नए प्रदेश अध्यक्ष पर बीजेपी कर सकती है नव प्रयोग,
पहली बीजेपी की हो सकती है महिला?
देहरादून भारतीय जनता पार्टी हाईकमान किसी महिला को भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है ऐसी चर्चित बाते राजनैतिक गलियारों में चर्चा है उत्तराखंड में बीजेपी का नव प्रयोग देश भर में बढ़ा संदेश दे सकता है
दिल्ली राज्य महिला मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को बनाए जाने के बाद से ये राजनीतिक सरगर्मियां तेज हुई है कि भाजपा में भी अब अपने संगठन में महिलाओं को अग्रिम राजनीति करने की आजादी दी जा सकती है।
उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार नेभविष्य में संसद में महिलाओं के 33 प्रतिशत आरक्षण के बाद से भाजपा ने महिलाओं को मुख्य नेतृत्व से जोड़ने की भविष्य की योजना बनाई है।

मतदाता के रूप में पच्चास प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व रखने वाली महिलाओं को राजनीति में आगे करनी की सोच के पीछे आरएसएस की योजना बताई जाती है। ऐसा बताया जाता है कि आरएसएस के हस्तक्षेप के कारण ही दिल्ली की मुख्यमंत्री महिला बनी है।
सूत्र बताते है कि आरएसएस के द्वारा बीजेपी हाईकमान को ये सुझाव दिया गया है कि छोटे राज्यों में ये राजनीतिक प्रयोग किया जाए , ऐसे में उत्तराखंड को वैसे भी बीजेपी की राजनीतिक प्रयोगशाला के रूप में देखा जाता रहा है, इसलिए ऐसी चर्चा है कि उत्तराखंड में बीजेपी के नए अध्यक्ष के रूप में किसी महिला का नाम तय किया जाएगा।
2027 की राजनैतिक पिच पर महिला वर्ग को ध्यान में रखकर अगर बीजेपी उत्तराखंड में महिला को अपना अध्यक्ष बनाती है तो महिला मतदाता को अपने पक्ष में किए जाने का माहौल बना सकती है इसका लाभ बीजेपी को मिलना तय है राजनैतिक गलियारों में ऐसी चर्चा है बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के नाम को लेकर धामी सरकार राज्य में बेहतर वर्क आउट कर रही है महिला को अध्यक्ष बनाए जाने से पुरुष वर्ग की गुटबाजी को भी खत्म किया जा सकता है राज्य की आधी आबादी वाली महिला मतदाताओं को इसके माध्यम से साधा जा सकता है।
कौन कौन हो सकता है दावेदार:
उत्तराखंड में कुछ महिलाएं ऐसी है जोकि बीजेपी फ्रंट लाइन की राजनीति का देश में प्रतिनिधित्व कर रही है। इनमें दीप्ति रावत भारद्वाज, नेहा जोशी का नाम लिया जा रहा है, तीसरा नाम वर्तमान बीजेपी महिला मोर्चा के अध्यक्ष आशा नौटियाल का है। ये तीनों बीजेपी कैडर से मानी जाती है।