ़वाल) — मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के करीबी माने जाते हैं, जिससे नेतृत्व के साथ बेहतर तालमेल की उम्मीद की जा रही है।

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